नई दिल्ली/नोएडा: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अनिल दुजाना का उसके पैतृक गांव दुजाना में शुक्रवार को अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. वहीं सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए गांव में पहले से ही पीएसी और पुलिस को तैनात कर दिया गया था. भारी सुरक्षा के बीच गांव के श्मशान में अनिल दुजाना का अंतिम संस्कार हुआ.
दरअसल, अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर गौतम बुद्ध नगर के दुजाने गांव का रहने वाला था, जो लगभग दो दशक से अपराध की दुनिया का पर्याय बन चुका था. अनिल दुजाना पर 65 से ज्यादा लूट, हत्या, अपहरण और रंगदारी सहित अन्य के मामले दर्ज थे, जिनमें कई बार वह जेल गया था. बृहस्पतिवार को स्पेशल टास्क फोर्स की मेरठ यूनिट से मेरठ में उसकी मुठभेड़ हो गई, जिसमे पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद शुक्रवार को उसके पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार में भारी भीड़ देखने को मिली.
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अपराधियों की लिस्ट में शामिल था अनिल दुजाना का नाम: कुख्यात अनिल दुजाना पर कई दर्जन लूट, हत्या, डकैती, अपहरण, फ़िरौती और रंगदारी सहित अन्य धाराओं में दर्जनों मामले दर्ज है. प्रदेश सरकार की अपराधियों की जारी की गई लिस्ट में अनिल दुजाना का नाम शामिल था. अनिल दुजाना कुछ दिन पहले ही जेल से रिहा होकर आया था और बृहस्पतिवार को स्पेशल टास्क फोर्स की मेरठ यूनिट और अनिल दुजाना के बीच मेरठ में मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से अनिल दुजाना ढेर हो गया.
पिछले 20 वर्षों से गांव नहीं आया था अनिल दुजाना: कुख्यात अनिल दुजाना की मौत के बाद गौतम बुध नगर में उसके पैतृक गांव दुजाना में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. हालांकि गांव के लोगों ने बताया कि अनिल लगभग पिछले 20 वर्षों से वह गांव में नहीं आया. जब उसके माता और पिता की मौत हुई थी तब भी अनिल दुजाना गांव में नहीं आया था. अनिल दुजाना की एनकाउंटर में मारे जाने के बाद गांव के लोग अनिल दुजाना के बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
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