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जेल भेजे गए साथियों की रिहाई को लेकर आंदोलनरत किसानों ने निकाला कैंडल मार्च

एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रसूलपुर गांव में कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च में भारी संख्या में युवा, महिलाएं और किसान शामिल हुए. किसानों की मांग है की उनकी लंबित मांगो को पूरा करने के साथ ही गिरफ्तार किए गए किसानों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए.

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Published : Nov 17, 2022, 10:31 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: एनटीपीसी प्लांट के बाहर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार शाम रसूलपुर गांव में कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च के दौरान जेल भेजे गए किसान नेता सुखबीर खलीफा की रिहाई की मांग की गई और एनटीपीसी मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए गए. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी और जेल भेजे गए किसानों को बिना शर्त रिहा नहीं किया जाएगा तब तक उनका आंदोलन लगातार चलता रहेगा. कैंडल मार्च में भारी संख्या में महिलाएं, युवा सहित किसान शामिल हुए.

एनटीपीसी प्लांट के बाहर 24 गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर 1 नवंबर को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं सहित किसान घायल हो गए. उसके बाद पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए और किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित पर एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया. जेल भेजे गए किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर किसान एनटीपीसी के पास रसूलपुर गांव में आंदोलन कर रहे हैं.

किसानों ने निकाला कैंडल मार्च
गुरुवार शाम को एनटीपीसी के पास रसूलपुर में आंदोलन कर रहे किसानों ने जेल भेजे गए किसानों की रिहाई की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च में युवा महिलाएं व किसान भारी संख्या में शामिल हुए. कैंडल मार्च के दौरान किसान नेता सुखबीर खलीफा की रिहाई में एनटीपीसी मुर्दाबाद के नारे लगाए.
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ये भी पढ़ें: जेल में बंद किसानों की रिहाई के लिए 18 नवंबर को पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव करेंगे किसान

इन मांगो को लेकर चल रहा है किसानों का आंदोलन

एनटीपीसी प्लांट के लिए 24 गांवों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसमें सरकार ने 22 सौ किसानों से जमीन ली और एनटीपीसी प्लांट बनाया गया. जिन किसानों से एनटीपीसी के लिए जमीन ली गई थी उस समय उन किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था. उसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान एनटीपीसी से एक समान मुआवजा, प्रत्येक परिवार को रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य सहित कई मांगों को लेकर 1 नवंबर को प्लांट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें की और लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें 1 दर्जन से ज्यादा महिलाएं सहित किसान घायल हो गए, इसके साथ ही पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए. वहीं किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल भेज दिया.

जेल भेजे गए किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर किसान रसूलपुर गांव में आंदोलन चला रहे हैं. इसी को लेकर किसानों ने बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में एलजी गोल चक्कर से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च किया था. जिसके बाद जिलाधिकारी व पुलिस के अधिकारियों से वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने जल्द ही किसानों की रिहाई का आश्वासन दिया था. लेकिन उसके बाद भी जेल भेजे गए किसानों को अभी तक रिहा नहीं किया गया है. गुरुवार की शाम आंदोलन कर रहे किसानों ने धरना स्थल से लेकर रसूलपुर गांव में कैंडल मार्च निकाला.

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नई दिल्ली/नोएडा: एनटीपीसी प्लांट के बाहर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार शाम रसूलपुर गांव में कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च के दौरान जेल भेजे गए किसान नेता सुखबीर खलीफा की रिहाई की मांग की गई और एनटीपीसी मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए गए. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी और जेल भेजे गए किसानों को बिना शर्त रिहा नहीं किया जाएगा तब तक उनका आंदोलन लगातार चलता रहेगा. कैंडल मार्च में भारी संख्या में महिलाएं, युवा सहित किसान शामिल हुए.

एनटीपीसी प्लांट के बाहर 24 गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर 1 नवंबर को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं सहित किसान घायल हो गए. उसके बाद पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए और किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित पर एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया. जेल भेजे गए किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर किसान एनटीपीसी के पास रसूलपुर गांव में आंदोलन कर रहे हैं.

किसानों ने निकाला कैंडल मार्च
गुरुवार शाम को एनटीपीसी के पास रसूलपुर में आंदोलन कर रहे किसानों ने जेल भेजे गए किसानों की रिहाई की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च में युवा महिलाएं व किसान भारी संख्या में शामिल हुए. कैंडल मार्च के दौरान किसान नेता सुखबीर खलीफा की रिहाई में एनटीपीसी मुर्दाबाद के नारे लगाए.
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इन मांगो को लेकर चल रहा है किसानों का आंदोलन

एनटीपीसी प्लांट के लिए 24 गांवों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसमें सरकार ने 22 सौ किसानों से जमीन ली और एनटीपीसी प्लांट बनाया गया. जिन किसानों से एनटीपीसी के लिए जमीन ली गई थी उस समय उन किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था. उसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान एनटीपीसी से एक समान मुआवजा, प्रत्येक परिवार को रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य सहित कई मांगों को लेकर 1 नवंबर को प्लांट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें की और लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें 1 दर्जन से ज्यादा महिलाएं सहित किसान घायल हो गए, इसके साथ ही पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए. वहीं किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल भेज दिया.

जेल भेजे गए किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर किसान रसूलपुर गांव में आंदोलन चला रहे हैं. इसी को लेकर किसानों ने बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में एलजी गोल चक्कर से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च किया था. जिसके बाद जिलाधिकारी व पुलिस के अधिकारियों से वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने जल्द ही किसानों की रिहाई का आश्वासन दिया था. लेकिन उसके बाद भी जेल भेजे गए किसानों को अभी तक रिहा नहीं किया गया है. गुरुवार की शाम आंदोलन कर रहे किसानों ने धरना स्थल से लेकर रसूलपुर गांव में कैंडल मार्च निकाला.

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