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सोसाइटियों के बकाया पानी बिल का विवाद का होगा निस्तारण, प्राधिकरण को करोड़ों का फायदा - ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा पानी की सप्लाई

ग्रेटर नोएडा के सोसाइटियों के बकाया पानी बिल का विवाद का जल्द निस्तारण हो जाएगा. इससे प्राधिकरण को 65 करोड़ रुपए का फायदा होगा.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
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Published : Aug 21, 2023, 9:19 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा व ग्रेनो वेस्ट में पानी के बकाया बिल को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद जल्द समाप्त हो जाएगा. प्राधिकरण ने कहा है कि अपार्टमेंट्स ओनर्स एसोसिएशन (एओए) के गठन की तिथि से बकाया पानी का बिल एओए को जमा करना होगा. जबकि, उससे पहले का पानी का बकाया बिल बिल्डर द्वारा जमा किया जाएगा.

दरअसल, सोसाइटी में पानी की सप्लाई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा की जाती है. प्राधिकरण इसकी एवज में सोसायटी निवासियों से बिल लेता है. वहीं, कई सोसाइटियों में पानी के बिल का करोड़ों रुपया प्राधिकरण का अटका है, जिसको लेकर बिल्डर और एओए आमने-सामने है. दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर बिल जमा नहीं कर रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 200 सोसायटी विकसित हो चुकी है. इनमें से अब तक 35 सोसाइटियों के पानी के बिल को लेकर बिल्डर व एओए में लंबे समय से विवाद चल रहा है. अब तक कोई भी स्पष्ट पॉलिसी नहीं होने के कारण अर्चन आ रही थी. बिल्डर हैंड ओवर होते ही सभी बकाया देयता के लिए एओए को जिम्मेदार बताने लगे हैं. जबकि एओए हैंड ओवर से पहले की सभी देयता के लिए बिल्डर को जिम्मेदार मानते हैं.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बीते दिनों प्राधिकरण कार्यालय में हुए बोर्ड बैठक में बीच का रास्ता निकाला गया. जिसपर बोर्ड ने मोहर लगा दी. अब अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के गठन की तिथि से पानी का बिल एओए द्वारा दिया जाएगा. वहीं, इससे पहले का बिल बिल्डर को जमा करना होगा. इससे प्राधिकरण को पानी का बकाया बिल लगभग 65 करोड़ रुपए आसानी से प्राप्त हो जाएगी. साथ ही प्राधिकरण की इस पहल से बिल्डर और एओए के बीच विवाद का निस्तारण भी हो जाएगा.

ये भी पढ़ें:

  1. Farmers Protest: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों ने किया हल्ला बोल प्रदर्शन
  2. वॉकी-टॉकी से लैस होगी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य टीम, जल्द दी जाएगी ट्रेनिंग

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दरअसल, सोसाइटी में पानी की सप्लाई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा की जाती है. प्राधिकरण इसकी एवज में सोसायटी निवासियों से बिल लेता है. वहीं, कई सोसाइटियों में पानी के बिल का करोड़ों रुपया प्राधिकरण का अटका है, जिसको लेकर बिल्डर और एओए आमने-सामने है. दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर बिल जमा नहीं कर रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 200 सोसायटी विकसित हो चुकी है. इनमें से अब तक 35 सोसाइटियों के पानी के बिल को लेकर बिल्डर व एओए में लंबे समय से विवाद चल रहा है. अब तक कोई भी स्पष्ट पॉलिसी नहीं होने के कारण अर्चन आ रही थी. बिल्डर हैंड ओवर होते ही सभी बकाया देयता के लिए एओए को जिम्मेदार बताने लगे हैं. जबकि एओए हैंड ओवर से पहले की सभी देयता के लिए बिल्डर को जिम्मेदार मानते हैं.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बीते दिनों प्राधिकरण कार्यालय में हुए बोर्ड बैठक में बीच का रास्ता निकाला गया. जिसपर बोर्ड ने मोहर लगा दी. अब अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के गठन की तिथि से पानी का बिल एओए द्वारा दिया जाएगा. वहीं, इससे पहले का बिल बिल्डर को जमा करना होगा. इससे प्राधिकरण को पानी का बकाया बिल लगभग 65 करोड़ रुपए आसानी से प्राप्त हो जाएगी. साथ ही प्राधिकरण की इस पहल से बिल्डर और एओए के बीच विवाद का निस्तारण भी हो जाएगा.

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