नई दिल्ली: दिल्ली की सनलाइट कालोनी पुलिस ने एक गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गैंग के सदस्य 40 रुपये में सवारी को बस अड्डे से रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने की बात कहते. सवारी जब गाड़ी में बैठ जाता तो चाकू या कट्टा दिखाकर उसे लूट लेते. इनकी गिरफ्तारी से 9 वारदातों को सुलझाने का दावा पुलिस ने किया है.
चाकू दिखाकर लूटा
डीसीपी चिन्मय बिश्वाल के अनुसार 7 जून की शाम एक शख्स अपने दोस्त के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने के लिए महारानी बाग में बस का इंतजार कर रहे थे. उसी दौरान वहां पर एक स्विफ्ट डिजायर कार आई जिसके चालक ने बताया कि वह 40 रुपये प्रत्येक सवारी के हिसाब से उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ देगा. इस गाड़ी में पहले से ही 2 लोग बैठे हुए थे.पीड़ित अपने साथी सहित इस गाड़ी में बैठ गए. गाड़ी जब लोधी कॉलोनी के पास पहुंची तो कार में पहले से सवार लोगों ने उन्हें चाकू दिखाकर बंधक बना लिया और उनका सामान, नकदी और एटीएम कार्ड लूट लिए. उनकी पिटाई कर एटीएम के पासवर्ड भी ले लिया जिसकी मदद से उन्होंने 6500 रुपए निकाल लिए थे. इस बाबत सनलाइट कॉलोनी में लूट का मामला दर्ज किया गया था.
त्रिलोकपुरी के गैंग ने दिया वारदात को अंजाम
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ हनुमंत सिंह की देखरेख में एसआई भरत सिंह और ब्रह्मदत्त की टीम ने छानबीन शुरु की. इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि इस वारदात के पीछे त्रिलोकपुरी में रहने वाला एक गैंग शामिल हो सकता है. वो इसी तरह की वारदातों को अंजाम देता है. इस गैंग का सरगना विशाल है. इसके बाद से पुलिस इस गैंग के आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी.
डीएनडी से गिरफ्तार हुए 2 बदमाश
पुलिस को सूचना मिली कि इस गैंग के सदस्य डीएनडी के पास आएंगे. डीएनडी के रास्ते दिल्ली आ रहे कार सवार सतेंद्र उर्फ गंजा और साहुल उर्फ सुनील को पुलिस टीम ने पकड़ लिया. तलाशी में इनके पास से एक देसी कट्टा और एक कारतूस बरामद हुआ. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मामला सनलाइट कॉलोनी थाने में दर्ज किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह त्रिलोकपुरी में रहते हैं और विशाल के साथी हैं. वह बीते जून माह में ही जेल से छूटकर आए थे. इसके बाद वे लगातार वारदात कर रहे थे. उनकी निशानदेही पर उनके तीसरे साथी राहुल को त्रिलोकपुरी से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से 14 मोबाइल, 5200 रुपए नगद और एक स्कूटी बरामद की गई है.
ऐसे वारदात को देते थे अंजाम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सतेंद्र ने इस लूट को अंजाम देने के लिए स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी. इसका कमर्शियल पंजीकरण भी उसने कराया था. वह रेलवे स्टेशन और बस अड्डा को जाने वाले लोगों को निशाना बनाते थे. सतेंद्र कैब चलाता था जबकि गैंग के अन्य सदस्य सवारी बनकर उसमें बैठ जाते थे. वह रास्ते में सस्ते में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पहुंचाने का झांसा देकर सवारी को बिठाते और फिर हथियार के बल पर उन्हें लूट लेते थे.
पहले भी आपराधिक वारदातों में शामिल
सतेंद्र के खिलाफ पहले से छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. साहुल के खिलाफ दो और राहुल के खिलाफ एक मामला दर्ज है. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से फिलहाल 9 वारदातों को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस इस गैंग के सरगना विशाल की तलाश कर रही है.