नई दिल्लीः दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आज पल्ला क्षेत्र में डीजेबी द्वारा किए जा रहे जल संवर्धन परियोजना का निरीक्षण किया. इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. साथ ही ट्यूबवेल के सभी काम को नियंत्रित करने और निगरानी करने के लिए बनाए गए स्वचालन केंद्र का भी दौरा किया.
इस दौरान उन्होंने वाटर ऑडिटिंग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने भविष्य में निकासी के लिए फ्लोमीटर लगाने का निर्देश दिया, ताकि पानी की बर्बादी न हो. राघव चड्ढा ने कहा कि डीजेबी के वाटर मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार लाने के लिए, अतिरिक्त 25 एमजीडी पानी को निकाला जाना चाहिए.
'24 घंटे पानी की आपूर्ति में कोई कसर न छोड़ें'
राघव चड्ढा ने अधिकारियों से कहा कि वह दिल्ली में 24 घंटे निर्बाध जल आपूर्ति में कोई कसर न छोड़ें. उन्होंने कहा कि डीजेबी पहले ही पल्ला क्षेत्र से 25 एमजीडी पानी निकाल रहा है. अनुमान है कि 25 एमजीडी पानी निकालने के लिए 200 नलकूपों की आवश्यकता होगी. इसलिए इसकी स्थापना का काम चल रहा है. यह 2 साल में पूरा हो जाएगा. निकाले गए पानी को उत्तरी और उत्तरी पश्चिम दिल्ली में पानी की आपूर्ति के लिए मुख्य आपूर्ति से जोड़ा जाएगा. जिससे वहां निर्बाध पानी की आपूर्ति हो सके.
बाढ़ प्रभावित मैदानों का भी किया दौरा
राघव चड्ढा ने अधिकारियों के साथ बाढ़ संभावित मैदानों का भी दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ के पानी की कटाई की महत्वाकांक्षी योजना का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यह परियोजना दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा किया जा रहा है और डीजेबी इस परियोजना में सभी प्रकार की सहायता प्रदान कर रहा है.
राघव चड्ढा ने 1.75 एकड़ की गहराई वाले 25 एकड़ के तालाब की भी जांच की. उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान पानी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए 2 किमी की दूरी तक 35 से अधिक पाईजोमीटर लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि हम इसमें कई तकनीकी समितियों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के साथ चर्चा कर रहे हैं कि इस परियोजना में भूजल स्तर को बढ़ाने की कितनी क्षमता है.