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Engineering Landfill Site: तेहखंड में बन रहा है दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट, जानें क्या है इसकी खासियत - तेहखंड में बन रहा है इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट

दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तेहखंड इलाके में बनाया जा रहा है. इस साइट को बनाने के पीछे का उद्देश्य दिल्ली में और कूड़े का पहाड़ न खड़ा करना है. इस लैंडफिल साइट को इस तरह से बनाया जा रहा है कि इसमें कूड़ा डंप भी होगा और कूड़े का पहाड़ भी खड़ा नहीं होगा.

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Published : May 14, 2023, 8:35 AM IST

दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ की एक बड़ी समस्या है, जिसको खत्म करने को लेकर लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं. दिल्ली में अब कोई और लैंडफिल साइट ना बने, इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं. इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया गया है. वहीं अब एक खास तरीके का लैंडफिल साइट बनाया जा रहा है, जिसका नाम इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट है, जो दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तेहखंड में बनाया जा रहा है. यह दिल्ली दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट होगा.

इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट का निरीक्षण दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबरॉय ने किया था और उन्होंने कहा था कि दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट के निर्माण पर काम चल रहा है. इसको लेकर समय सीमा अगस्त 2023 तक तय की गई है. बता दें इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट में लैंडफिल साइट की तरह कूड़े को डंप नहीं किया जाता और ना ही यहां कूड़े का पहाड़ बनता है.

क्या है इंजीनियरिंग लैंडफिल साइटः दरअसल इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट एक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसके तहत एक गड्ढा खोदा जाता है और इसमें नीचे का एक लेयर प्लास्टिक वाटरप्रूफ बनाया जाता है फिर मिट्टी डाली जाती है. फिर सीमेंट कंक्रीट का एक लेयर बनाया जाता है उसके बाद उसको तैयार किया जाता है. फिर गड्ढ़े में कूड़े को डाला जाता है. कूड़े को कम्पोस्ट करने के बाद इस का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरफ कूड़े का निष्पादन भी हो जाता है और कूड़ा एक जगह एकत्रित होकर कूड़े का किला भी नहीं बनता है. दिल्ली के ओखला, गाजीपुर और भलस्वा में स्थित लैंडफिल साइट पर कूड़े की वजह से कूड़े का पहाड़ बन गया है.

ये भी पढे़ंः Mothers Day Special: सिंगल मदर को निभानी पड़ती है दोहरी भूमिका, जानें ऐसी ही मांओं के संघर्ष की कहानी

बता दें दिल्ली के ओखला लैंडफिल साइट सहित अन्य लैंडफिल साइट की ऊंचाई को कम करने और यहां से कूड़े को खत्म करने को लेकर के कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में ओखला स्थित लैंडफिल साइट को काम करने को लेकर यहां पर एक बेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया गया है और यहां पर आने वाले कूड़े का निष्पादन कर बिजली बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन बीते वर्ष नगर निगम चुनाव से पहले अक्टूबर में गृह मंत्री अमित शाह ने किया था. अब यहीं पर नगर निगम के द्वारा इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट भी बनाया जा रहा है, जो दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट होगा.

ये भी पढ़ेंः Misbehaviour in Flight: दिल्ली से लंदन जा रही फ्लाइट में क्रू मेंबर्स से मारपीट, यात्री पर लगा दो साल का बैन

दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ की एक बड़ी समस्या है, जिसको खत्म करने को लेकर लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं. दिल्ली में अब कोई और लैंडफिल साइट ना बने, इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं. इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया गया है. वहीं अब एक खास तरीके का लैंडफिल साइट बनाया जा रहा है, जिसका नाम इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट है, जो दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तेहखंड में बनाया जा रहा है. यह दिल्ली दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट होगा.

इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट का निरीक्षण दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबरॉय ने किया था और उन्होंने कहा था कि दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट के निर्माण पर काम चल रहा है. इसको लेकर समय सीमा अगस्त 2023 तक तय की गई है. बता दें इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट में लैंडफिल साइट की तरह कूड़े को डंप नहीं किया जाता और ना ही यहां कूड़े का पहाड़ बनता है.

क्या है इंजीनियरिंग लैंडफिल साइटः दरअसल इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट एक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसके तहत एक गड्ढा खोदा जाता है और इसमें नीचे का एक लेयर प्लास्टिक वाटरप्रूफ बनाया जाता है फिर मिट्टी डाली जाती है. फिर सीमेंट कंक्रीट का एक लेयर बनाया जाता है उसके बाद उसको तैयार किया जाता है. फिर गड्ढ़े में कूड़े को डाला जाता है. कूड़े को कम्पोस्ट करने के बाद इस का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरफ कूड़े का निष्पादन भी हो जाता है और कूड़ा एक जगह एकत्रित होकर कूड़े का किला भी नहीं बनता है. दिल्ली के ओखला, गाजीपुर और भलस्वा में स्थित लैंडफिल साइट पर कूड़े की वजह से कूड़े का पहाड़ बन गया है.

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बता दें दिल्ली के ओखला लैंडफिल साइट सहित अन्य लैंडफिल साइट की ऊंचाई को कम करने और यहां से कूड़े को खत्म करने को लेकर के कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में ओखला स्थित लैंडफिल साइट को काम करने को लेकर यहां पर एक बेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया गया है और यहां पर आने वाले कूड़े का निष्पादन कर बिजली बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन बीते वर्ष नगर निगम चुनाव से पहले अक्टूबर में गृह मंत्री अमित शाह ने किया था. अब यहीं पर नगर निगम के द्वारा इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट भी बनाया जा रहा है, जो दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट होगा.

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