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SC के आदेश के बाद ओखला रेलवे स्टेशन के पास बने दयाल सिंह कैंप को खतरा - Okhla railway station

सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में रेलवे ट्रैक के किनारे से 48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाने का आदेश दिया था. इसके बाद से रेलवे पटरियों के आसपास बनी झुग्गियों पर खतरा मंडराने लगा है. वहीं अब दिल्ली के ओखला रेलवे स्टेशन के पास बने दयाल सिंह कैंप पर भी खतरा मंडराने लगा है.

Dayal Singh camp near Okhla railway station threatened after SC order
SC के आदेश के बाद दयाल सिंह कैंप को खतरा
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Published : Sep 9, 2020, 6:47 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली में रेलवे पटरियों के आसपास बनी रेलवे की जमीनों पर 48 हजार झुग्गियों को अगले 3 महीनों में हटाया जाएगा. जिसके बाद रेलवे पटरियों के आसपास बनी झुग्गियों पर खतरा मंडराने लगा है. इसी कड़ी में दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला रेलवे स्टेशन के पास बने दयाल सिंह कैंप पर भी खतरा मंडराने लगा है. दयाल सिंह कैंप में मौके पर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने कैंप का जायजा लिया और वहां रहने वाले लोगों से बातचीत की.

SC के आदेश के बाद दयाल सिंह कैंप को खतरा

1955 से है दयाल सिंह कैंप

ईटीवी भारत को दयाल सिंह कैंप में रहने वाले लोगों ने बताया कि यह कैंप 1955 से है, तभी से यहां पर लोग रह रहे हैं. यहां हजारों की संख्या की आबादी रहती है. हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह कैंप पूरा रेलवे में नहीं है. बता दें कि दयाल सिंह कैंप ओखला रेलवे स्टेशन के पास रेलवे के पटेरियों के किनारे बसा है. बहरहाल अब यह देखना होगा कि रेलवे जब अपना सर्वे कराएगा तो दयाल सिंह कैंप का कितना हिस्सा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तोड़ने के जद में आता है, वह देखने वाली बात होगी. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग यहां रह रहे हैं, उनके लिए सरकार को कहीं और जमीन या फ्लैट की व्यवस्था करनी चाहिए फिर उनकी झुग्गियों को तोड़ा जाए तो अच्छा रहेगा.

बता दें कि मथुरा रोड के पास दयाल सिंह कैंप हैं, जो मेन रेल लाइन ओखला रेलवे स्टेशन के करीब रेलवे लाइन के किनारे बसा हुआ है. इस कैंप में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस कैंप के टूटने का खतरा मंडराने लगा हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली में रेलवे पटरियों के आसपास बनी रेलवे की जमीनों पर 48 हजार झुग्गियों को अगले 3 महीनों में हटाया जाएगा. जिसके बाद रेलवे पटरियों के आसपास बनी झुग्गियों पर खतरा मंडराने लगा है. इसी कड़ी में दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला रेलवे स्टेशन के पास बने दयाल सिंह कैंप पर भी खतरा मंडराने लगा है. दयाल सिंह कैंप में मौके पर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने कैंप का जायजा लिया और वहां रहने वाले लोगों से बातचीत की.

SC के आदेश के बाद दयाल सिंह कैंप को खतरा

1955 से है दयाल सिंह कैंप

ईटीवी भारत को दयाल सिंह कैंप में रहने वाले लोगों ने बताया कि यह कैंप 1955 से है, तभी से यहां पर लोग रह रहे हैं. यहां हजारों की संख्या की आबादी रहती है. हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह कैंप पूरा रेलवे में नहीं है. बता दें कि दयाल सिंह कैंप ओखला रेलवे स्टेशन के पास रेलवे के पटेरियों के किनारे बसा है. बहरहाल अब यह देखना होगा कि रेलवे जब अपना सर्वे कराएगा तो दयाल सिंह कैंप का कितना हिस्सा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तोड़ने के जद में आता है, वह देखने वाली बात होगी. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग यहां रह रहे हैं, उनके लिए सरकार को कहीं और जमीन या फ्लैट की व्यवस्था करनी चाहिए फिर उनकी झुग्गियों को तोड़ा जाए तो अच्छा रहेगा.

बता दें कि मथुरा रोड के पास दयाल सिंह कैंप हैं, जो मेन रेल लाइन ओखला रेलवे स्टेशन के करीब रेलवे लाइन के किनारे बसा हुआ है. इस कैंप में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस कैंप के टूटने का खतरा मंडराने लगा हैं.

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