नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में हुए हिंसा को 3 वर्ष पूरे हो गए हैं और इसको लेकर गुरुवार शाम जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस के अंदर कैंडल मार्च निकाला गया. (Candle march in jamia milia university) वहीं एहतियातन पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. यहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्ध सैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गईं है. बता दें, जामिया हिंसा को लेकर मामले दर्ज है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. वहीं पुलिस पर यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटने के आरोप को लेकर भी मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
जामिया मिलिया इस्लामिया के 7 नंबर गेट के बाहर 2019 में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन हुआ था और उसी दौरान 15 दिसंबर को हिंसा हुई थी. इस दौरान प्रदर्शनकारी प्रोटेस्ट कर रहे थे और मार्च निकाल रहे थे और इसी मार्च के दौरान हिंसा देखने को मिली. जामिया मिलिया इस्लामिया के आसपास बसों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी की गई. सरकारी संपत्ति का नुकसान किया गया और बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की.
इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस पर आरोप लगा था कि पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई की है. पुलिस पर यह भी आरोप लगा था कि पुलिस जामिया कैंपस के अंदर लाइब्रेरी में भी प्रवेश की थी और वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को भी नहीं बख्शा था और उनको लाठियों से पीटा था.
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वहीं, जामिया हिंसा को लेकर लंबे समय तक जामिया के गेट नंबर 7 के बाहर प्रदर्शन चला था. बाद में कोरोना वायरस आने के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ था. आज जामिया हिंसा के 3 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जिसको लेकर यहां पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गईं है.
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