नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्र करीब 40 दिनों से सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को बुधवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का भी समर्थन मिला.
इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार उन लोगों की आवाज दबा देती है.
'संविधान को बचाने की लड़ाई'
जो इस सरकार के खिलाफ बोलती है लेकिन जो यह लड़ाई है उसकी अगुवाई हमारी मां बहन कर रही है जिनके खिलाफ सरकार कुछ नहीं बोल पा रही. साथ ही कहा कि हम संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और यह निश्चित ही है कि जीत हमारी ही होगी.
वहीं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के संविधान के आगे झुकना पड़ेगा और यह जो लड़ाई संविधान को बचाने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग से शुरू हुई है. अब वह धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी पहुंच रही है. इसका श्रेय उन्होंने महिलाओं और छात्रों को दिया. साथ ही कहा कि यही वह लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक दिन अपना यह काला कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर देंगे.
'सरकार कर रही है तानाशाही'
रावण ने कहा कि इन महिलाओं ने हम सभी को सरकार से लड़ने के लिए एक आइना दिखा दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतर आई है. पुलिस की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई में जिस तरह से छात्र घायल हुए हैं. उसे भुलाया नहीं जा सकता. साथ ही कहा कि यह लड़ाई यूपी में भी लड़ी जा रही है.
उन्होंने कहा कि देश में इस समय कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. यह सरकार अपने इस काले कानून से देश के अमन और चैन को खत्म करने में तुली हुई है. लेकिन हम लोग उसे इसमें कामयाब नहीं होने देंगे. इस संघर्ष में हमें एक दिन जीत जरूर मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपना काला कानून वापस नहीं ले लेती है.