नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पांच छात्रों को शो कॉज नोटिस जारी होने को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमला हुआ है. शो कॉज नोटिस पाने वाले छात्र अनस जमाल ने कहा कि जामिया प्रशासन ने बाहरी गुंडे बुलाकर हम सब के साथ मारपीट की गई है. साथ ही कहा कि इस तरह की हाथापाई से छात्र डरने वाले नहीं और अब जब तक कुलपति खुद आकर छात्रों से मुलाकात नहीं करते छात्र यहां से कहीं नहीं जाएंगे.
यह है पूरा मामला
बता दें कि जामिया प्रशासन द्वारा पांच छात्रों को शो कॉज नोटिस जारी होने को लेकर बड़ी संख्या में जामिया के छात्र अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं मंगलवार को छात्रों ने प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की कोई पहल ना होने पर छात्रों ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया. वहीं छात्रों पर हुए इस हमले को लेकर आइसा की प्रेसिडेंट सुचेता दे ने बताया कि दर्जनों गुंडों को जामिया परिसर में बुलाकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमला कराया गया.
वहीं इस दौरान कुछ छात्र गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल पहुंच गए. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि इस दौरान महिला छात्रों से भी छेड़छाड़ की गई. वहीं सुचेता ने बताया कि इस पूरी हाथापाई के दौरान जहां जामिया के छात्रों पर बार-बार वार किया जा रहा था वही वहां तैनात सभी सुरक्षाकर्मी चुपचाप मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे थे. उनमें से किसी ने भी बीच बचाव करने की कोशिश नहीं की.
जामिया प्रशासन ने अनुशासनहीनता का लगाया आरोप
वहीं जामिया प्रशासन ने इस हमले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि 5 छात्रों को अनुशासनहीनता के चलते शो कॉज नोटिस जारी किया गया था जिसे उन्होंने जला दिया. उसके बाद जब उन्हें अपनी बात रखने का मौका डिसीप्लिनरी कमिटी द्वारा दिया गया तो उन्होंने उसका भी बहिष्कार किया. साथ ही प्रशासन ने कहा कि वह छात्र फिर भी लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं और प्रशासन से कोई बातचीत करने को तैयार नहीं.
उन्होंने कहा कि गत 2 दिनों से जामिया प्रशासन, शिक्षकों और एलुमनाई के बीच मीटिंग चल रही थी जिसमें छात्रों को किसी भी तरह की बाधा खड़ी ना करने और परिसर में अनुशासन बनाए रखने की अपील की गई थी लेकिन छात्रों ने उसका भी उल्लंघन किया. आज की घटना को लेकर जामिया प्रशासन ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने वीसी के ऑफिस का घेराव कर वहां के सभी गेट और निकास द्वार बंद कर दिए. वहीं जब सीनियर टीचर्स का एक समूह उनसे बातचीत करने के लिए बाहर आया तो छात्रों ने उनसे बात करने से साफ मना कर दिया जबकि शिक्षकों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी बात आला अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी. यहां तक कि शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से आग्रह किया कि वह अपने किसी प्रतिनिधि को बात करने के लिए भेजें लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों ने वह प्रस्ताव भी ठुकरा दिया.
मारपीट की बात जामिया प्रशासन ने की खारिज
मारपीट की बात को जामिया प्रशासन ने सिरे से खारिज किया और बताया कि जामिया के मीर ताकि मीर भवन में महात्मा गांधी को लेकर एक कार्यक्रम हो रहा था जिसमें कई प्रतिनिधियों के साथ अंग्रेजी विभाग का एक सम्मेलन आयोजित हुआ था जिसमें आए प्रतिनिधियों को प्रदर्शनकारी छात्रों ने गेट से बाहर तक नहीं निकलने दिया. वहीं अंग्रेजी विभाग के कुछ छात्रों ने जब उन प्रतिनिधियों को उस भीड़ से बाहर निकालने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनका घेराव कर लिया और उसी में आपसी बहस शुरू हो गई. वहीं प्रशासन ने छात्रों पर आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने पार्किंग में खड़ी सभी गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया है.