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National Convention Organized: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने महिलाओं के बांझपन पर आयोजित किया राष्ट्रीय सम्मेलन

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Published : Apr 19, 2023, 11:26 AM IST

दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान व आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं में बांझपन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें वैज्ञानिकों सहित अन्य लोगों ने अपने व्यवहारिक ज्ञान के बारे में लोगों को बताया.

national conference on infertility in women
national conference on infertility in women

नई दिल्ली: महिलाओं में बढ़ती निःसंतानता यानी बांझपन को लेकर, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान व आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित की गई. इस दौरान प्रो. अभिमन्यु कुमार ने कहा कि, निःसंतानता देश की लाखों महिलाओं को प्रभावित करने के साथ उनके परिवारों और समुदायों पर भी असर डालती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 37 प्रतिशत निःसंतान दंपतियों में निःसंतानता का कारण महिला है. भारत में यह समस्या बढ़ती जा रही है और लगभग 15 प्रतिशत दंपतियों को प्रभावित कर रही है. इस समस्या से निपटने के उपाय पर देशभर से आए सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने चर्चा की.

इस अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक, प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि, स्त्री रोग और प्रसूति तंत्र विभाग के इस सम्मेलन में देशभर से कई वैज्ञानिक, व्यवहारकर्ता और विद्वानों ने भाग लिया और अपनी सफलताओं की कहानियों को साझा किया. साथ ही साथ आयुर्वेद के माध्यम से अपने व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान को भी विस्तारित किया. विभाग ने अपनी विशेष ओपीडी के माध्यम से महिला बांझपन के 500 से भी अधिक मामलों का सफलतापूर्वक इलाज किया है. आज जीवनशैली में बदलाव, महिलाओं में बांझपन का प्रमुख कारण बन रहा है. लेकिन इसके इलाज में आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

यह भी पढ़ें-Program Organized: दिल्ली विधानसभा में आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 14वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित

सम्मेलन में प्रो. अभिमन्यु कुमार, (पूर्व वीसी, डीएसआरआयू जोधपुर, राजस्थान) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. वहीं डॉ. पूजा भारद्वाज और पूर्व डीजी आयुष विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. सम्मेलन की अध्यक्षता संस्थान की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने की.

यह भी पढ़ें-हमारी सारी ज्ञान परंपरा में चिंतन की एक निरंतरता है, जो उपनिषद से शुरू होकर कर्मयोग में बदल जाता हैः मृदुल कीर्ति

नई दिल्ली: महिलाओं में बढ़ती निःसंतानता यानी बांझपन को लेकर, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान व आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित की गई. इस दौरान प्रो. अभिमन्यु कुमार ने कहा कि, निःसंतानता देश की लाखों महिलाओं को प्रभावित करने के साथ उनके परिवारों और समुदायों पर भी असर डालती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 37 प्रतिशत निःसंतान दंपतियों में निःसंतानता का कारण महिला है. भारत में यह समस्या बढ़ती जा रही है और लगभग 15 प्रतिशत दंपतियों को प्रभावित कर रही है. इस समस्या से निपटने के उपाय पर देशभर से आए सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने चर्चा की.

इस अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक, प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि, स्त्री रोग और प्रसूति तंत्र विभाग के इस सम्मेलन में देशभर से कई वैज्ञानिक, व्यवहारकर्ता और विद्वानों ने भाग लिया और अपनी सफलताओं की कहानियों को साझा किया. साथ ही साथ आयुर्वेद के माध्यम से अपने व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान को भी विस्तारित किया. विभाग ने अपनी विशेष ओपीडी के माध्यम से महिला बांझपन के 500 से भी अधिक मामलों का सफलतापूर्वक इलाज किया है. आज जीवनशैली में बदलाव, महिलाओं में बांझपन का प्रमुख कारण बन रहा है. लेकिन इसके इलाज में आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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सम्मेलन में प्रो. अभिमन्यु कुमार, (पूर्व वीसी, डीएसआरआयू जोधपुर, राजस्थान) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. वहीं डॉ. पूजा भारद्वाज और पूर्व डीजी आयुष विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. सम्मेलन की अध्यक्षता संस्थान की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने की.

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