नई दिल्ली: जामिया में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 33वें दिन भी आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. यहां प्रदर्शन को अपना समर्थन देने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पूर्व विधायक वारिस पठान भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने पहुंचे. जामिया छात्रों पर हुए 15 दिसंबर की हिंसा पर उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर अफसोस जताया.
जामिया और जेएनयू में हिंसा पर बात करते हुए वारिस पठान ने कहा कि जामिया विश्वविद्याल के कैंपस में हिंसा होती है तो पुलिस लाइब्रेरी में घुसकर पीटती है. वारिस पठान ने कहा इससे पुलिस का दोहरा चरित्र उजागर होता है. सीएए को लेकर वारिस पठान ने छात्रों से कहा कि मैं अपने कागज नहीं दिखाऊंगा, मुझे देखना है कि सरकार क्या करती है.
सरकार पर साधा निशाना
सरकार कहती है कि हम सीएए को समझ नहीं रहे हैं. सरकार को ये कोई हक नहीं पहुंचता कि वो किसी को उसके अधिकार से वंचित रखे. वारिस पठान ने जामिया के छात्रों व प्रदर्शन कर रही भीड़ से कहा, आप सभी लोग राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष हैं और संविधान की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं. इसलिये आप इस लड़ाई को आगे बढ़ाते रहिए हम सब इस काले कानून के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि अपना टाइम आएगा और हम जीतेंगे.
आपको बता दें कि पिछले 33 दिनों से CAA और NRC के खिलाफ लोगों का धरना जारी है. धरने पर बैठे लोंगों की मांग है कि वह CAA और NRC जैसे असंवैधानिक कानून को नहीं मानते इसलिये इस कानून को वापस लिया.