नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स की नर्सें इन दिनों आंदोलनरत हैं. उन लोगों की मांग है कि प्रशासन उनकी कुछ मूलभूत मांगें नहीं मान रहा है, बीते 2 दिनों से एम्स यूनियन नर्सेस के प्रेसिडेंट हरीश काजला के नेतृत्व में 5 हजार नर्स स्टाफ आंदोलन कर रहे हैं.
हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं नर्सिंग स्टॉफ
दरअसल, नर्सिंग स्टाफ की कुछ मांगों को साल 2019 में एम्स प्रशासन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मान लिया गया था, लेकिन इन्हें अमल में नहीं लाया गया. इसी को लेकर नर्सिंग स्टाफ फिर हड़ताल पर हैं. शाम होते-होते आज एम्स प्रशासन ने नर्सिंग स्टाफ के प्रेसिडेंट हरीश काजला को बुला करके हड़ताल को खत्म करने की बात कही, लेकिन नर्सिंग स्टाफ हड़ताल खत्म करने के लिए तैयार नहीं है.
कोर्ट ने हड़ताल खत्म करने के दिए हैं आदेश
कोरोना काल में हड़ताल पर रहे नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ एम्स प्रशासन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस कोरोना काल में एम्स नर्सिंग स्टाफ हड़ताल नहीं कर सकता और अपने हड़ताल को तुरंत खत्म कर दें. इस मामले में कोर्ट ने 18 दिसंबर को नर्सिंग स्टाफ से लिखित जवाब भी मांगा है.
कोर्ट बनाम नर्सिंग स्टाफ
नर्सिंग स्टाफ के प्रेसिडेंट हरीश काजला अपने भाषण में कहते हैं कि अगर वे लोग अपने हड़ताल को वापस नहीं लेते तो कोर्ट बनाम नर्सिंग स्टाफ हो जाएगा. फिलहाल नर्सिंग स्टाफ के प्रेसिडेंट हरीश काजला अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फैसला कर रहे हैं कि हड़ताल को वापस लिया जाए या फिर नहीं.