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डेढ़ महीने से लगा रहे SDM दफ्तर में चक्कर, नहीं मिला जाति प्रमाण पत्र - साउथ दिल्ली में कास्ट सर्टिफिकेट को लेकर समस्या

दक्षिण दिल्ली में स्कूल में अपनी बेटी की छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने के लिए जरूरी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक व्यक्ति तीन दिनों से एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहा है. अब डेढ़ महीने बाद दोबारा आवेदन करने के लिए कह दिया गया है.

Problem in making caste certificate
जाति प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या
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Published : Feb 25, 2021, 4:30 PM IST

नई दिल्ली: सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की छात्रवृत्ति के लिए जरूरी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भाटी माइंस संजय कॉलोनी निवासी मुकेश कई दिनों से एसडीएम कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं. करीब डेढ़ महीने पहले ही उन्होंने जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था. जब ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हो पाया तो एसडीएम कार्यालय जाकर जानने की कोशिश की. वहां उन्हें बताया गया कि उनका ऑनलाइन आवेदन बिना फोटो के ही अपलोड हुआ है. इसीलिए उन्हें दोबारा आवेदन करना पड़ेगा.

जाति प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या

ये भी पढ़ें- QR कोड के जरिए शौचालयों का फीडबैक दे पाएगी जनता, SDMC लगाएगी स्मार्ट सिस्टम



सभी दस्तावेज और सूचना देने के बावजूद आवेदन निरस्त
हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन आवेदन सिर्फ तभी अपलोड हो सकता है जब फॉर्म की जानकारी सही-सही भरी गई हो. एक भी सूचना खाली छोड़ने पर आवेदन अपलोड नहीं हो सकता है, लेकिन आवेदन सफलतापूर्वक अपलोड हो गया है. इसका मतलब है कि उन्होंने सभी जानकारियां भरी थीं और फोटो भी अपलोड हुआ था. इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने 7 यूनिट ब्लड देकर बचाई युवक की जान, परिजनों ने कहा- दिल की पुलिस



जाति प्रमाण पत्र के लिए लेनी पड़ी तीन दिन की छुट्टी
मुकेश ने बताया कि उन्होंने सारे दस्तावेज ऑफलाइन भी जमा करवाए थे. उसका वेरिफिकेशन भी हो गया था. वेरिफिकेशन के समय किसी तरह की कोई कमी नहीं बताई गई थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद इसमें कमी निकाली जा रही है. तीन दिन छुट्टी लेकर भागदौड़ करने के बाद भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना. अब कहा जा रहा है कि दोबारा आवेदन करना पड़ेगा. इसके लिए उन्हें फिर से अपनी दिहाड़ी छोड़नी पड़ेगी.


परेशान होकर उम्मीद छोड़ी
मुकेश इतना परेशान हो चुके हैं कि वह अपना अधिकार भी छोड़ने को तैयार हैं. उनमें दोबारा दिहाड़ी छोड़ने की हिम्मत नहीं हो रही है. मुकेश के अलावा ऐसे बहुत लोग हैं जो कर्मचारियों के परेशान करने के बाद अपना अधिकार छोड़ रहे हैं. जनता का काम आसान करने के लिए केजरीवाल सरकार ने डोर स्टेप सर्विस की शुरुआत की है, जिसमें एक फोन कॉल से सारे प्रमाण पत्र बन जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. खाली ऑनलाइन आवेदन कर देने मात्र से कोई प्रमाण पत्र घर पर नहीं आता.

नई दिल्ली: सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की छात्रवृत्ति के लिए जरूरी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भाटी माइंस संजय कॉलोनी निवासी मुकेश कई दिनों से एसडीएम कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं. करीब डेढ़ महीने पहले ही उन्होंने जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था. जब ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हो पाया तो एसडीएम कार्यालय जाकर जानने की कोशिश की. वहां उन्हें बताया गया कि उनका ऑनलाइन आवेदन बिना फोटो के ही अपलोड हुआ है. इसीलिए उन्हें दोबारा आवेदन करना पड़ेगा.

जाति प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या

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सभी दस्तावेज और सूचना देने के बावजूद आवेदन निरस्त
हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन आवेदन सिर्फ तभी अपलोड हो सकता है जब फॉर्म की जानकारी सही-सही भरी गई हो. एक भी सूचना खाली छोड़ने पर आवेदन अपलोड नहीं हो सकता है, लेकिन आवेदन सफलतापूर्वक अपलोड हो गया है. इसका मतलब है कि उन्होंने सभी जानकारियां भरी थीं और फोटो भी अपलोड हुआ था. इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया.

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जाति प्रमाण पत्र के लिए लेनी पड़ी तीन दिन की छुट्टी
मुकेश ने बताया कि उन्होंने सारे दस्तावेज ऑफलाइन भी जमा करवाए थे. उसका वेरिफिकेशन भी हो गया था. वेरिफिकेशन के समय किसी तरह की कोई कमी नहीं बताई गई थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद इसमें कमी निकाली जा रही है. तीन दिन छुट्टी लेकर भागदौड़ करने के बाद भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना. अब कहा जा रहा है कि दोबारा आवेदन करना पड़ेगा. इसके लिए उन्हें फिर से अपनी दिहाड़ी छोड़नी पड़ेगी.


परेशान होकर उम्मीद छोड़ी
मुकेश इतना परेशान हो चुके हैं कि वह अपना अधिकार भी छोड़ने को तैयार हैं. उनमें दोबारा दिहाड़ी छोड़ने की हिम्मत नहीं हो रही है. मुकेश के अलावा ऐसे बहुत लोग हैं जो कर्मचारियों के परेशान करने के बाद अपना अधिकार छोड़ रहे हैं. जनता का काम आसान करने के लिए केजरीवाल सरकार ने डोर स्टेप सर्विस की शुरुआत की है, जिसमें एक फोन कॉल से सारे प्रमाण पत्र बन जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. खाली ऑनलाइन आवेदन कर देने मात्र से कोई प्रमाण पत्र घर पर नहीं आता.

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