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महरौली के TB हॉस्पिटल में मनाया गया विश्व क्षय रोग दिवस, डॉक्टरों ने मरीजों को किया जागरूक

विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर दिल्ली के महरौली स्थित राष्ट्रीय क्षय एव श्वसन रोग संस्थान टीबी अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें लोगों को टीबी के लक्षण और इससे बचाव के बारे में जानकारी दी गई.

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Published : Mar 24, 2023, 11:05 PM IST

विश्व क्षय रोग दिवस का आयोजन

नई दिल्लीः 24 मार्च को हर साल टीबी को लेकर जागरुकता के लिए विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है. टीबी एक बैक्टीरिया से होने वाली संक्रामक बीमारी है. हैरानी की बात है कि 40 फीसदी मरीज टीबी के लक्षण नहीं पहचान पाते हैं. इसको लेकर समय-समय पर हर साल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों के बीच जागरुकता फैलायी जा सके. इसी कड़ी में दिल्ली के महरौली स्थित राष्ट्रीय क्षय एव श्वसन रोग संस्थान टीबी अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों से सवाल-जवाब किए गए और टीवी के लक्षण के बारे में जानकारी दी गई.

राष्ट्रीय क्षय एव श्वसन रोग संस्थान के वरिष्ठ डॉक्टर एमएम पुरी ने बताया कि अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 24 मार्च 1882 को डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने टीबी रोग के लिए जिम्मेदार माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी. डॉ. रॉबर्ट कोच की ये खोज आगे चलकर टीबी के इलाज में बहुत मददगार साबित हुई. हमें समाज टीबी के प्रति जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीज खोज अभियान चला रहा है. टीबी का इलाज संभव है. इसके बाद भी प्रतिवर्ष देश में 5 लाख मौतें हो रही हैं, जोकि विश्व का 32 फीसदी हैं.

उन्होंने बताया कि इलाज बीच में छोड़ना और चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप दवाएं न लेना, इसकी वजह है. अभी टीबी का इलाज छह माह तक चलता है. कई मरीज इस वजह से भी दवा बीच में छोड़ देते हैं. टीवी कोई लाइलाज नहीं है. टीवी ऐसी बीमारी है जिससे जंग जीती जाती है, लेकिन लोग इसे समय रहते इस बीमारी की जांच कराएं और साथ ही साथ समय पर दवा लें. कई मरीज ऐसे भी होते हैं, जिन्हें टीवी घातक प्रकार की होती है. उनका इलाज 1 या 2 साल तक हो जाता है, लेकिन शुरुआती महीने की बात करें तो 6 महीने तक इसका इलाज चलता है.

ये भी पढ़ेंः MI Vs UPW LIVE MATCH : मुंबई इंडियंस ने यूपी वॉरियर्स को 72 रन से हराया, दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगी खिताबी भिड़ंत

टीबी हॉस्पिटल के डिस्टिक ऑफिसर डॉक्टर खालिद अमरैया ने बताया कि आज हम लोग विश्व क्षय रोग दिवस मना रहे हैं, जिसमें TB से पीड़ित मरीजों को दवाइयों की किट मुफ्त दी जा रही है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से भी टीबी के मरीजों को हर महीने 500 रुपए मदद देने की योजना चल रही है, ताकि मरीज अपने लिए हेल्दी फूड (पौष्टिक आहार) खरीद पाएं और इलाज के लिए ट्रैवल में खर्च कर सकें. मरीजों को यह मदद उनके पूरी तरह ठीक होने तक मिलती है.

उन्होंने बताया कि आधार नंबर और मेडिकल डॉक्युमेंट्स के हिसाब से रकम बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है. इस अस्पताल में जितने भी मरीज भर्ती हैं. भर्ती होने के दिन से ही उनके आधार कार्ड और बैंक डिटेल को जमा किया जाता है और जब तक वह भर्ती रहते हैं, तब तक उन्हें 500 रुपए महीना और पौष्टिक आहार दिया जाता है. सरकार की तरफ से टीवी मरीजों के लिए कई प्रकार की योजना है, जिनमें मुफ्त दवाइयां किट भी उन्हें दी जाती है.

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विश्व क्षय रोग दिवस का आयोजन

नई दिल्लीः 24 मार्च को हर साल टीबी को लेकर जागरुकता के लिए विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है. टीबी एक बैक्टीरिया से होने वाली संक्रामक बीमारी है. हैरानी की बात है कि 40 फीसदी मरीज टीबी के लक्षण नहीं पहचान पाते हैं. इसको लेकर समय-समय पर हर साल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों के बीच जागरुकता फैलायी जा सके. इसी कड़ी में दिल्ली के महरौली स्थित राष्ट्रीय क्षय एव श्वसन रोग संस्थान टीबी अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों से सवाल-जवाब किए गए और टीवी के लक्षण के बारे में जानकारी दी गई.

राष्ट्रीय क्षय एव श्वसन रोग संस्थान के वरिष्ठ डॉक्टर एमएम पुरी ने बताया कि अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 24 मार्च 1882 को डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने टीबी रोग के लिए जिम्मेदार माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी. डॉ. रॉबर्ट कोच की ये खोज आगे चलकर टीबी के इलाज में बहुत मददगार साबित हुई. हमें समाज टीबी के प्रति जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीज खोज अभियान चला रहा है. टीबी का इलाज संभव है. इसके बाद भी प्रतिवर्ष देश में 5 लाख मौतें हो रही हैं, जोकि विश्व का 32 फीसदी हैं.

उन्होंने बताया कि इलाज बीच में छोड़ना और चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप दवाएं न लेना, इसकी वजह है. अभी टीबी का इलाज छह माह तक चलता है. कई मरीज इस वजह से भी दवा बीच में छोड़ देते हैं. टीवी कोई लाइलाज नहीं है. टीवी ऐसी बीमारी है जिससे जंग जीती जाती है, लेकिन लोग इसे समय रहते इस बीमारी की जांच कराएं और साथ ही साथ समय पर दवा लें. कई मरीज ऐसे भी होते हैं, जिन्हें टीवी घातक प्रकार की होती है. उनका इलाज 1 या 2 साल तक हो जाता है, लेकिन शुरुआती महीने की बात करें तो 6 महीने तक इसका इलाज चलता है.

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टीबी हॉस्पिटल के डिस्टिक ऑफिसर डॉक्टर खालिद अमरैया ने बताया कि आज हम लोग विश्व क्षय रोग दिवस मना रहे हैं, जिसमें TB से पीड़ित मरीजों को दवाइयों की किट मुफ्त दी जा रही है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से भी टीबी के मरीजों को हर महीने 500 रुपए मदद देने की योजना चल रही है, ताकि मरीज अपने लिए हेल्दी फूड (पौष्टिक आहार) खरीद पाएं और इलाज के लिए ट्रैवल में खर्च कर सकें. मरीजों को यह मदद उनके पूरी तरह ठीक होने तक मिलती है.

उन्होंने बताया कि आधार नंबर और मेडिकल डॉक्युमेंट्स के हिसाब से रकम बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है. इस अस्पताल में जितने भी मरीज भर्ती हैं. भर्ती होने के दिन से ही उनके आधार कार्ड और बैंक डिटेल को जमा किया जाता है और जब तक वह भर्ती रहते हैं, तब तक उन्हें 500 रुपए महीना और पौष्टिक आहार दिया जाता है. सरकार की तरफ से टीवी मरीजों के लिए कई प्रकार की योजना है, जिनमें मुफ्त दवाइयां किट भी उन्हें दी जाती है.

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