नई दिल्ली: देशभर में यौन शोषण के शिकार हुए बच्चों की एक बड़ी संख्या है. पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस जैसे कड़े कानून होने के बावजूद इसके ग्राफ में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है. बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए भी तमाम प्रयास किया जा रहे हैं. इसी क्रम में आज दिल्ली स्थित प्रह्लादपुर वीपी सिंह कॉलोनी में समाधान अभियान एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा अभिभावकों के लिए बाल यौन शोषण से बचाव एवं पास्को एक्ट की जागरूकता को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी पहुंचे.
बच्चों के अधिकार और उनके संरक्षण पर बात: समाधान अभियान संस्था की डायरेक्टर अर्चना अग्निहोत्री द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में अरविंद गौड़ के अस्मिता थिएटर ग्रुप द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अभिभावकों और बच्चों को बाल यौन शोषण से सुरक्षित रखने के तरीकों से अवगत कराया गया. बाल अपराध से जुड़े मामले जैसे–बाल यौन शोषण, बाल श्रम, बाल विवाह, मानव व्यापार जैसे गंभीर मुद्दों पर जागरुक किया गया एवं बच्चों के अधिकार और उनके संरक्षण पर बात की गई. कार्यक्रम का संचालन कर रही समाधान अभियान की डायरेक्टर अर्चना अग्निहोत्री और उनके साथ पूनम शर्मा ने पॉस्को एक्ट के बारे में बताया कि कैसे बच्चों को बहला फुसलाकर उनके साथ गलत काम किया जाता है. इससे आप अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं.
अभिभावकों का अपने बच्चों के प्रति जिम्मेदारी: वहीं इस कार्यक्रम में वीपी सिंह कॉलोनी के स्थानीय निवासी काफी संख्या में पहुंचे सभी अभिभावकों द्वारा कार्यक्रम की बेहद प्रशंसा की गई. वहीं मीडिया से बात करते हुए सांसद रमेश बिधूड़ी ने समाधान अभियान की डायरेक्टर अर्चना अग्निहोत्री की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक बहुत गंभीर विषय है. इसके ऊपर आज पॉक्सो एक्ट की जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई है. सभी अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति जिम्मेदारी लेनी होगी, उनका दोस्त बनना होगा, तभी बाल यौन उत्पीड़न को रोका जा सकता है.
अभिभावकों से बातचीत करते हुए सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि आजकल सोशल मीडिया मोबाइल इंटरनेट आदि के कारण कभी-कभी बच्चे भटक जाते हैं और गलती कर बैठते हैं इस कारण समाज और माता-पिता का दायित्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है कि बच्चों को बाल यौन शोषण उत्पीड़न से सुरक्षित रखा जाए. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बाल यौन उत्पीड़न के मामले उन्हीं के आसपास में रहने वाले पड़ोसी या फिर रिश्तेदार करते हैं. ऐसे में सावधान रहने की आवश्यकता है.
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