नई दिल्लीः 'वो तोड़ती पत्थर जिसे देखा मैंने संगम विहार के पथ पर' शीर्षक से ईटीवी भारत में एक स्टोरी पब्लिश की गई थी. इस स्टोरी में यह दिखाया गया था कि किस तरह से एक लाचार महिला छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर डाले गए मलबे के बीच फंसे सरिया को निकालने में जुटी हुई थी. संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया के प्रतिनिधि एवं वार्ड संख्या 83 से निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू की नजर इस खबर पर पड़ी. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर ईटीवी भारत से संपर्क किया और इस महिला की मदद करने की पेशकश की.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने पार्षद को महिला के बारे में जानकारी दी
जीतू ने ईटीवी भारत की इस स्टोरी को देखा और उन्होंने इस महिला को मदद करने की इच्छा जाहिर करते हुए ईटीवी भारत के संवाददाता से कहा कि महिला वाकई बहुत जरूरतमंद है. लॉकडाउन में अगर उन्हें राशन नहीं मिला है, तो वह उन्हें अपनी तरफ से राशन उपलब्ध करवाएंगे. अगर उनका संपर्क सूत्र कोई है तो उन्हें बताएं. संवाददाता ने निगम पार्षद से संपर्क साधा और इस महिला के बारे में पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई.
यह भी पढ़ेंः-वह तोड़ती पत्थर, देखा मैंने उसे संगम विहार के पथ पर
महिला अपने छोटे-छोटे बच्चों को कूड़ा बीनने साथ लेकर चलती है
महिला अपने दो वक्त की रोटी की जुगाड़ के लिए अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ में लेकर घूमते रहती है. कहीं भी मलबा डाला हुआ दिखता है, तो उस मलबे के नीचे दबे पत्थरों के बीच फंसे सरिया को निकालने के लिए फावड़े और हथौड़ी चलाना शुरू कर देती है. इस काम में वह अपने छोटे-छोटे नाबालिग बच्चों की भी मदद लेती है, जो उनकी मजबूरी है. अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहती है, लेकिन किसी भी सरकारी स्कूल में उनके बच्चे का दाखिला नहीं हो पा रहा है. इसलिए मजबूरी में बच्चों को भी अपने साथ ही लेकर घूमती है.
बच्चों का स्कूल में दाखिला दिलवाने का आश्वासन
निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू ने इस महिला को अपने ऑफिस में बुलवाया और उन्हें फौरी तौर पर राहत देने के लिए महीने भर का राशन दिया. साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि जल्दी ही वह उनका राशन कार्ड बनाने में मदद करेंगे और उनके बच्चों को भी स्कूल में दाखिला दिलवा देंगे ताकि उन्हें शिक्षा प्राप्त हो सके और उनका भविष्य सुधर सके.