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JNU: छात्रों ने बायकॉट किया सेमेस्टर एग्जाम, कहा- मांगे पूरी ना होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन - etv bharat

जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है. छात्रों ने कहा है कि जबतक मांगे पूरी नहीं होगी तबतक प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

Students boycott semester exam in JNU
जेएनयू में सेमेस्टर एग्जाम का बायकॉट
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Published : Dec 13, 2019, 2:13 AM IST

Updated : Dec 13, 2019, 7:08 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. छात्रों की मांग को लेकर जेएनयू प्रशासन और जेएनयू छात्र संघ के साथ हुई बैठक भी असंतोषजनक रही.

जेएनयू में सेमेस्टर एग्जाम का बायकॉट

साथ ही स्कूल ऑफ संस्कृत में छात्रों ने परीक्षा दी.

ये है पूरा मामला
एमएचआरडी द्वारा जारी की गई मीटिंग की इस रिपोर्ट के अनुसार छात्रों को सिंगल और डबल रूम के लिए बढ़ी हुई हॉस्टल फीस जमा करनी होगी. वही बीपीएल छात्रों को इसमें 50 फ़ीसदी छूट दी जाएगी. इसके अलावा यूटिलिटी एंड अदर सर्विसेज का खर्च आगे की कार्यवाही होने तक यूजीसी वहन करेगी.

छात्रों को मिली दो सप्ताह की छूट
जारी की गई रिपोर्ट में एमएचआरडी ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन की वजह से छात्रों का जो पढ़ाई में नुकसान हुआ है उसे देखते हुए यह तय किया गया है कि छात्रों को दो सप्ताह की छूट दी जाएगी जिसमें वह अपने पढ़ाई के नुकसान की भरपाई कर सके और परीक्षा की तैयारी भी कर सकें.

अनुशासन बनाए रखने की अपील
साथ ही एमएचआरडी ने छात्र संघ से विरोध प्रदर्शन को तत्काल प्रभाव से बंद करने और भविष्य में प्रशासनिक और अन्य क्षेत्रों का घेराव या उनमें विरोध न करने को कहा है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में छात्रों से अनुशासन बनाए रखने की बात भी कही गई है. साथ ही कहा गया है कि वर्तमान जैसी स्थिति भविष्य में कभी भी विश्वविद्यालय में दोबारा नहीं लाई जाएगी.

छात्रसंघ ने जताया असंतोष
जेएनयू छात्र संघ ने अपना असंतोष जताते हुए एचआरडी मंत्रालय से सेकंड राउंड मीटिंग करने की अपील की है. छात्र संघ का कहना है कि जब तक फीस पूरी तरह रोलबैक नहीं होती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

पहले ही दिन किया परीक्षा का बहिष्कार
विरोध प्रदर्शन के चलते छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का पहले ही दिन बहिष्कार कर दिया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज (एसएसआईएस) एकमात्र ऐसा स्कूल है जहां छात्र परीक्षा में बैठे थे.

शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करने के लिए मांगे सुझाव
बता दें कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू प्रशासन ने सभी अट्ठारह हॉस्टल के प्रेसिडेंट के साथ मीटिंग की और उनसे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते बाधित हो रही शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने को लेकर सुझाव मांगे.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. छात्रों की मांग को लेकर जेएनयू प्रशासन और जेएनयू छात्र संघ के साथ हुई बैठक भी असंतोषजनक रही.

जेएनयू में सेमेस्टर एग्जाम का बायकॉट

साथ ही स्कूल ऑफ संस्कृत में छात्रों ने परीक्षा दी.

ये है पूरा मामला
एमएचआरडी द्वारा जारी की गई मीटिंग की इस रिपोर्ट के अनुसार छात्रों को सिंगल और डबल रूम के लिए बढ़ी हुई हॉस्टल फीस जमा करनी होगी. वही बीपीएल छात्रों को इसमें 50 फ़ीसदी छूट दी जाएगी. इसके अलावा यूटिलिटी एंड अदर सर्विसेज का खर्च आगे की कार्यवाही होने तक यूजीसी वहन करेगी.

छात्रों को मिली दो सप्ताह की छूट
जारी की गई रिपोर्ट में एमएचआरडी ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन की वजह से छात्रों का जो पढ़ाई में नुकसान हुआ है उसे देखते हुए यह तय किया गया है कि छात्रों को दो सप्ताह की छूट दी जाएगी जिसमें वह अपने पढ़ाई के नुकसान की भरपाई कर सके और परीक्षा की तैयारी भी कर सकें.

अनुशासन बनाए रखने की अपील
साथ ही एमएचआरडी ने छात्र संघ से विरोध प्रदर्शन को तत्काल प्रभाव से बंद करने और भविष्य में प्रशासनिक और अन्य क्षेत्रों का घेराव या उनमें विरोध न करने को कहा है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में छात्रों से अनुशासन बनाए रखने की बात भी कही गई है. साथ ही कहा गया है कि वर्तमान जैसी स्थिति भविष्य में कभी भी विश्वविद्यालय में दोबारा नहीं लाई जाएगी.

छात्रसंघ ने जताया असंतोष
जेएनयू छात्र संघ ने अपना असंतोष जताते हुए एचआरडी मंत्रालय से सेकंड राउंड मीटिंग करने की अपील की है. छात्र संघ का कहना है कि जब तक फीस पूरी तरह रोलबैक नहीं होती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

पहले ही दिन किया परीक्षा का बहिष्कार
विरोध प्रदर्शन के चलते छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का पहले ही दिन बहिष्कार कर दिया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज (एसएसआईएस) एकमात्र ऐसा स्कूल है जहां छात्र परीक्षा में बैठे थे.

शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करने के लिए मांगे सुझाव
बता दें कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू प्रशासन ने सभी अट्ठारह हॉस्टल के प्रेसिडेंट के साथ मीटिंग की और उनसे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते बाधित हो रही शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने को लेकर सुझाव मांगे.

Intro:जेएनयू : छात्रों ने बॉयकॉट किया सेमेस्टर एग्जाम, प्रशासन के साथ हुई मीटिंग रही बेनतीजा

नई दिल्ली।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. वहीं छात्रों की मांग को लेकर जेएनयू प्रशासन और जेएनयू छात्र संघ के साथ हुई बैठक भी असंतोषजनक रही. तो उधर स्कूल ऑफ संस्कृत में छात्रों ने परीक्षा दी.

Body:सिंगल डबल रूम के लिए देनी होगी बढ़ी हुई फीस

वहीं एमएचआरडी द्वारा जारी की गई मीटिंग की इस रिपोर्ट के अनुसार छात्रों को सिंगल और डबल रूम के लिए बढ़ी हुई हॉस्टल फीस जमा करनी होगी. वही बीपीएल छात्रों को इसमें 50 फ़ीसदी छूट दी जाएगी. इसके अलावा यूटिलिटी एंड अदर सर्विसेज का खर्च आगे की कार्यवाही होने तक यूजीसी वहन करेगी.

छात्रों को मिली दो सप्ताह की छूट

वहीं जारी की गई रिपोर्ट में एमएचआरडी ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन की वजह से छात्रों का जो पढ़ाई में नुकसान हुआ है उसे देखते हुए यह तय किया गया है कि छात्रों को दो सप्ताह की छूट दी जाएगी जिसमें वह अपने पढ़ाई के नुकसान की भरपाई कर सके और परीक्षा की तैयारी भी कर सकें.

अनुशासन बनाए रखने और प्रदर्शन न करने की बात कही

साथ ही एमएचआरडी ने छात्र संघ से विरोध प्रदर्शन को तत्काल प्रभाव से बंद करने और भविष्य में प्रशासनिक और अन्य क्षेत्रों का घेराव या उनमें विरोध न करने को कहा है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में छात्रों से अनुशासन बनाए रखने की बात भी कही गई है. साथ ही कहा गया है कि वर्तमान जैसी स्थिति भविष्य में कभी भी विश्वविद्यालय में दोबारा नहीं लाई जाएगी.

छात्रसंघ ने जताया असंतोष

वही जेएनयू छात्र संघ ने अपना असंतोष जताते हुए एचआरडी मंत्रालय से सेकंड राउंड मीटिंग करने की अपील की है. छात्र संघ का कहना है कि जब तक फीस पूरी तरह रोलबैक नहीं होती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

पहले ही दिन किया परीक्षा का बहिष्कार

बता दें कि इसी विरोध प्रदर्शन के चलते छात्रों ने गुरुवार से शुरू हुई सेमेस्टर परीक्षा का पहले ही दिन बहिष्कार कर दिया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज (एसएसआईएस) एकमात्र ऐसा स्कूल है जहां छात्र परीक्षा में बैठे थे.

Conclusion:शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करने के लिए मांगे सुझाव

बता दें कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू प्रशासन ने सभी अट्ठारह हॉस्टल के प्रेसिडेंट के साथ मीटिंग की और उनसे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते बाधित हो रही शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने को लेकर सुझाव मांगे.
Last Updated : Dec 13, 2019, 7:08 AM IST
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