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अब डस्टबिन आपको बुलाएगा और कहेगा कूड़ा डालिए, इस लड़के ने बनाया स्मार्ट डस्टबिन - बोलने वाला कूड़ेदान

स्वच्छ भारत अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश को प्रेरित करते रहते हैं. उसी से प्रेरणा लेकर एक छात्र लवलेश ने स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार किया है. जो आपको बुलाकर आपसे कहेगा कि कृप्या कूड़ा डालिए.

लवलेश ने स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार किया etv bharat
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Published : Sep 3, 2019, 11:09 PM IST

नई दिल्ली/कैथलः जिले के छोटे से गांव मुंदड़ी के सामान्य परिवार में पैदा हुए लवलेश दत्त ने एक ऐसा अविष्कार कर दिया है जो वर्षों तक याद रखा जाएगा, उन्होंने एक स्मार्ट डस्टबिन बनाया है जो लोगों को बुलाकर उनसे कहता है कि कृप्या कूड़ा डालिए. इतना ही नहीं कूड़ा डालने के बाद डस्टबिन धन्यवाद भी बोलता है.

लवलेश ने स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार किया

क्यों खास है ये डस्टबिन?
कॉमर्स के छात्र लवलेश दत्त ने बताया कि उनका डस्टबिन दुनिया की हर भाषा में बोल सकता है. ये डस्टबिन सोलर एनर्जी पर चलता है मतलब धूप से चार्ज होगा और इसका ढक्कन भी खुद ब खुद खुल जाता है. इसके अलावा लवलेश कहते हैं कि इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है और मात्र 900 से 1000 रुपये में ये डस्टबिन आ जाएगा.

लवलेश को ऐसे आया आइडिया
लवलेश ने बताया कि एक दिन वो स्कूल से लौट रहे थे और उन्होंने बाहर ही कूड़ा डाल दिया, जिसके बाद टीचर ने कहा कि कूड़ा डस्टबिन में डालो, ये तुमसे कहने थोड़े आएगा कि कूड़ा डालो. उसी दिन लवलेश के दिमाग में ये आइडिया आया और उन्होंने बोलने वाला डस्टबिन बना दिया.

लवलेश के 'लवली' आइडिया पर लट्टू हुए केजरीवाल
छात्र लवलेश ने बताया कि वो कि उनका ये आइडिया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को काफी पसंद आया है और उन्होंने दिल्ली में इसके इस्तेमाल की बात भी कही है.

लवलेश को मिल चुके कई अवॉर्ड
स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार करने वाले कॉमर्स के इस चात्र का नाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. इसके अलावा लवलेश को नेशनल एक्सीलेंसी अवॉर्ड 2019 से भी सम्मानित किया गया है.

परिवार भी खुश, गांव वाले भी प्रसन्न
लवलेश के दादा और उनकी मां अपने बेटे के इस अविष्कार से बेहद खुश हैं वो कहते हैं उनका बेटा एक दिन और भी बड़ा नाम करेगा. लवलेश के इस अविष्कार से उनके गांव वाले भी काफी खुश हैं.

नई दिल्ली/कैथलः जिले के छोटे से गांव मुंदड़ी के सामान्य परिवार में पैदा हुए लवलेश दत्त ने एक ऐसा अविष्कार कर दिया है जो वर्षों तक याद रखा जाएगा, उन्होंने एक स्मार्ट डस्टबिन बनाया है जो लोगों को बुलाकर उनसे कहता है कि कृप्या कूड़ा डालिए. इतना ही नहीं कूड़ा डालने के बाद डस्टबिन धन्यवाद भी बोलता है.

लवलेश ने स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार किया

क्यों खास है ये डस्टबिन?
कॉमर्स के छात्र लवलेश दत्त ने बताया कि उनका डस्टबिन दुनिया की हर भाषा में बोल सकता है. ये डस्टबिन सोलर एनर्जी पर चलता है मतलब धूप से चार्ज होगा और इसका ढक्कन भी खुद ब खुद खुल जाता है. इसके अलावा लवलेश कहते हैं कि इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है और मात्र 900 से 1000 रुपये में ये डस्टबिन आ जाएगा.

लवलेश को ऐसे आया आइडिया
लवलेश ने बताया कि एक दिन वो स्कूल से लौट रहे थे और उन्होंने बाहर ही कूड़ा डाल दिया, जिसके बाद टीचर ने कहा कि कूड़ा डस्टबिन में डालो, ये तुमसे कहने थोड़े आएगा कि कूड़ा डालो. उसी दिन लवलेश के दिमाग में ये आइडिया आया और उन्होंने बोलने वाला डस्टबिन बना दिया.

लवलेश के 'लवली' आइडिया पर लट्टू हुए केजरीवाल
छात्र लवलेश ने बताया कि वो कि उनका ये आइडिया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को काफी पसंद आया है और उन्होंने दिल्ली में इसके इस्तेमाल की बात भी कही है.

लवलेश को मिल चुके कई अवॉर्ड
स्मार्ट डस्टबिन का अविष्कार करने वाले कॉमर्स के इस चात्र का नाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. इसके अलावा लवलेश को नेशनल एक्सीलेंसी अवॉर्ड 2019 से भी सम्मानित किया गया है.

परिवार भी खुश, गांव वाले भी प्रसन्न
लवलेश के दादा और उनकी मां अपने बेटे के इस अविष्कार से बेहद खुश हैं वो कहते हैं उनका बेटा एक दिन और भी बड़ा नाम करेगा. लवलेश के इस अविष्कार से उनके गांव वाले भी काफी खुश हैं.

Intro:छात्र लवलेश दत्त ने इजाद किया स्मार्ट डस्टबीन, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ नाम
-मुदड़ी के छात्र द्वारा तैयार की गई डस्बीन की हुई चर्चा
-नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2019 से भी सम्मानित
Body:
जिले के गांव मुंदड़ी के बीबीए के छात्र लवलेश दत्त ने स्मार्ट डस्टबीन बनाकर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। छात्र लवलेश दत्त ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाते हुए अपने आईडिया को प्रयोग करके डस्टबीन इजात किया है। उन्होंने अपने इस प्रयोग को पहले संबंधित विभाग से पेटैंट करवाया। इसके बाद उन्होंने इस पर काम करते हुए अपना डस्टबीन तैयार किया। लवलेश दत्त ने बताया कि उनके द्वारा तैयार की गई स्मार्ट डस्टबीन हर आयु के व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब कोई भी व्यक्ति इस डस्टबीन की ओर जाता है तो वह स्वयं ही खुल जाती है। उसे हाथ नहीं लगाना पड़ता है। इसी प्रकार वह बंद भी स्वयं होती है। इसकी खात बात यह भी है कि वह धूप में रिचार्ज होती है। इसकी बिजली की भी बचत होती है। इसी प्रकार इस डस्बीन की यह भी खूबी है कि इसमें कचरा फुल होने के बाद वह स्वयं बता देती है। यह डस्बीन जब खुलती है वो वेलकम, कूड़ा डालने के बाद थैंक यू आदि बोलती है और वह भी कई भाषाओं में बोल सकती है। इससे बच्चे, बुजुर्ग, युवा इस कोई इसकी ओर आकर्षित होगा। मुंदड़ी के छात्र लवलेश दत्त का कहना है कि इसे न केवल घरों में प्रयोग किया जा सकता है बल्कि इसे रेलवे स्टेशन, बस अड्डा के अलावा किसी भी सार्वजनिक जगह पर इसका प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने अपने इस प्रयोग को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भी दिखाया और इसे दिल्ली में लागू करने का आग्रह किया। हालांकि केजरीवाल ने उन्हें इस डस्बीन को दिल्ली में रखने की बात कही है। कॉमर्स के इस छात्र लवलेश दत्त ने एक अनूठी खोच करके स्मार्ट डस्बीन इजाद की है। घरों में रखने जाने वाली इस डस्बीन की कीमत 900 रुपए से एक हजार रुपए तक पड़ती है। छात्र की इस उपलब्धि को देखते हुए उसका नाम वर्ड बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है।

लवलेश से जब पूछा गया की एबनाने की प्रेरणा कहा से मिली तो उन्होंने कहा की एक दिन जब वो स्कूल से लौट रहे थे तो कूड़ा ऐसे ही डस्टबिन से बाहर डाल दिया तो टीचर ने कहा की ये कूड़ा डस्टबिन में डालों ये तुम्हे बुलाने थोड़े ही आएगी कूड़ा डालने के लिए। उसी दिन से मेरे दिमाग में आईडिया आया की क्यों ना बोलने वाली डस्टबिन बनाई जाए जो खुद बुलाये और फिर कूड़ा डालने के बाद थैंक यू करे।

Conclusion:इसी प्रकार छात्र लवलेश दत्त के दादा का कहना था कि बेटे की इस उपलब्धि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट संतोष शुकला ने भी उन्हें नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2019 से सम्मानित किया है। छात्र की इस उपलब्धि से गांव के लोगों में खुशी है।

लवलेश की माता व अन्य घर के सदस्यों ने कहा की लवलेश बचपन से ही ऐसे स्वभाव का था की खिलौनों आदि को जोड़ता-तोड़ता रहता था। हम उस वक्त इसकी इन चीजों को शैतानियां मानकरर डांटते भी थे। शायद यही वो चीज थी जो इसे यहां तक ले आई।

बाइट लवलेश, इन्वेंटर
बाइट रमेश दत्त, लवलेश के दादा
बाइट सविता, लवलेश की मां
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