नई दिल्ली: तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाती रही हैं. अब आयोग के भीतर से ही एक ऐसी आवाज उठी है, जिसने राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग पर फिर से हमले का मौका दे दिया है.
तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा ने 4 मई को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें फुल कमीशन की बैठक से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया
लवासा की चिट्ठी के बाद सुनील अरोड़ा से उनकी मीटिंग हुई और उसके बाद लवासा ने फिर कहा कि अल्पमत के फैसले रिकॉर्ड ना किए जाने के कारण उनके बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है.
बता दें कि लवासा की चिट्ठी उस घटना के बाद आई थी, जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की तरफ से प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया था.
इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट अब मोदी कोड ऑफ कंडक्ट बन गया है.
संजय सिंह ने कहा, तमाम राजनीतिक दल पहले से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, जिस पर आज अशोक लवासा जी ने यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि उनकी बात, उनके तर्क और उनके निर्णयों का चुनाव आयोग में कोई मतलब नहीं है.
संजय सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले भी तमाम विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब उनके बीच बैठा आदमी जो प्रतिदिन चुनाव की कार्यवाही से रूबरू हो रहा है और जो प्रतिदिन के एकतरफा फैसलों को देख रहा है, उससे इस बात की मुहर यह तय करती है कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है.
'चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया'
संजय सिंह ने यह भी कहा कि अब चुनाव आयोग को अपना कार्यालय भाजपा मुख्यालय में शिफ्ट कर लेना चाहिए और वहीं से उसे संचालित करना चाहिए, जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह निर्देश दें.
चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने हाल में बंगाल को लेकर किए गए चुनाव आयोग के फैसले और इससे पहले के तमाम मामलों का भी जिक्र किया.
बता दें कि इसे पहले भी तमाम राजनीतिक दल सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब आयोग के अंदर से उठी आवाज ने राजनीतिक दलों को और भी मजबूती के साथ चुनाव अयोग पर हमले का मौका दे दिया है.