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चुनाव आयोग को अपना कार्यालय BJP मुख्यालय में शिफ्ट कर लेना चाहिए- AAP - Election commissioner Ashok Lavasa

अशोक लवासा की चिट्ठी के बाद सुनील अरोड़ा से उनकी मीटिंग हुई और उसके बाद लवासा ने फिर कहा कि अल्पमत के फैसले रिकॉर्ड ना किए जाने के कारण उनका बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है.

संजय सिंह ने बीजेपी पर किया हमला
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Published : May 18, 2019, 11:32 PM IST

Updated : May 19, 2019, 3:23 PM IST

नई दिल्ली: तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाती रही हैं. अब आयोग के भीतर से ही एक ऐसी आवाज उठी है, जिसने राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग पर फिर से हमले का मौका दे दिया है.


तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा ने 4 मई को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें फुल कमीशन की बैठक से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया जा रहा है.

Sanjay Singh attack on bjp over Election Commission
संजय सिंह ने बीजेपी पर किया हमला

प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया
लवासा की चिट्ठी के बाद सुनील अरोड़ा से उनकी मीटिंग हुई और उसके बाद लवासा ने फिर कहा कि अल्पमत के फैसले रिकॉर्ड ना किए जाने के कारण उनके बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है.


बता दें कि लवासा की चिट्ठी उस घटना के बाद आई थी, जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की तरफ से प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया था.

संजय सिंह ने बीजेपी पर किया हमला
अब चुनाव आयोग के भीतर आयुक्तों का यह आपसी मतभेद खुलकर सियासी आरोप-प्रत्यारोपों का रूप ले चुका है. अशोक लवासा के इस बयान को आधार बनाकर आम आदमी पार्टी ने फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है.


इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट अब मोदी कोड ऑफ कंडक्ट बन गया है.


संजय सिंह ने कहा, तमाम राजनीतिक दल पहले से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, जिस पर आज अशोक लवासा जी ने यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि उनकी बात, उनके तर्क और उनके निर्णयों का चुनाव आयोग में कोई मतलब नहीं है.


संजय सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले भी तमाम विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब उनके बीच बैठा आदमी जो प्रतिदिन चुनाव की कार्यवाही से रूबरू हो रहा है और जो प्रतिदिन के एकतरफा फैसलों को देख रहा है, उससे इस बात की मुहर यह तय करती है कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है.

'चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया'
संजय सिंह ने यह भी कहा कि अब चुनाव आयोग को अपना कार्यालय भाजपा मुख्यालय में शिफ्ट कर लेना चाहिए और वहीं से उसे संचालित करना चाहिए, जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह निर्देश दें.


चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने हाल में बंगाल को लेकर किए गए चुनाव आयोग के फैसले और इससे पहले के तमाम मामलों का भी जिक्र किया.
बता दें कि इसे पहले भी तमाम राजनीतिक दल सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब आयोग के अंदर से उठी आवाज ने राजनीतिक दलों को और भी मजबूती के साथ चुनाव अयोग पर हमले का मौका दे दिया है.

नई दिल्ली: तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाती रही हैं. अब आयोग के भीतर से ही एक ऐसी आवाज उठी है, जिसने राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग पर फिर से हमले का मौका दे दिया है.


तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा ने 4 मई को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें फुल कमीशन की बैठक से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया जा रहा है.

Sanjay Singh attack on bjp over Election Commission
संजय सिंह ने बीजेपी पर किया हमला

प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया
लवासा की चिट्ठी के बाद सुनील अरोड़ा से उनकी मीटिंग हुई और उसके बाद लवासा ने फिर कहा कि अल्पमत के फैसले रिकॉर्ड ना किए जाने के कारण उनके बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है.


बता दें कि लवासा की चिट्ठी उस घटना के बाद आई थी, जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की तरफ से प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया था.

संजय सिंह ने बीजेपी पर किया हमला
अब चुनाव आयोग के भीतर आयुक्तों का यह आपसी मतभेद खुलकर सियासी आरोप-प्रत्यारोपों का रूप ले चुका है. अशोक लवासा के इस बयान को आधार बनाकर आम आदमी पार्टी ने फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है.


इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट अब मोदी कोड ऑफ कंडक्ट बन गया है.


संजय सिंह ने कहा, तमाम राजनीतिक दल पहले से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, जिस पर आज अशोक लवासा जी ने यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि उनकी बात, उनके तर्क और उनके निर्णयों का चुनाव आयोग में कोई मतलब नहीं है.


संजय सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले भी तमाम विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब उनके बीच बैठा आदमी जो प्रतिदिन चुनाव की कार्यवाही से रूबरू हो रहा है और जो प्रतिदिन के एकतरफा फैसलों को देख रहा है, उससे इस बात की मुहर यह तय करती है कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है.

'चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया'
संजय सिंह ने यह भी कहा कि अब चुनाव आयोग को अपना कार्यालय भाजपा मुख्यालय में शिफ्ट कर लेना चाहिए और वहीं से उसे संचालित करना चाहिए, जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह निर्देश दें.


चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने हाल में बंगाल को लेकर किए गए चुनाव आयोग के फैसले और इससे पहले के तमाम मामलों का भी जिक्र किया.
बता दें कि इसे पहले भी तमाम राजनीतिक दल सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब आयोग के अंदर से उठी आवाज ने राजनीतिक दलों को और भी मजबूती के साथ चुनाव अयोग पर हमले का मौका दे दिया है.

Intro:तमाम विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाती रही है. अब आयोग के भीतर से ही एक ऐसी आवाज उठी है, जिसने राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग पर फिर से हमले का मौका दे दिया है.


Body:तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा ने 4 मई को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था उन्हें फुल कमीशन की बैठक से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया जा रहा है. लवासा की चिट्ठी के बाद सुनील अरोड़ा से उनकी मीटिंग हुई और उसके बाद लवासा ने फिर कहा कि अल्पमत के फैसले रिकॉर्ड ना किए जाने के कारण उनके बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है.

लवासा कि चिट्ठी उस घटना के बाद आई थी जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की तरफ से प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया था. अब चुनाव आयोग के भीतर आयुक्तों का यह आपसी मतभेद खुलकर सियासी आरोप-प्रत्यारोपों का रूप ले चुका है. अशोक लवासा के इस बयान को आधार बनाकर आम आदमी पार्टी ने फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है.

इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मॉडल कोड आफ कंडक्ट अब मोदी कोड आफ कंडक्ट बन गया है. संजय सिंह ने कहा, तमाम राजनीतिक दल पहले से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, जिस पर आज अशोक लवासा जी ने यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि उनकी बात, उनके तर्क और उनके निर्णयों का चुनाव आयोग में कोई मतलब नहीं है.

संजय सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले भी तमाम विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब उनके बीच बैठा आदमी जो प्रतिदिन चुनाव की कार्यवाही से रूबरू हो रहा है और जो प्रतिदिन के एकतरफा फैसलों को देख रहा है, उससे इस बात की मुहर यह तय करती है कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है.

संजय सिंह ने यह भी कहा कि अब चुनाव आयोग को अपना कार्यालय भाजपा मुख्यालय में शिफ्ट कर लेना चाहिए और वहीं से उसे संचालित करना चाहिए, जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह निर्देश दें. चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने हाल में बंगाल को लेकर किए गए चुनाव आयोग के फैसले और इससे पहले के तमाम मामलों का भी जिक्र किया.


Conclusion:इसे पहले भी तमाम राजनीतिक दल सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब आयोग के अंदर से उठी आवाज ने राजनीतिक दलों को और भी मजबूती के साथ चुनाव अयोग पर हमले का मौका दे दिया है.
Last Updated : May 19, 2019, 3:23 PM IST
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