नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली का संगम विहार एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी झोपड़ी वाला इलाका है. ये पूरी विधानसभा पानी की किल्लत के लिए हर साल खबरों में रहती है. समस्या तो इस बार भी है, लेकिन खास बात ये है कि वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया यहीं से विधायक हैं.
ईटीवी भारत की टीम यहां जमीनी पड़ताल के लिए पहुंची. लेकिन आश्चर्य की बात है कि जून के महीने में जब पीने के पानी के लिए लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. संगम विहार की मुख्य सड़क दतिया मार्ग पानी और कीचड़ में डूबी हुई है.
सड़क की वजह से नहीं हुई शादी
इस सड़क से जुड़ी एक अनोखी व्यथा हमें सुनने को मिली. किशन सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो सकी, क्योंकि जो लड़की वाले उन्हें देखने आ रहे थे. वो इसी सड़क से होकर आ रहे थे और टूटी सड़क देखकर बीच रास्ते से लौट गए. किशन ने कहा कि आप ही बताइए, ऐसी जगह पर कौन अपनी बेटी की शादी करेगा.
टूटी सड़क से लोग परेशान
यहां के कई स्थानीय लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की. हर्ष चौधरी यहां के स्थानीय नागरिक हैं. उन्होंने बताया कि हमें यहां पता नहीं चल पाता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है. उन्होंने कहा कि ये मुख्य रास्ता है और यहां से हर दिन 50 हजार से लेकर एक लाख तक की संख्या में लोग गुजरते हैं, लेकिन इसकी हालत कैसी है, यह आप देख सकते हैं.
AAP कार्यालय के सामने गढ्ढे
गौर करने वाली बात ये भी है कि इस टूटी सड़क की जहां पर सबसे ज्यादा दुर्दशा है और जहां पर सड़क के दोनों तरफ नालियां खुदी हुई है, उसके ठीक सामने आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक दिनेश मोहनिया का कार्यालय है. स्थानीय निवासी हर्ष चौधरी ने कहा भी कि विधायक गायब हैं और तब गायब हैं, जबकि वे दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं.
'आप को वोट देने का फायदा नहीं'
इस इलाके में किराए पर रहने वाली एक महिला मीनाक्षी ने कहा कि उन्होंने वोट भी आम आदमी पार्टी को दिया था, पार्टी ने बिजली के बिल कम किए, लेकिन किरायेदारों को इसका कोई फायदा नहीं मिला. अपनी समस्याएं बयां करते करते मीनाक्षी सड़क के मुद्दे पर भी पहुंच गईं और उन्होंने इस टूटी सड़क को जानलेवा बताया. वहीं पानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ए-ब्लॉक में तो अभी पानी ही नहीं आ रहा है.
'नहीं होती कोई कार्रवाई'
स्थानीय निवासी मोहम्मद इसराइल का कहना था कि इस सड़क से होकर रात 10-11 बजे अगर जाएं, तो लूट का शिकार हो सकते हैं. वहीं सड़क पर गिरकर कई बार एक्सीडेंट भी हो चुका है. उन्होंने कहा कि यहां सामने एमएलए ऑफिस भी है, लेकिन हम अगर कोई कंप्लेन लिखवाएं, तो उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती, कोई सुनवाई नहीं होती.