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सफदरजंग अस्पताल के सर्वर पर भी हुआ था साइबर अटैक, एम्स का सर्वर 11वें दिन भी ठप - एम्स का सर्वर 11वें दिन भी ठप

सफदरजंग अस्पताल के सर्वर पर भी नवंबर के मध्य में एक साइबर हमला हुआ था. हालांकि, इसके सर्वर को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा था. अस्पताल के डाटा को भी नुकसान नहीं हुआा. वहीं, एम्स का सर्वर शनिवार को 11वें दिन भी ठप रहा. (Cyber attack on server of Safdarjung Hospital)

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Published : Dec 3, 2022, 10:57 PM IST

नई दिल्लीः सफदरजंग अस्पताल के सर्वर पर भी नवंबर के मध्य में एक साइबर हमला हुआ था. हालांकि, इसके सर्वर को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा था. अस्पताल के डाटा को भी नुकसान नहीं हुआ. वहीं, एम्स का सर्वर शनिवार को 11वें दिन भी ठप रहा. आशंका है कि एम्स से सर्वर से अधिक डाटा को हैक किया गया है. (Cyber attack on server of Safdarjung Hospital)

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा, "एक साइबर हमला हुआ था. हमारा सर्वर भी नवंबर में एक दिन के लिए डाउन हुआ था, लेकिन डेटा सुरक्षित रहा. इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नियंत्रित किया गया था, जिस कारण अस्पताल का कामकाज पुनः सुचारू रूप से चालू हो सका."

शेरवाल ने बताया कि 14 नवंबर को अस्पताल के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने कुछ कंप्यूटरों को लॉग इन करने में सक्षम नहीं हो रहे थे. इसके बाद इसकी जानकारी एनआईसी को दी गई. वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस साइबर अटैक का असर करीब 12 घंटों तक रहा और उसी दिन कामकाज पुनः बहाल हो गया.

एम्स दिल्ली के अनुसार, अगले सप्ताह के मध्य में मैन्युअल रूप से सेवाएं शुरू होनी हैं. इस बीच लगभग 3000 कंप्यूटरों को स्कैन किया गया है और भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस भी अपलोड किया गया है. इंटरनेट सेवाएं अभी भी ब्लॉक हैं. हालांकि इससे अधिक जानकारी अस्पताल प्रशासन की तरफ से साझा नहीं की गई है.

ये भी पढ़ेंः तिहाड़ में आफताब ने मांगी साहित्य की किताबें, जेल प्रशासन ने कहा- जल्द उपलब्ध कराएंगे

दिल्ली एम्स के सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को डाटा उल्लंघन के मामले को लेकर सोमवार को दो विशेषज्ञों को निलंबित कर दिया गया था और अन्य विशेषज्ञ पर नजर रखी जा रही है. दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ ने एम्स दिल्ली में कथित मैलवेयर हमले की जांच शुरू की है. इससे पहले मंगलवार को एम्स ने भी बयान जारी कर कहा था कि ई-हॉस्पिटल का डेटा रिस्टोर कर लिया गया है.

नई दिल्लीः सफदरजंग अस्पताल के सर्वर पर भी नवंबर के मध्य में एक साइबर हमला हुआ था. हालांकि, इसके सर्वर को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा था. अस्पताल के डाटा को भी नुकसान नहीं हुआ. वहीं, एम्स का सर्वर शनिवार को 11वें दिन भी ठप रहा. आशंका है कि एम्स से सर्वर से अधिक डाटा को हैक किया गया है. (Cyber attack on server of Safdarjung Hospital)

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा, "एक साइबर हमला हुआ था. हमारा सर्वर भी नवंबर में एक दिन के लिए डाउन हुआ था, लेकिन डेटा सुरक्षित रहा. इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नियंत्रित किया गया था, जिस कारण अस्पताल का कामकाज पुनः सुचारू रूप से चालू हो सका."

शेरवाल ने बताया कि 14 नवंबर को अस्पताल के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने कुछ कंप्यूटरों को लॉग इन करने में सक्षम नहीं हो रहे थे. इसके बाद इसकी जानकारी एनआईसी को दी गई. वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस साइबर अटैक का असर करीब 12 घंटों तक रहा और उसी दिन कामकाज पुनः बहाल हो गया.

एम्स दिल्ली के अनुसार, अगले सप्ताह के मध्य में मैन्युअल रूप से सेवाएं शुरू होनी हैं. इस बीच लगभग 3000 कंप्यूटरों को स्कैन किया गया है और भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस भी अपलोड किया गया है. इंटरनेट सेवाएं अभी भी ब्लॉक हैं. हालांकि इससे अधिक जानकारी अस्पताल प्रशासन की तरफ से साझा नहीं की गई है.

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दिल्ली एम्स के सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को डाटा उल्लंघन के मामले को लेकर सोमवार को दो विशेषज्ञों को निलंबित कर दिया गया था और अन्य विशेषज्ञ पर नजर रखी जा रही है. दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ ने एम्स दिल्ली में कथित मैलवेयर हमले की जांच शुरू की है. इससे पहले मंगलवार को एम्स ने भी बयान जारी कर कहा था कि ई-हॉस्पिटल का डेटा रिस्टोर कर लिया गया है.

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