नई दिल्ली: नीट पीजी काउंसलिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. रेजिडेंट डॉक्टर्स लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक काउंसलिंग की तारीख तय नहीं की गई है. इससे नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को कैंडल मार्च निकालकर अपनी नाराजगी जाहिर की. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल कैंपस में कैंडल मार्च निकालकर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार से काउंसलिंग की तारीख जल्द तय करने की अपनी मांग को मजबूती से रखा.
वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों के धरना-प्रदर्शन को और कैंडल मार्च को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नॉर्थ जोन का भी समर्थन मिला. आईएमए नॉर्थ जोन ने रेजिडेंट डॉक्टरों के धरना-प्रदर्शन और कैंडल मार्च को फाइनेंस किया. साथ ही आगे भी उन्हें हर तरह से मदद करने की पेशकश की.
ये भी पढ़ें: निर्माण भवन के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर्स का प्रदर्शन जारी
आईएमए नार्थ ज़ोन के सेक्रेटरी डॉ. गिरीश तिवारी ने रेजिडेंट डॉक्टर के समर्थन में कहा कि आईएमए हर तरीके से रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में है. उनकी मांग जायज है. पीजी काउंसलिंग जल्दी होनी चाहिए और अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स का एक नया बैच जल्दी आना चाहिए ताकि ओमीक्रोन के खतरे से निपटने में आसानी होगी. इसके लिए डॉक्टर गिरीश तिवारी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को हर तरह की मदद करने का वादा किया. कैंडल मार्च को भी उन्होंने फाइनेंस किया और कहा कि जब तक वे लोग धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे तब तक उन्हें उनका समर्थन मिलता रहेगा और हर तरह की मदद भी मिलती रहेगी.
ये भी पढ़ें: AIIMS को छोड़कर दिल्ली के तमाम रेजिडेंट डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल, OT, इमरजेंसी, OPD ठप
आईएमए नार्थ ज़ोन के सेक्रेटरी डॉक्टर तिवारी ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर की मांग बिल्कुल सही है. नीति निर्माताओं और सरकार को भी यह समझने चाहिए. किसी भी देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक हो तभी उसका आर्थिक विकास हो सकता है. इसके लिए जरूरी है अस्पतालों में पर्याप्त मैन पावर का होना, डॉक्टर का होना जिसे कानूनी दांवपेच में फंसा कर रेजिडेंट डॉक्टर की एक पूरे बैच को अस्पतालों में ज्वाइन करने से रोक रहा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप