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राशन डीलरों पर भेदभाव का आरोप, जान पहचान है तो पहले मिलेगा राशन!

लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार जरूरतमंदों को फ्री राशन मुहैया करा रही हैं. ऐसे में कई राशन की दुकानों पर लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा हैं. लोगों का आरोप हैं कि राशन डीलर अपने जान पहचान वाले लोगों को ही पहले राशन दे रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम राशन की दुकान पर पहुंची तो जानिए लोगों ने क्या प्रतिक्रियाएं दी.

people blamed ration dealers in delhi
राशन डिलर्स पर लोगों ने लगाए आरोप
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Published : May 6, 2020, 1:18 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार जरूरतमंदों के लिए फ्री राशन वितरण की योजना लेकर आई है. लेकिन ये योजना कई पैमानों में फेल होती हुई नजर आ रही हैं. कहीं लोगों को ई-कूपन के बाद भी राशन नहीं मिल पा रहा हैं, तो कहीं लोगों को कई दिनों तक लाइनों में लगने के बाद भी कूपन नहीं मिला. राशन लेने के लिए लोगों के बीच खूब मारा-मारी देखी जा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम दिल्ली की राशन की एक दुकान के बाहर जायजा लेने पहुंची.

राशन बांटने वाला वॉलंटियर

राशन डीलर पर आरोप

महिलाएं राशन डीलर पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही हैं. उनका आरोप हैं कि डीलर चेहरा देखकर टोकन बांट रहे हैं. जो उनकी पहचान के लोग हैं, उन्हें तो पहले टोकन देकर सबसे आगे खड़ा कर देते हैं. और जो उनके साथ बहस कर बैठता है, उसे वो टोकन भी नहीं देते हैं. ईटीवी भारत को राशन लेने आई एक महिला ने बताया कि वहां मुंह देखकर राशन के टोकन बांटे जा रहे हैं. राशन वाले जान-पहचान के लोगों को बिना टोकन के ही राशन दे रहे हैं. जबकि जो लोग सुबह से लाइन में लगे हुए हैं, उनको टोकन नहीं दिया जा रहा हैं.

राशन डिलरों पर महिला ने लगाए आरोप
घर में नहीं है आटा, चावल

एक महिला ने बताया कि वह दो दिनों से राशन के लिए सुबह 5 बजे से ही लाइन में लग रही है. लेकिन उसे राशन के लिए टोकन तक नहीं मिला है. यहां तक की राशन विक्रेता उन लोगों को राशन के लिए टोकन भी नहीं दे रहे जो उनकी गलतियों पर उन्हें टोकते हैं.

महिला ने बताया कि उसके घर में न आटा है और न ही चावल है. राशन नहीं होने की वजह से घर का चूल्हा भी कई दिनों से बंद पड़ा है. काम-धंधा चल नहीं रहा है. काम चलता तो सिर्फ सरकारी राशन पर थोड़े ही निर्भर रहते.

नंबर के अनुसार राशन वितरण

राशन के लिये टोकन बांट रहे एक वॉलंटियर ने कहा कि लोग आधी रात से ही लाइन में लग जाते हैं. ऐसे में जो पहले आते हैं, उन्हें ही टोकन दिया जाता हैं. दिनभर में अधिकतम 200 लोगों को ही राशन बांटा जा सकता हैं.

इससे ज्यादा लोगों को टोकन देना मुश्किल हैं. बाद में कहने पर उसने सभी को टोकन दे दिए. वहां मौजूद कुल 450 टोकन बांट दिए गए. जिनका नंबर 200 के बाद का है, उन्हें अगले दिन राशन लेने के लिए आने को कहा गया. सभी को दिए गये नंबर क्रम से ही राशन बांटा गया.


आधी रात ही लग जाती लाइन

इन दिनों राशन का टोकन पाने की अनुभूति किसी जंग जीत लेने जैसी है. इसके लिए लोग आधी रात से ही लाइन बनाकर बैठ जाते हैं. राशन पाने के सुनहरे सपनों के साथ ही रात जैसे-तैसे कट जाती है. सुबह शुरू होती ही टोकन पाने की होड़ लोगों में लग जाती हैं. इतनी भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंस बनाते हुए सबको राशन बांटना दुकानदारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी हैं.




नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार जरूरतमंदों के लिए फ्री राशन वितरण की योजना लेकर आई है. लेकिन ये योजना कई पैमानों में फेल होती हुई नजर आ रही हैं. कहीं लोगों को ई-कूपन के बाद भी राशन नहीं मिल पा रहा हैं, तो कहीं लोगों को कई दिनों तक लाइनों में लगने के बाद भी कूपन नहीं मिला. राशन लेने के लिए लोगों के बीच खूब मारा-मारी देखी जा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम दिल्ली की राशन की एक दुकान के बाहर जायजा लेने पहुंची.

राशन बांटने वाला वॉलंटियर

राशन डीलर पर आरोप

महिलाएं राशन डीलर पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही हैं. उनका आरोप हैं कि डीलर चेहरा देखकर टोकन बांट रहे हैं. जो उनकी पहचान के लोग हैं, उन्हें तो पहले टोकन देकर सबसे आगे खड़ा कर देते हैं. और जो उनके साथ बहस कर बैठता है, उसे वो टोकन भी नहीं देते हैं. ईटीवी भारत को राशन लेने आई एक महिला ने बताया कि वहां मुंह देखकर राशन के टोकन बांटे जा रहे हैं. राशन वाले जान-पहचान के लोगों को बिना टोकन के ही राशन दे रहे हैं. जबकि जो लोग सुबह से लाइन में लगे हुए हैं, उनको टोकन नहीं दिया जा रहा हैं.

राशन डिलरों पर महिला ने लगाए आरोप
घर में नहीं है आटा, चावल

एक महिला ने बताया कि वह दो दिनों से राशन के लिए सुबह 5 बजे से ही लाइन में लग रही है. लेकिन उसे राशन के लिए टोकन तक नहीं मिला है. यहां तक की राशन विक्रेता उन लोगों को राशन के लिए टोकन भी नहीं दे रहे जो उनकी गलतियों पर उन्हें टोकते हैं.

महिला ने बताया कि उसके घर में न आटा है और न ही चावल है. राशन नहीं होने की वजह से घर का चूल्हा भी कई दिनों से बंद पड़ा है. काम-धंधा चल नहीं रहा है. काम चलता तो सिर्फ सरकारी राशन पर थोड़े ही निर्भर रहते.

नंबर के अनुसार राशन वितरण

राशन के लिये टोकन बांट रहे एक वॉलंटियर ने कहा कि लोग आधी रात से ही लाइन में लग जाते हैं. ऐसे में जो पहले आते हैं, उन्हें ही टोकन दिया जाता हैं. दिनभर में अधिकतम 200 लोगों को ही राशन बांटा जा सकता हैं.

इससे ज्यादा लोगों को टोकन देना मुश्किल हैं. बाद में कहने पर उसने सभी को टोकन दे दिए. वहां मौजूद कुल 450 टोकन बांट दिए गए. जिनका नंबर 200 के बाद का है, उन्हें अगले दिन राशन लेने के लिए आने को कहा गया. सभी को दिए गये नंबर क्रम से ही राशन बांटा गया.


आधी रात ही लग जाती लाइन

इन दिनों राशन का टोकन पाने की अनुभूति किसी जंग जीत लेने जैसी है. इसके लिए लोग आधी रात से ही लाइन बनाकर बैठ जाते हैं. राशन पाने के सुनहरे सपनों के साथ ही रात जैसे-तैसे कट जाती है. सुबह शुरू होती ही टोकन पाने की होड़ लोगों में लग जाती हैं. इतनी भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंस बनाते हुए सबको राशन बांटना दुकानदारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी हैं.




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