नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स दिल्ली में मरीजों के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही है. इसके बावजूद यहां इलाज कराने आने वाले लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही हैं. एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास लगातार मरीजों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, ताकि उन्हें परेशानी को कम किया जा सके. एम्स में कंसल्टेंसी से लेकर जांच और दवाई लेने में भी मरीजों को काफी धक्के खाने पड़ते हैं. दिल्ली एम्स में एक्सरे समेत सभी तरह के जांच के लिए भी मरीज काफी परेशान हैं. एमआरआई के लिए एक साल की वेंटिग चल रही है. केवल एक स्लॉट में ही एक्सरे की जांच हो रही है. एक घंटे में ही 500 मरीजों का स्लॉट भर जाता है और बाकी बचे मरीज परेशान होते रहते हैं.
24 घंटे एमआरआई होने के बावजूद परेशानी: एम्स के डायरेक्टर ने पिछले साल अक्टूबर में एम्स में 24 घंटे एमआरआई शुरू करने की घोषणा की थी. इसके बावजूद अबतक नई मशीन नहीं आई है. नई मशीनें खरीदने के लिए एम्स ने एक कमिटी भी बनाई थी. एम्स में सभी प्रकार की जांच में लंबी वेटिंग होती है. इस समस्या का हल निकालते हुए एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास ने 24 घंटे एमआरआई की शुरुआत की थी. पिछले साल जब यह आदेश जारी किया गया था तो एम्स ने भी यह बात स्वीकार किया था कि लंबी वेटिंग के कारण मरीज प्राइवेट डायग्नोस्टिक में जाकर अपनी जांच कराते हैं. कई बार उनकी रिपोर्ट स्टैंडर्ड नहीं होने पर वह मान्य नहीं होता और अस्वीकार कर दिया जाता है, जिससे की मरीजों का इलाज प्रभावित होता है.
एमआरआई के लिए अभी भी साल भर वेटिंग: एम्स प्रशासन ने अपने यहां 24 घंटे एमआरआई की योजना बनाई. जानकारी के अनुसार फिलहाल एम्स में तीन एमआरआई मशीन हैं, जो पहले 12 घंटे चलते थे. इन मशीनों से रोजाना 30 से 35 एमआरआई की जाती थी. पिछले साल अक्टूबर में दिए गए आदेश के बाद एम्स में दिन रात 24 घंटे एमआरआई की जाने लगी है. 2 मशीनें दिन-रात चलती है और तीसरी मशीन बीच-बीच में चलाई जाती है. इससे एमआरआई की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन वेटिंग टाइम अभी भी एक साल की है.
दूर-दराज के मरीजों होते हैं परेशान: दूर-दराज से इलाज कराने वाले कई मरीज ऐसे हैं, जो एक्सरे के एक स्लॉट होने से काफी परेशान होते हैं. दिल्ली के मयूरविहार के रहने वाले हार्ट के एक मरीज 9 बजे के बाद एक्सरे का टोकन लेने काउंटर पर पहुंचे तो वहां उन्हें समय समाप्त कहकर अगले दिन आने के लिए कह दिया गया. इसको लेकर मरीज और स्टाफ के बीच काफी बहस भी हुई. मरीज ने उन्हें यहां तक कहा कि वह हार्ट के मरीज हैं और कुछ दिन पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ है. इसके बावजूद उन्हें अगले दिन आने को कहा गया.
ये भी पढ़ें: स्ट्रोक के मरीजों के लिए एम्स ने तैयार किया नया एप, लोगों को करेगा जागरूक
संसाधनों के विस्तार का विचार कर रहा एम्स: मरीजों को लगातार हो रही परेशानी को लेकर एम्स प्रशासन का कहना है कि 24 घंटे जांच की जा रही है. रोजाना औसतन 54 जांच की जा रही है और जनरल रेडियोलॉजी वेटिंग एक साल की है. न्यूरो एमआरआई स्कैन में 4 महीने की वेटिंग है तो कार्डियो एमआरआई में तीन महीने की है. एम्स ने यह माना है कि जांच की सेवा समय पर मिलना कितना जरूरी है, वेटिंग को कम करने के लिए संसाधनों के विस्तार पर काम किया जा रहा है, जल्द इस समस्या का हल निकाल लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर एम्स ने लॉन्च किया स्मार्ट इंडिया एप