नई दिल्ली : दिल्ली में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए तमाम एजेंसियां काम कर रही हैं. पिछले दिनों यहां के फ्लाईओवरों का सौंदर्यीकरण करने के लिए वर्टिकल गार्डन और वॉल पेंटिंग का सहारा लिया गया था, लेकिन योजनाओं पर लाखों खर्च होने के बावजूद इससे आने वाली सुंदरता पर गरीबी हावी हो रही है. आलम ये है कि फ्लाईओवरों के नीचे गरीब और असहाय लोगों के घर बन गए हैं. इससे शहर की चमक फीकी पड़ रही है.
अकेली साउथ एमसीडी के इलाके में साल 2018 में कुल 1 दर्जन Fly Overs के 142 से अधिक पिलर पर Vertical Garden बनाने की योजना तैयार की गई थी, जिस पर काम शुरू किया गया. मौजूदा समय में South MCD से अलग पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) और दिल्ली की अन्य निगमों ने भी वर्टिकल गार्डन को लेकर योजना बनाई और इस पर काम भी किया. नतीजतन कई इलाकों के सौंदर्यीकरण के लिए न सिर्फ वर्टिकल गार्डन बल्कि वॉल पेंटिंग और छोटे-छोटे गार्डन बनाए गए. ये खूबसूरत भी लगते थे, लेकिन अब कई जगहों पर गरीब और बेसहारा लोग रह रहे हैं.
साउथ दिल्ली के मुनिरका, लाजपत नगर और अन्य इलाकों में Fly Over ऐसे लोगों का अस्थाई पता हैं, जिनके पास रहने को घर नहीं है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए ये लोग पहले ही गरीबी के मारे हैं. अब 2 साल से कोरोना ने इनकी परेशानी और बढ़ा दी है. ये लोग परेशान हैं. फ्लाईओवर के नीचे 2 जून की रोटी को तरसती शायरी राजस्थान से हैं. वो कहती हैं कि अब उन्हें अगर सड़क पर भी रहने नहीं दिया जाएगा तो वो कहां जाएंगी. खाने-पीने के लिए कभी उन्हें कोई दे जाता है या वो मांग लाती हैं. काम कुछ है नहीं... मदद कोई करता नहीं. इसलिए वो परेशान हैं. कलावती कहती हैं कि लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी मुश्किल कर दी है. खाना बनाते हुए वो बताती हैं कि उनके पास जब रोटी होती है तो सब्जी नहीं होती. कभी-कभी रोटी भी नहीं होती है.
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उधर अधिकारियों की भी अपनी परेशानी है. बेघर लोगों के लिए रैन-बसेरे होने के बावजूद जब लोग ऐसे सड़क पर रहते हैं, तब ये एजेंसियों के लिए मुश्किल हो जाता है. साउथ MCD के एक अधिकारी ने बताया कि वो अपने स्तर पर बहुत बार इन लोगों को यहां से हटने के लिए कह चुके हैं, लेकिन इनका कोई समाधान नहीं होता.
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वहीं साउथ एमसीडी के Mayor Mukesh Suryan इसके लिए सीधे तौर पर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. वो कहते हैं कि एक तरफ South MCD शहर को सुंदर रखने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ऐसे लोगों का भी ख्याल नहीं रख रही है जो भी घर है और बेसहारा है. वह कहते हैं कि दिल्ली सरकार का दूसरे अब कहां गया क्योंकि दूसरी की जिम्मेदारी सुबह बेघर और असहाय लोगों को बसेरा देने की ही है. वो इस मामले में जल्दी ही कुछ समाधान ढूंढने की बात कहते हैं.
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