नई दिल्ली: मालवीय नगर स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल इन दिनों डॉक्टर की भारी कमी से जूझ रहा है. साथ ही यहां पर निशुल्क दवाइयां मिलती हैं, लेकिन वो दवाइयां भी मरीजों तक पूरी तरह से नहीं पहुंच पा रही हैं, जिसके चलते लोगों को अस्पताल के बाहर बने मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं.
पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल के मेडिकल सुप्रिडेंट डॉक्टर चुग ने बताया कि दिल्ली सरकार का यह बड़ा अस्पताल है. 100 बेड का अस्पताल है जहां ओपीडी में हर रोज ढाई से तीन हजार लोग आते हैं. कैजुअलिटी में 700-800 मरीज आते हैं.
ड्यूटी पर रहते हैं सिर्फ 30 डॉक्टर
मेडिकल सुप्रिडेंट डॉक्टर चुग ने बताया कि यहां पर डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 300 का स्टाफ है. ऐसे में सुबह शाम और नाइट की शिफ्ट मिलाकर सिर्फ 30 डॉक्टर हैं. तीन हजार से ज्यादा डॉक्टर पर सिर्फ 30 डॉक्टर होना बेहद ही चिंताजनक स्तिथि है.
दवाइयों की भी है कमी
वहीं, तीन मंजिला आलीशान इस अस्पताल की बिल्डिंग में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं को देने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. वहीं, यहां मरीजों को लिखी जाने वाली दवाइयां कई बार पूरी नहीं मिल पाती हैं. इसके चलते मजबूरन मरीजों को बाहर से दवाई खरीदनी पड़ रही है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां दवाइयां हमेशा रहती हैं. कई बार खत्म हो जाने की वजह से दिक्कते आती हैं.
फिलहाल दिल्ली सरकार की ओर से इस साल 7486 करोड रुपए का बजट स्वास्थ सुविधाओं के लिए दिया गया है. ऐसे में इस साल दिल्ली के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने की उम्मीद भी जताई जा रही है.