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संगम विहार में पानी के जुगाड़ में नौकरी गंवा रहे लोग

संगम विहार में पानी ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. इस कदर जलसंकट है कि पा पानी के जद्दोजहद में 10 दिन बीत जाते हैं. जिससे लोग अपनी नौकरियां भी गंवा रहे हैं. दिलचस्प यह है कि लोग इसके लिए लोग जलबोर्ड या दिल्ली सरकार के बजाय सीधे प्रधानमंत्री को ही जिम्मेदार मान रहे हैं.

People losing jobs due to water crises in Sangam Vihar delhi
संगम विहार में पानी के जुगाड़ में नौकरी गंवा रहे लोग
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Published : Aug 30, 2021, 10:07 AM IST

नई दिल्ली: संगम विहार में जल संकट गहरा गया है. 25-25 दिनों तक लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पानी के जुगाड़ में घर के पुरुषों ने नौकरी तक खो दिया है. सरकारी बोर से महीने में एक बार पानी मिलता है. जबकि पीने के लिए दिल्ली जल बोर्ड से पानी का टैंकर मंगवाने के लिए स्थानीय पार्षद के ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है. कोशिशों के बाद जल बोर्ड के टैंकर का पानी तो आ जाता है लेकिन एक जगह पतली गलियों में छोटे-छोटे ड्रमों में बहुत सारे प्यासे लोगों के बीच पानी भरना आसान बिल्कुल नहीं है.

संगम विहार में पानी के जुगाड़ में नौकरी गंवा रहे लोग
परेशानी सिर्फ इतनी भर नहीं है, बल्कि पानी को यहां से उठाकर घर तक ले जाना भी पहाड़ चढ़ने जैसा काम है. इस पूरे उपक्रम में आधे दिन से ज्यादा का वक्त लग जाता है. ऊपर से जो पानी मिलता है, उसे इतनी किफायती से खर्च करना पड़ता है कि अगर नहाना हो तो कपड़े धोना छोड़ना पड़ता है और कपड़े धोना हो तो नहाना छोड़ना पड़ता है.

एक स्थानीय महिला ने बताया कि संगम विहार 16 नंबर गली में जहां वह रहती हैं, वहां पानी की काफी दिक्कत है. एक अकेले आदमी को अपने घरके छत से टंकी उतार कर सड़क तक लाना होता है. फिर पानी भरने की जद्दोजहद करनी होती है. पानी भर जाए तो उसे उस पानी को घर पहुंचाने का टेंशन होता है. एक अकेला आदमी क्या-क्या करें. पानी के जुगाड़ में इतनी परेशानी होती है कि आदमी की नौकरी तक छूट जाती है.

महिला ने बताया कि महीने में 10 दिन पानी की जुगाड़ में परेशानियों में बीतता है. ऐसे में आदमी ठीक से नौकरी नहीं कर पाता है और उनकी नौकरी चली जाती है. उनके पति की भी नौकरी चली गई है. 5 महीने से घर बैठे हैं, ऐसे में आदमी क्या खाएं और क्या बचाये.

एक दूसरी महिला ने बताया कि बोर का पानी 25 दिनों में एक बार आता है. वहीं जल बोर्ड का पानी बुक कराने पर मिल जाता है लेकिन सौ बीमार एक अनार वाली बात यहां होती है. सभी को पानी चाहिए इसलिए थोड़ा- थोड़ा ही पानी मिल पाता है. जैसे ही पानी का टैंकर आता है लोग अपने घरों में जितने भी बर्तन हैं, सभी में पानी भरने लगते हैं. लोग तो गिलास तक में पानी भरकर रख लेते हैं.

दिलचस्प यह है कि दिल्ली में लोगों को पानी नहीं मिल रहा है इसके लिए महिलाएं सीधे प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. उन्हें लगता है कि दिल्ली में पानी सप्लाई करने का काम केंद्र सरकार का है मोदी जी दिल्ली के मुख्यमंत्री को काम करने नहीं देते हैं. इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं.

नई दिल्ली: संगम विहार में जल संकट गहरा गया है. 25-25 दिनों तक लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पानी के जुगाड़ में घर के पुरुषों ने नौकरी तक खो दिया है. सरकारी बोर से महीने में एक बार पानी मिलता है. जबकि पीने के लिए दिल्ली जल बोर्ड से पानी का टैंकर मंगवाने के लिए स्थानीय पार्षद के ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है. कोशिशों के बाद जल बोर्ड के टैंकर का पानी तो आ जाता है लेकिन एक जगह पतली गलियों में छोटे-छोटे ड्रमों में बहुत सारे प्यासे लोगों के बीच पानी भरना आसान बिल्कुल नहीं है.

संगम विहार में पानी के जुगाड़ में नौकरी गंवा रहे लोग
परेशानी सिर्फ इतनी भर नहीं है, बल्कि पानी को यहां से उठाकर घर तक ले जाना भी पहाड़ चढ़ने जैसा काम है. इस पूरे उपक्रम में आधे दिन से ज्यादा का वक्त लग जाता है. ऊपर से जो पानी मिलता है, उसे इतनी किफायती से खर्च करना पड़ता है कि अगर नहाना हो तो कपड़े धोना छोड़ना पड़ता है और कपड़े धोना हो तो नहाना छोड़ना पड़ता है.

एक स्थानीय महिला ने बताया कि संगम विहार 16 नंबर गली में जहां वह रहती हैं, वहां पानी की काफी दिक्कत है. एक अकेले आदमी को अपने घरके छत से टंकी उतार कर सड़क तक लाना होता है. फिर पानी भरने की जद्दोजहद करनी होती है. पानी भर जाए तो उसे उस पानी को घर पहुंचाने का टेंशन होता है. एक अकेला आदमी क्या-क्या करें. पानी के जुगाड़ में इतनी परेशानी होती है कि आदमी की नौकरी तक छूट जाती है.

महिला ने बताया कि महीने में 10 दिन पानी की जुगाड़ में परेशानियों में बीतता है. ऐसे में आदमी ठीक से नौकरी नहीं कर पाता है और उनकी नौकरी चली जाती है. उनके पति की भी नौकरी चली गई है. 5 महीने से घर बैठे हैं, ऐसे में आदमी क्या खाएं और क्या बचाये.

एक दूसरी महिला ने बताया कि बोर का पानी 25 दिनों में एक बार आता है. वहीं जल बोर्ड का पानी बुक कराने पर मिल जाता है लेकिन सौ बीमार एक अनार वाली बात यहां होती है. सभी को पानी चाहिए इसलिए थोड़ा- थोड़ा ही पानी मिल पाता है. जैसे ही पानी का टैंकर आता है लोग अपने घरों में जितने भी बर्तन हैं, सभी में पानी भरने लगते हैं. लोग तो गिलास तक में पानी भरकर रख लेते हैं.

दिलचस्प यह है कि दिल्ली में लोगों को पानी नहीं मिल रहा है इसके लिए महिलाएं सीधे प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. उन्हें लगता है कि दिल्ली में पानी सप्लाई करने का काम केंद्र सरकार का है मोदी जी दिल्ली के मुख्यमंत्री को काम करने नहीं देते हैं. इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं.

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