नई दिल्ली: निजी स्कूलों में बढ़ी हुई फीस को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन लगातार जारी है. अभिभावकों ने रविवार को जंतर-मंतर में प्रदर्शन करते हुए शिक्षा निदेशालय की जांच पर सवाल उठाए हैं. अब शिक्षा निदेशालय की ओर से स्कूल के खातों की जांच को लेकर अभिभावकों का कहना है कि इस बारे में कोई सर्कुलर या नोटिस अभी तक क्यों नहीं निकाला गया है?
बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग को लेकर दक्षिणी दिल्ली के कैलाश कॉलोनी में स्थित समर फील्ड स्कूल के अभिभावकों ने रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
'जांच को लेकर सर्कुलर क्यों नहीं?'
गौरतलब है कि शिक्षा निदेशालय द्वारा समर फील्ड और के आर मंगलम स्कूल के खातों की जांच शुरू करने की बात सामने आ रही है. वहीं प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने कहा कि अगर शिक्षा निदेशालय सच में स्कूल के खाते की जांच कर रहा है तो इस बारे में कोई सर्कुलर या नोटिस अभी तक क्यों नहीं निकाला गया है.
बता दें कि निजी स्कूलों में बढ़ी फीस पर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों रोक लगा दी थी, बावजूद इसके भी स्कूल प्रशासन लगातार बढ़ी हुई फीस जमा करने को लेकर अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं. जिसे लेकर अभिभावक लगातार स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर रविवार को समर फील्ड स्कूल के अभिभावकों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया.
'हर साल 10 फीसद हो रही बढ़ोतरी'
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने बताया कि स्कूल हर साल करीब दस फीसदी तक फीस में वृद्धि कर रहा है, लेकिन इस बार सातवें वेतन आयोग के नाम पर एरियर और फीस को दोगुना कर दिया है. उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई फीस को लेकर पिछले दिनों स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया था. उस दौरान स्कूल प्रशासन ने दो दिन बाद मिलने के लिए कहा था, लेकिन जब दो दिन बाद स्कूल प्रशासन के लोगों से मिलने के लिए गए तो मिलने से इंकार कर दिया.
'वादे केवल कागजों में'
प्रदर्शन में शामिल एक अभिभावक ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने बढ़ी हुई फीस पर अभिभावकों के प्रदर्शन के बाद स्कूल के खाते की जांच शुरू कर दी है, लेकिन हमें जब तक कोई सर्कुलर या नोटिस नहीं मिलता है, तब तक कैसे यकीन करें कि इन स्कूलों के खातों की जांच शुरू हो गई है. अभिभावकों का आरोप है कि बढ़ी हुई फीस को लेकर अभिभावक सड़कों पर हैं, लेकिन अभिभावकों की बात न दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुनने को तैयार हैं ना ही प्रधानमंत्री मोदी. सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करते हैं, लेकिन सब कुछ केवल कागजों में ही रह जाता है.
'शिक्षा निदेशालय की जांच से संतुष्ट नहीं'
जंतर-मंतर में प्रदर्शन में शामिल हुए अभिभावकों का कहना है कि हम शिक्षा निदेशालय द्वारा की जा रही जांच से संतुष्ट नहीं है. अभिभावकों ने मांग करते हुए कहा कि अगर वाकई में स्कूल के खातों की जांच हो रही है तो इस कमेटी में किसी अभिभावक को शामिल क्यों नहीं किया गया है. अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूलों ने पेरेंट्स को एटीएम मशीन समझ लिया है. प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल जब तक बढ़ी हुई फीस को वापस नहीं लेते हैं यहीं प्रदर्शन जारी है.