नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के पॉश इलाकों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक शातिर जालसाज को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी फेक नौकरानी की प्लेसमेंट एजेंसी चला रहा था और अब तक कई पीड़ितों को घरेलू कार्य के लिए नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा दे चुका है. आरोपी संजय साहनी के ऊपर पहले से ही 6 अपराधिक मामले दर्ज हैं.
आरोपी का बिहार के मधुबनी से है ताल्लुक: साथ ही उसे अदालत द्वारा कई मामलों में पीओ घोषित किया जा चुका है. आरोपी मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है. आरोपित संजय साहनी के उपर धोखाधड़ी और जालसाजी डकैती, चोरी सहित कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल इस संबंध में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.क्राइम ब्रांच के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि क्राइम ब्रांच टीम को विशेष रूप से एक जालसाज को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था, जो लोगों को फर्जी प्लेसमेंट कंपनी द्वारा दिल्ली के पॉश इलाकों में घरेलू कार्य के लिए नौकरानी दिलाने का काम करता था. शातिर ठग को गिरफ्तार करने के लिए ज्वाइंट सीपी एसडी मिश्रा ने डीसीपी सतीश कुमार एसीपी यशपाल और इंस्पैक्टर पवन सिंह की देखरेख में टीम का गठन किया.
ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश: क्राइम ब्रांच टीम ने जांच करते हुए तकनीकी निगरानी पर काम किया. जांच में पता चला कि आरोपी जान-बूझकर अपनी गिरफ्तारी से बच रहा है और बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है. काफी छानबीन और जांच के दौरान टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी की लोकेशन को पता किया और तत्काल प्रभाव से छापेमारी करते हुए उसे वहां से पकड़ लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी संजय ने बताया कि उसने इस व्यवसाय को इसलिए चुना, क्योंकि इसमें उसे काफी लाभ होता है और पीड़ित आमतौर पर पुलिस को मामले की सूचना देने में भी संकोच करते हैं.
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घरेलू मदद के रूप में बिहार और झारखंड से लाता था महिलाएं: आरोपी ने खुलासा किया कि बिहार और झारखंड के दूरदराज इलाकों से महिलाओं को घरेलू मदद के रूप में काम करने के लिए लाता था और ठगी की वारदात को अंजाम देता था. पुलिस के मुताबिक आरोपी साल 2002 में अपने परिवार के साथ दिल्ली आया था. फिर वह धीरे-धीरे अन्य लोगों के संपर्क में आया और उत्तम नगर इलाके के मोहन गार्डन में एक फर्जी डॉमेस्टिक हेल्प एजेंसी चलाकर लोगों के साथ ठगी करने लगा. आरोपी नौकरी के नाम पर 25 से 30 हजार कमीशन लेता था और वहां पर महिलाओं को नौकरी करवाने के लिए भेज देता था. उसके बाद 25 से 30 हजार एडवांस लेने के बाद नौकरानी भी घर छोड़ कर भाग जाती थी.
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