नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली के आरपीएफ थाने की पुलिस टीम ने इमानदारी की मिसाल कायम की है. जी हां- घटना के अनुसार यात्रा कर रहे युवक ने एक पैसेंजर ट्रेन में अपना सोने का चेन भूल कर चला गया था. वहीं दूसरी घटना में एक आदमी जेवर से भरा बैग ही ट्रेन में छोड़कर घर पहुंच गया था. दोनों लोगों के सामान की तलाश आरपीएफ की टीम किया और उन्हें उनका सामान वापस कर दिया.
पहला मामला 9 फरवरी का है जब एक यात्री देवेश मंडोर एक्सप्रेस से सफर कर दिल्ली उतरा तो अपना सोने का चैन अपने बर्थ पर ही छोड़ कर घर पहुंच गया. घर पहुंचकर जब उसे इसका एहसास हुआ तो उसने तुरंत ही आरपीएफ पुरानी दिल्ली को कॉल किया.
आरपीएफ की टीम ने तुरंत मौके पर जाकर बोगी में छानबीन की तो उन्हें सोने का चैन तकिए के नीचे रखा हुआ मिला. जिसकी कीमत लगभग ₹7000 है. कानूनी औपचारिकता पूर्ण करने के बाद देवेश को उसका चेन सुपुर्द कर दिया गया.
वही एक दूसरे मामले में शालीमार एक्सप्रेस की प्लेटफॉर्म पर खड़े होने के बाद आरपीएफ के जवान जब कुछ तलाशी कर रहे थे तो उन्हें एक पिट्ठू बैग लावारिस हालत में पड़ा हुआ मिला. जिसके बारे में उद्घोषणा करवाई गई परंतु कोई भी यात्री नहीं आया. इसके बाद आरपीएफ पोस्ट पर आकर जब बैग की तलाशी ली गई तो उसमें कुछ पुराने कपड़े और जेवरात मिले. जिसकी कुल कीमत लगभग ₹1690000 है.
इसके बाद जब बैग की सही से तलाशी ली गई तो एक विजिटिंग कार्ड भी मिला. उस पर नंबर लिखा था. जिस पर आरपीएफ ने कॉल किया. बैंक के मालिक मदनलाल ने जब फोन उठाया तो उसने बताया कि वह अपने पारिवारिक प्रोग्राम से लौटकर लुधियाना से वापस दिल्ली शालीमार एक्सप्रेस से आए हैं.
बैग के बारे में जानकारी मिलने पर वह घबरा गए तो उनको पोस्ट पर आने को कहा गया. जहां छानबीन कर उनका बैग उन्हें वापस कर दिया गया.