नई दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली जिला के साइबर सेल थाने की पुलिस टीम ने दो ऐसे ठगों को गिरफ्तार किया (Nigerian couple arrested for duping people) है, जो फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर उपहार भेजने के बहाने निर्दोष लोगों के साथ पैसों की ठगी को अंजाम देते थे. इस मामले में साइबर सेल पुलिस टीम ने नाइजीरियाई मूल के दो दंपती को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी के साथ इनके कब्जे से एक लैपटॉप चार्जर, पांच मोबाइल फोन, एक स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक टेबलेट, 3 कीपैड मोबाइल फोन, पांच अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड बरामद किए हैं. हालांकि, इस मामले में सागर पुलिस ने पहले ही दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और लैपटॉप चार्जर इत्यादि सामान बरामद किया गया था.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जॉन चुकवुमा ओनयेमा और उसकी पत्नी की पहचान निरुपमा ओन्येमा के तौर पर हुई है. दोनों बुराड़ी में रहते थे. दोनों मूल रूप से नाइजीरिया के रहने वाले बताए जा रहे हैं. दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय की प्रोफेसर ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसे अपने फेसबुक अकाउंट पर एक दोस्ती का प्रस्ताव मिला था. उस व्यक्ति ने एक महिला की प्रोफाइल तस्वीर का इस्तेमाल किया और उल्लेख किया कि वह यूनाइटेड किंगडम से है. बाद में उस व्यक्ति ने एक अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप मोबाइल नंबर साझा किया और चैट करना शुरू कर दिया.
कुछ दिनों के बाद उसने उसे मूल्यवान उपहार में एप्पल आईफोन, गोल्ड प्लेटेड कलाई घड़ी आदि की पेशकश की. उसने शिकायतकर्ता का विश्वास हासिल करने के लिए पैकेजिंग और पार्सल डिलीवरी की रेसिपी भेजी थी, जिसमें कहा कि वह आबकारी विभाग से और मूल्यवान वस्तुओं को छुड़ाने के लिए शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है. इस बहाने शिकायतकर्ता द्वारा 27 लाख रुपए का भुगतान किया गया. इसके बाद शिकायतकर्ता को लगा कि उसके साथ ठगी हुई है. इस संबंध में पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी राजेश कुमार ने इंस्पेक्टर अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें एसआई संजय सिंह, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र, भूदेव, प्रवीण, महेंद्र, प्रदीप, महिला कांस्टेबल रितु नौटियाल, कांस्टेबल सुरेश को शामिल किया गया.
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प्रारंभिक जांच के दौरान उपरोक्त इसी प्रकार के मामले में चार आरोपी व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. शेष अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए साइबर पुलिस टीम ने लगातार छानबीन की. जांच के दौरान चारों अभियुक्तों से पूछताछ की गई. उनसे जानकारी हासिल की गई और पड़ताल के दौरान खुलासा हुआ कि गिरोह पीड़ितों को कॉल करने के लिए एक महिला को रखता था.
आगे की जांच में यह पाया गया कि उन्होंने खुद को मुंबई से नकली कस्टम अधिकारियों के रूप में पेश किया और पीड़ितों को गिफ्ट आइटम जारी करने के बहाने साझा बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने की धमकी दी, जिसके बाद काफी छानबीन करने के बाद एक छापा बुराड़ी में मारा गया. जहां से पति-पत्नी दो आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.