नई दिल्ली: दिल्ली के बदरपुर के पास गौतमपुरी में बना गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम पिछले 16 सालों से बेसहारा बुजुर्गों को सहारा देता आ रहा है. ईटीवी भारत जब इस वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों से मिला, तो इंसानियत का एक अलग ही चेहरा यहां पर नजर आया. नए साल के जश्न को लेकर ईटीवी भारत ने बदरपुर के गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों से बातचीत की.
वृद्ध आश्रम में मनाया जाएगा नया साल
वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों ने ईटीवी भारत के सामने अपना दर्द बताया. 'अपनों ने नहीं अपनाया तो परायों को ही अपना बनाया' ये शब्द गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम में पिछले ढाई साल से रह एक बुजुर्ग के हैं. जो इस वृद्ध आश्रम को ही अपना घर मानकर यहा रह रहे हैं. उनका कहना था कि वो अब यहीं पर हर साल हर एक त्यौहार मनाते हैं और खुश होते हैं.
जब उनसे उनके घर की याद आने को लेकर सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि जब उनके घरवालों ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया. उन्हें कभी प्यार ही नहीं किया, तो वो क्यों अपने घर वालों को याद करें.
अभी भी कर रहे अपनों का इंतजार
साथ ही कुछ वृद्ध लोग आज भी अपने घरवालों की राह देख रही हैं. वो आज भी सोचते हैं कि शायद उनके घर वाले आएंगे और उन्हें अपने साथ लेकर जाएंगे.
बेसहारों का सहारा बन रहा गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम
वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों की देखभाल करने वाली ज्योति ने बताया कि साल 2003 से ये आश्रम दिल्ली के बदरपुर के पास गौतमपुरी में चलाया जा रहा है. इसमें उन बुजुर्गों को यहां पर लाया जाता है, जो हमें सड़क किनारे बेहद ही दयनीय स्थिति में मिलते हैं. या उन्हें उनके घरवाले आश्रम छोड़ कर चले जाते हैं. हम उन बुजुर्गो को रेस्क्यू कर यहां लेकर आते हैं. उनका यहां पर हर प्रकार का इलाज किया जाता है और देखभाल की जाती है.
आश्रम में सभी त्योहार मिलजुल कर मनाते हैं
सभी नए साल के जश्न की तैयारियों में लगे हैं, इसका इंतजार कर रहे हैं. अपनों को याद कर रहे हैं. वहीं कई लोग ऐसे भी हैं. जिनके पास उनके अपने नहीं है. लेकिन ये वृद्धाश्रम उन बेसहारा लोगों को सहारा दे रहा है. क्योंकि सभी बुजुर्ग यहां एक साथ एक परिवार की तरह रह रहे हैं और सभी त्योहार मिलजुल कर मनाते हैं.