नई दिल्ली : नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय (ndmc vice chairman Satish Upadhyay) ने काउंसिल मीटिंग में लिये गये निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) पर जमकर भड़ास निकाली. सतीश उपाध्याय ने कहा कि एनडीएमसी एक स्वतंत्र नगर निकाय है, जो अपने आप में समर्थ है. इसे किसी के ग्रांट या सहायता प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. जब दिल्ली सरकार (delhi government) से एनडीएमसी किसी प्रकार की सहायता प्राप्त नहीं कर रही है तो इस पर किसी को अपना अधिकार जताने की भी जरूरत नहीं है.
उपाध्याय ने कहा कि काउन्सिल के लिये दिल्ली सरकार (delhi government) कोई बजट नहीं देती है. यह एक स्वायत्त संस्था है. यह अपने विभिन्न स्रोतों से इतना धनार्जन कर लेती है कि इसे अपनी जरूरतों के लिये किसी का मुंह ताकने की आवश्यकता ही नहीं है. उपध्याय ने काउंसिल मीटिंग में लिए गये फैसले के लिये क्रेडिट लेने के लिये सीएम केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि उन्होंने हनुमान मंदिर की समस्याओं को देखने के लिये कोई दौरे नहीं किए. बीके दत्त कॉलोनी में पानी की समस्या के लिए वहां के आरडब्ल्यूए से कभी जाकर नहीं मिले, लेकिन काउंसिल मीटिंग में उन्होंने कैसे कह दिया कि बीके दत्त कॉलोनी में रहने वाले लोगों को वह मुफ्त पानी बाटेंगे? एनडीएमसी दिल्ली सरकार नहीं है. इसमें दिल्ली सरकार की कोई फंडिंग भी नहीं है तो फिर वह एनडीएमसी क्षेत्र में अवैध घुसपैठ कैसे कर सकते हैं?
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सतीश उपाध्याय (ndmc vice chairman Satish Upadhyay) ने कहा कि अगर केजरीवाल यह कहते कि यह काउंसिल मीटिंग का निर्णय है, जिसे एनडीएमसी चेयरमैन ने ली है तो समस्या नहीं होती, लेकिन उन्होंने गलत तरीके से दूसरे के अधिकार क्षेत्र में अवैध घुसपैठ करने की कोशिश की है. उपाध्याय ने सीएमओ से जारी प्रेस रिलीज पढ़ते हुए कहा कि केजरीवाल ने प्रेस रिलीज जारी कर भ्रम फैलाने की कोशिश की है. उन्होंने लिखा है कि कनॉट प्लेस जनपथ इलाके में हनुमान मंदिर में सफाई का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था. आखिर वह एनडीएमसी के काम के लिए निर्देश कैसे दे सकते हैं. उन्होंने किसे निर्देश दिया ? चेयरमैन या वाईस चेयरमैन को ?
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उपाध्याय ने कहा कि एनडीएमसी काउंसिल मीटिंग में लिए गये फैसले किसी एक व्यक्ति का नहीं है, यह सामूहिक निर्णय हैं तो कैसे कोई एक व्यक्ति क्रेडिट ले सकता है ? केजरीवाल सात साल से यही सब कर रहे हैं जो उनके मन का हो जाय तो उसका क्रेडिट ले जाते हैं और जो नहीं हुआ तो केंद्र सरकार ने करने नहीं दिया.
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