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कोरोना के बीच एनडीएमसी ने अपनी हेल्थ लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी की

कोरोना महामारी के बीच एनडीएमसी ने ट्रेडर्स पर हेल्थ फीस बढ़ा कर उनकी परेशानी को और बढ़ा दी है. वहीं न्यू दिल्ली ट्रेडर्स यूनियन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि व्यापारियों को इसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है.

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Published : Jul 1, 2020, 3:26 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 11:52 AM IST

ndmc hikes health fees by 2 to 5 percent traders protest
एनडीएमसी व्यापारी

नईं दिल्लीः कोरोना के कहर ने आम लोगों के साथ-साथ व्यपारियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. इसी बीच एनडीएमसी ने ट्रेडर्स पर हेल्थ फीस बढ़ा कर उनकी परेशानी बढ़ा दी है. बढ़ी हुई लाइसेंसिंग फीस अप्रैल महीने से भरने को कहा गया है. अगर इसमें देरी होती है, तो ट्रेडर्स को 2-5 फीसदी जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

अतुल भार्गव ने कहा, घबराने की जरूरत नहीं

'ट्रेडर्स को घबराने की जरूरत नहीं'

एनडीएमसी के इस फैसले का एनडीएमसी ट्रेडर्स यूनियन शुरुआती विरोध के बाद उचित ठहरा रहे हैं. न्यू दिल्ली ट्रेडर्स यूनियन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने बताया कि उन्होंने इस बारे में एनडीएमसी से बात की. उन्हें बताया गया कि यह एक रूटीन का काम है, जो हर तीन साल में एक बार होता है.

उन्होंने कहा कि हेल्थ फीस के रूप में केवल 2 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जो न्यूनतम है. यानी 5000 की फीस पर दो फीसदी का टैक्स, जो ज्यादा नहीं है. अतुल भार्गव ने कहा कि व्यापारियों को इसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है.

व्यापारियों दोहरी नीति का लगाया आरोप

एनडीएमसी के व्यापारियों का कहना है कि सरकार की दोहरी नीतियों के कारण रेस्टोरेंट बंद हो रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. उल्टे ट्रेडर्स पर लाइसेंस फीस बढ़ाकर उनकी कमर तोड़ दी है.

नईं दिल्लीः कोरोना के कहर ने आम लोगों के साथ-साथ व्यपारियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. इसी बीच एनडीएमसी ने ट्रेडर्स पर हेल्थ फीस बढ़ा कर उनकी परेशानी बढ़ा दी है. बढ़ी हुई लाइसेंसिंग फीस अप्रैल महीने से भरने को कहा गया है. अगर इसमें देरी होती है, तो ट्रेडर्स को 2-5 फीसदी जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

अतुल भार्गव ने कहा, घबराने की जरूरत नहीं

'ट्रेडर्स को घबराने की जरूरत नहीं'

एनडीएमसी के इस फैसले का एनडीएमसी ट्रेडर्स यूनियन शुरुआती विरोध के बाद उचित ठहरा रहे हैं. न्यू दिल्ली ट्रेडर्स यूनियन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने बताया कि उन्होंने इस बारे में एनडीएमसी से बात की. उन्हें बताया गया कि यह एक रूटीन का काम है, जो हर तीन साल में एक बार होता है.

उन्होंने कहा कि हेल्थ फीस के रूप में केवल 2 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जो न्यूनतम है. यानी 5000 की फीस पर दो फीसदी का टैक्स, जो ज्यादा नहीं है. अतुल भार्गव ने कहा कि व्यापारियों को इसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है.

व्यापारियों दोहरी नीति का लगाया आरोप

एनडीएमसी के व्यापारियों का कहना है कि सरकार की दोहरी नीतियों के कारण रेस्टोरेंट बंद हो रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. उल्टे ट्रेडर्स पर लाइसेंस फीस बढ़ाकर उनकी कमर तोड़ दी है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 11:52 AM IST
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