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नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे: एम्स को जल्द मिलेगा प्लास्टिक सर्जरी के लिए नया डिपार्टमेंट - southdelhi

15 जुलाई को नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे मनाया जाता है. इस तरह की सर्जरी आज कई लोगों की जरूरत बन चुकी है. देखते हैं खास रिपोर्ट..

नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे
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Published : Jul 15, 2019, 7:00 PM IST

नई दिल्ली: कोई जले चेहरे को ठीक कराता है तो कोई दाग धब्बे ठीक करावाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेता है. इसे लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट प्लास्टिक सर्जरी डॉक्टर मनीष सिंघल से ईटीवी भारत की खास बातचीत हुई. उन्होंने जो बताया वो हैरान कर देने वाला था.

नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे

'हर साल आते हैं 8000 केस'
उन्होंने बताया कि एम्स में हर साल करीब 8000 मरीज आते हैं. एक एवरेज के अनुसार देखा जाए तो प्रतिदिन 30 से 40 मरीज यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि हम प्रति साल तीन हजार के करीब लोगों की सर्जरी कर पाते हैं और इसके बाद अन्य मरीजों को आगे की डेट दे दी जाती है. डॉक्टर मनीष ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के केस की बात करें तो उसमें एसिड अटैक से पीड़ित, चोट लगना, बचपन से विकृत होना, हाथ-पैर कटे होना जैसे केस आते हैं.

100 बेड का बनकर तैयार होगा ब्लॉक
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से प्लास्टिक सर्जरी के पेशेंट्स बढ़ते जा रहे हैं, इसे देखते हुए एम्स में जल्द ही इसका अलग ब्लॉक बनकर तैयार हो रहा है. डॉक्टर मनीष ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा बर्न केस के मामले सामने आते हैं. इसलिए ये ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे पेशेंट्स के लिए अलग से व्यवस्था की जाए.

नई दिल्ली: कोई जले चेहरे को ठीक कराता है तो कोई दाग धब्बे ठीक करावाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेता है. इसे लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट प्लास्टिक सर्जरी डॉक्टर मनीष सिंघल से ईटीवी भारत की खास बातचीत हुई. उन्होंने जो बताया वो हैरान कर देने वाला था.

नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे

'हर साल आते हैं 8000 केस'
उन्होंने बताया कि एम्स में हर साल करीब 8000 मरीज आते हैं. एक एवरेज के अनुसार देखा जाए तो प्रतिदिन 30 से 40 मरीज यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि हम प्रति साल तीन हजार के करीब लोगों की सर्जरी कर पाते हैं और इसके बाद अन्य मरीजों को आगे की डेट दे दी जाती है. डॉक्टर मनीष ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के केस की बात करें तो उसमें एसिड अटैक से पीड़ित, चोट लगना, बचपन से विकृत होना, हाथ-पैर कटे होना जैसे केस आते हैं.

100 बेड का बनकर तैयार होगा ब्लॉक
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से प्लास्टिक सर्जरी के पेशेंट्स बढ़ते जा रहे हैं, इसे देखते हुए एम्स में जल्द ही इसका अलग ब्लॉक बनकर तैयार हो रहा है. डॉक्टर मनीष ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा बर्न केस के मामले सामने आते हैं. इसलिए ये ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे पेशेंट्स के लिए अलग से व्यवस्था की जाए.

Intro:नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे:एम्स में हर साल आते हैं आठ हजार मरीज, 100 बेड का ब्लॉक होगा शुरू

दक्षिणी दिल्ली: आज वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी डे है और इसको लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कितनी सर्जरी की जाती है और कितने केस आते हैं. इस बाबत ईटीवी भारत ने एम्स के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट प्लास्टिक सर्जरी डॉक्टर मनीष सिंघल से विशेष बातचीत की.उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराने में लोग काफी रुझान ले रहे हैं और इसको लेकर एम्स में काफी केस आ रहे हैं.


Body:हर साल 8 आठ हजार केस आते हैं
उन्होंने बताया कि एम्स में हर साल करीब 8000 मरीज आते हैं. उन्होंने बताया कि एक एवरेज के अनुसार देखा जाए तो प्रतिदिन 30 से 40 मरीज यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि हम प्रति साल तीन हजार के करीब लोगों की सर्जरी कर पाते हैं.और इसके बाद अन्य मरीजों को आगे की डेट दे दी जाती है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी की केस की बात करें तो उसमें चोट लगना, बचपन से विकृत होना, हाथ और पैर कटे होने के केस आते हैं. उन्होंने बताया हम इनको जोड़ने का उपचार करते हैं.

100 बेड का बनकर तैयार होगा ब्लॉक
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से प्लास्टिक सर्जरी के पेशेंट बढ़ते जा रहे हैं. इसको देखते हुए एम्स में जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी का ब्लॉक बनकर तैयार हो रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अंदर यह ध्यान रखा जाएगा कि जो लोग जल जाते हैं उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा बर्न केस के मामले सामने आते हैं. इसलिए हम प्रयासरत है कि राजधानी में बर्न केस के बाद प्लास्टिक सर्जरी की जा सके इसलिए जल्द ही इस ब्लॉक को तैयार किया जा रहा है.


Conclusion:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के बढ़ते केस को देखते हुए यह प्रोजेक्ट तैयार किया था और यह अब पूरा होने वाला है. उन्होंने बताया कि 100 बेड का ब्लॉक बनकर तैयार है. जल्द ही सरकार से अप्रूवल लेकर इसे शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक यह ब्लॉक मरीजों के लिए शुरू कर दिया जाएगा.
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