नई दिल्ली: राजधानी में नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच) ने वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे के अवसर पर देशभर के विशेषज्ञों के साथ सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के मुद्दे पर चर्चा की गई. इस एकदिवसीय कार्यक्रम में प्रतिष्ठित हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स के साथ नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए), आयुष मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, और क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया सरकारी एवं निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
इस अवसर पर एनएबीएच के चेयरपर्सन प्रोफेसर डॉ. महेश वर्मा ने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में चेयर ऑफ क्वॉलिटी की स्थापना से कल के लीडर्स तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता सामने आएगी. इसके लिए हम श्रेष्ठता की ऐसी परिपाटी विकसित करेंगे, जो पूरी हेल्थकेयर प्रणाली के लिए एक मिसाल होगी. तकनीकी ताकत का फायदा उठाते हुए हमारा लक्ष्य हेल्थकेयर सेवाओं की क्षमता, पहुंच और सटीकता को बढ़ाना है. यह आयुष्मान भारत के अनुरूप भी है. इस दौरान निवर्सिटी में चेयर ऑफ क्वॉलिटी की स्थापना के लिए एनएबीएच और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के बीच समझौता भी हुआ.
छोटे शहरों में हेल्थ क्वालिटी जरूरी: वहीं एनएबीएच के सीईओ डॉ.अतुल मोहन कोचर ने कहा कि हमारा विश्वास है कि गुणवत्ता में परिवर्तन हमारी हेल्थकेयर प्रणाली की जड़ से शुरू होता है. यह केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के ग्रामीण और टिअर-2 व टिअर-3 शहरों तक भी फैला है. क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का कांस्टिट्यूएंट बोर्ड, एनएबीएच इस दृष्टिकोण का पूरी तरह पालन करता है. डेंटल क्लीनिक्स के लिए एंट्री लेवल सर्टिफिकेशन मानक और एंट्री लेवल अस्पतालों के लिए मौजूदा सर्टिफिकेशन कार्यक्रमों के लिए नए एनएबीएच मानक जारी किया जाना उन तक गुणवत्तापूर्ण देखभाल पहुंचाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
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नए मानक किए जारी: इस मौके पर अस्पतालों की गुणवत्ता के आधार पर उन्हें सर्टिफिकेट जारी करने वाली मानक संस्थान एनएबीएच ने मरीजों की सुरक्षा और डिजिटल हेल्थकेयर के बारे में नए मानक जारी किए. इनमें अस्पतालों के लिए डिजिटल हेल्थ एक्रिडिटेशन मानक, डेंटल क्लीनिक्स के लिए एंट्री लेवल सर्टिफिकेशन मानक, स्ट्रोक केयर सेंटर्स के लिए सर्टिफिकेशन मानक एवं केयर होम एक्रिडिटेशन मानक का पहला संस्करण शामिल रहा.
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