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स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण...

स्वास्थ्य मंत्री नये बन रहे 22 एम्स में दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स और फैकल्टीज के ट्रांसफर करने की बात कह कर एक नए विवाद में पड़ गए हैं. विवाद को बढ़ते देख स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीआईबी के माध्यम से स्पष्टीकरण जारी किया है.

ministry clarification on health ministers
स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण
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Published : Sep 26, 2021, 11:05 PM IST

नई दिल्ली: देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एम्स के 66 वें स्थापना दिवस पर पूरे देश भर में बन रहे 22 नए एम्स को लेकर एक ऐसी बात कह दी, जिससे दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स और फैकल्टी में बेचैनी बढ़ गई है.

दरअसल स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली एम्स की सफलता और इसके मानक को देखते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 22 नये एम्स को इसी के मानक पर जोर दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली एम्स के डॉक्टर और फैकल्टी को नए बन रहे एम्स में जाकर वहां काम करने और वहां के डॉक्टर और फैकल्टी को दिल्ली एम्स में आकर काम करने का अनुभव प्राप्त करने को कह दिए. इससे दिल्ली एम्स का मानक नए बन रहे एम्स के मानक के बराबर होगा.

ministry clarification on health ministers controversial speech
स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण
इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ-साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम के साथ जुड़ने के बारे में भी कहा. इससे न केवल दिल्ली एम्स का मानक दूसरे एम्स के मानक के बराबर होगा, बल्कि डॉक्टर, फैकल्टी और स्टूडेंट्स को भी अलग- अलग तरह का अनुभव प्राप्त होगा, जो आखिरकार उन्हीं के पेशे को और अनुभव को मजबूत करेगा.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण

डॉक्टरों के तबादले की खबर का स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन

स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर एम्स के डॉक्टर ने जब आपत्ति जाहिर की तो स्वास्थ्य मंत्रालय को इस पर स्पष्टीकरण देना पड़ा. पीआईबी के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसा नहीं कहा कि दिल्ली एम्स के फैकल्टी और डॉक्टर को नए बन रहे एम्स में ट्रांसफर किया जाएगा और वहां के डॉक्टर को दिल्ली एम्स में लाया जाएगा। उन्होंने केवल देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपने मन की बात रखी. स्वास्थ्य मंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि दिल्ली एम्स के अनुभवी फैकल्टी नए बन रहे एम्स को भी अपने अनुभव का लाभ दे सकते हैं.


AIIMS स्थापना दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री को याद आया सफदरजंग के गार्ड का डंडा !


आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से ऐसा कहा था कि देशभर में बन रहे एम्स को लेकर वह काफी गंभीर हैं. वह चाहते हैं कि दिल्ली एम्स की जो प्रतिष्ठा मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में है, यही प्रतिष्ठा नए बन रहे सारे एम्स में भी हो. इसके लिए फैकल्टी और डॉक्टर्स को अगर अदला-बदली किया जाए तो इसका लाभ होगा.

नई दिल्ली: देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एम्स के 66 वें स्थापना दिवस पर पूरे देश भर में बन रहे 22 नए एम्स को लेकर एक ऐसी बात कह दी, जिससे दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स और फैकल्टी में बेचैनी बढ़ गई है.

दरअसल स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली एम्स की सफलता और इसके मानक को देखते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 22 नये एम्स को इसी के मानक पर जोर दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली एम्स के डॉक्टर और फैकल्टी को नए बन रहे एम्स में जाकर वहां काम करने और वहां के डॉक्टर और फैकल्टी को दिल्ली एम्स में आकर काम करने का अनुभव प्राप्त करने को कह दिए. इससे दिल्ली एम्स का मानक नए बन रहे एम्स के मानक के बराबर होगा.

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स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण
इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ-साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम के साथ जुड़ने के बारे में भी कहा. इससे न केवल दिल्ली एम्स का मानक दूसरे एम्स के मानक के बराबर होगा, बल्कि डॉक्टर, फैकल्टी और स्टूडेंट्स को भी अलग- अलग तरह का अनुभव प्राप्त होगा, जो आखिरकार उन्हीं के पेशे को और अनुभव को मजबूत करेगा.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बयान पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण

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स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर एम्स के डॉक्टर ने जब आपत्ति जाहिर की तो स्वास्थ्य मंत्रालय को इस पर स्पष्टीकरण देना पड़ा. पीआईबी के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसा नहीं कहा कि दिल्ली एम्स के फैकल्टी और डॉक्टर को नए बन रहे एम्स में ट्रांसफर किया जाएगा और वहां के डॉक्टर को दिल्ली एम्स में लाया जाएगा। उन्होंने केवल देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपने मन की बात रखी. स्वास्थ्य मंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि दिल्ली एम्स के अनुभवी फैकल्टी नए बन रहे एम्स को भी अपने अनुभव का लाभ दे सकते हैं.


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आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से ऐसा कहा था कि देशभर में बन रहे एम्स को लेकर वह काफी गंभीर हैं. वह चाहते हैं कि दिल्ली एम्स की जो प्रतिष्ठा मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में है, यही प्रतिष्ठा नए बन रहे सारे एम्स में भी हो. इसके लिए फैकल्टी और डॉक्टर्स को अगर अदला-बदली किया जाए तो इसका लाभ होगा.

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