नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह पड़ोसी राज्यों में जलने वाले पराली को माना जाता है. हर साल पराली जलाने के कारण दिल्ली की आबोहवा काफी खराब हो जाती है. लेकिन उसी पराली से अब पेड़ पौधे लगाए जाएंगे और प्रकृति की देखरेख होगी. यह कार्य वसंत विहार की स्थानीय RAW और इकोसिख संस्था कर रही है. जिन्होंने वसंत विहार के MCD के बंजर पड़े पार्क में करीब सैकड़ों पौधे लगाए. जिसमें प्राकृतिक खाद और पराली डालकर पौधों को लगाया गया है.
कई सालों से वसंत विहार का यह एमसीडी पार्क बंजर पड़ा हुआ था. जिसको स्थानीय RAW ने स्थानीय निगम पार्षद से डेवलप करने के लिए मांगा. पार्षद ने उनको पार्क की जिम्मेदारी दी साथ ही साथ जो भी सुविधा पार्षद द्वारा की जा सकती है उसका भी वादा किया. RWA के हाथों में पार्क आते ही उसकी तस्वीर बदलनी शुरू हो गयी.
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तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि पार्क को सैकड़ों पौधे लगाकर डेवलप किया जा रहा है, जिसमें कई प्रकार के पौधे हैं. कई औषधि वाले पौधे भी इस पार्क में लगाए जा रहे हैं. जिससे लोगों को औषधि बना कर दिया जाएगा. वसंत विहार की स्थानीय RWA शुरू से ही इलाके में इस तरह के कार्य कर रही है और अब एक इतना बड़ा पार्क डेवलप करने जा रही है की एक तरह से वो मिनी फॉरेस्ट होगा. जिससे इस इलाके की आबोहवा शुद्ध रह सके.
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इस पार्क में लगे पौधों की सिंचाई ड्रेनेज सिस्टम से की जाएगी. जिसमें आसपास का सारा पानी आएगा और इन पौधों की सिंचाई करेगा. इसके लिए भी कई बड़ी मशीनें यहां पर लगाई गई हैं और आसपास के इलाके में यहां तक कि दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ा औषधि का पार्क यह बनने जा रहा है. वसंत विहार का ये पार्क सालों से बदहाल पड़ा हुआ है. लेकिन अब इस पार्क को स्थानीय RWA ने जीर्णोद्धार करने का जिम्मा उठाया है और इसको दिल्ली-NCR का नंबर वन पार्क बनाने का लक्ष्य है. जिसकी तैयारी शुरू हो गयी है. खाश बात ये है कि इसको जापानी तकनीक से तैयार किया जायेगा.
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इस पार्क में वैसे पौधे लगाए जा रहे हैं जिससे औषधि तैयार होगी और वातावरण भी शुद्ध होगा. इसमें पंजाब के इकोसिख संस्था की मदद ली जा रही है जो अभी तक पुरे देश में तीन सौ पार्क तैयार किये हैं और लगभग ढाई लाख पौधे लगाए हैं. आने वाले समय में इस पार्क पेड़-पौधे के रख-रखाव और वातावरण को शुद्ध रखने के साथ ही कौन सा पौधा किस बीमारी में औषधि का काम करेगी इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
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