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श्री अरबिंदो कॉलेज में मनाई गई महर्षि अरविंदो की 73वीं पुण्यतिथि

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Published : Dec 5, 2022, 10:52 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज ने सोमवार को महर्षि अरविंद की 73वीं पुण्यतिथि (73rd death anniversary of Maharishi Arvindo) मनाई. कॉलेज प्रांगण में प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज ने सोमवार को महर्षि अरविंदो की 73वीं पुण्यतिथि (73rd death anniversary of Maharishi Arvindo) पर कॉलेज प्रांगण में प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. सुकृति, डॉ. मुकेश कुमार, कु. रिशिता, आनंद कुमार आदि ने भी उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कॉलेज के विभिन्न विभागों के शिक्षक भी उपस्थित रहे. सभी ने संकल्प लिया कि हम सदैव महर्षि अरविंदो द्वारा बताए गए मार्ग पर चल उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करेंगे.

कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार ने कहा कि महर्षि अरविंदो न केवल एक महान दार्शनिक थे बल्कि एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, योगगुरु तथा भारत की महान संस्कृति के उन्नायक भी थे. उन्होंने योग साधना और अध्यात्म के रास्ते चलकर मानवता के लक्ष्य का मार्ग प्रशस्त किया.

उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंदो ने उस जमाने की सिविल परीक्षा भी उत्तीर्ण की थीं, जिसमें लैटिन और ग्रीक भाषा का ज्ञान आवश्यक था. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उनके द्वारा बताई गई शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे.

ये भी पढ़ेंः RJD अध्यक्ष लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सफल, बेटी रोहिणी ने किया डोनेट

कॉलेज के मीडिया संयोजक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन ने कहा कि महर्षि अरविंद ने अभिभाज्य मानववाद तथा आध्यात्मिक क्रमागत उन्नति का सिद्धांत प्रस्तुत किया. आध्यत्मिक विकास करते हुए मनुष्य मानवता की अंतिम ऊंचाई तक पहुंच सकता है.

उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंदो ने अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें द लाइफ डिवाइन व काव्य ग्रंथ सावित्री अत्यधिक प्रसिद्ध है. उनके जन्म के 100 वर्ष पूर्ण होने के दिन हमारे कॉलेज श्री अरविंदो महाविद्यालय की स्थापना की गई. यह कॉलेज 1972 में दिल्ली सरकार के प्रयासों से बनाया गया. इस साल कॉलेज अपना गोल्डन जुबली समारोह मना रहा है जिसके अंतर्गत सालभर कार्यक्रम चलेंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज ने सोमवार को महर्षि अरविंदो की 73वीं पुण्यतिथि (73rd death anniversary of Maharishi Arvindo) पर कॉलेज प्रांगण में प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. सुकृति, डॉ. मुकेश कुमार, कु. रिशिता, आनंद कुमार आदि ने भी उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कॉलेज के विभिन्न विभागों के शिक्षक भी उपस्थित रहे. सभी ने संकल्प लिया कि हम सदैव महर्षि अरविंदो द्वारा बताए गए मार्ग पर चल उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करेंगे.

कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार ने कहा कि महर्षि अरविंदो न केवल एक महान दार्शनिक थे बल्कि एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, योगगुरु तथा भारत की महान संस्कृति के उन्नायक भी थे. उन्होंने योग साधना और अध्यात्म के रास्ते चलकर मानवता के लक्ष्य का मार्ग प्रशस्त किया.

उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंदो ने उस जमाने की सिविल परीक्षा भी उत्तीर्ण की थीं, जिसमें लैटिन और ग्रीक भाषा का ज्ञान आवश्यक था. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उनके द्वारा बताई गई शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे.

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कॉलेज के मीडिया संयोजक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन ने कहा कि महर्षि अरविंद ने अभिभाज्य मानववाद तथा आध्यात्मिक क्रमागत उन्नति का सिद्धांत प्रस्तुत किया. आध्यत्मिक विकास करते हुए मनुष्य मानवता की अंतिम ऊंचाई तक पहुंच सकता है.

उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंदो ने अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें द लाइफ डिवाइन व काव्य ग्रंथ सावित्री अत्यधिक प्रसिद्ध है. उनके जन्म के 100 वर्ष पूर्ण होने के दिन हमारे कॉलेज श्री अरविंदो महाविद्यालय की स्थापना की गई. यह कॉलेज 1972 में दिल्ली सरकार के प्रयासों से बनाया गया. इस साल कॉलेज अपना गोल्डन जुबली समारोह मना रहा है जिसके अंतर्गत सालभर कार्यक्रम चलेंगे.

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