नई दिल्ली: फतेहपुर बेरी में MCD के मैटरनिटी एंड चाइल्ड वेलफेयर पॉलीक्लिनिक की बिल्डिंग बन कर तैयार तो हो गई है लेकिन मेडिकल स्टाफ और मरीजों के लिए अन्य सुविधाएं न के बराबर है. पॉलीक्लिनिक में सिर्फ एक गाइनकोलॉजिस्ट है. वहीं तीन मंजिला क्लीनिक में केवल 3 बेड ही मरीजों के लिए हैं. मेडिकल में आज जब हमने देखा तो काफी संख्या में भीड़ थी. बताया जा रहा है कि स्टाफ की कमी के कारण यहां सिर्फ ओपीडी चलती है वह भी पूरी तरह काम नहीं कर रही.
साल की शुरूआत में बिल्डिंग बनकर तैयार होने के बाद मरीजों की तादाद काफी बढ़ी है लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण सभी को इलाज नहीं मिल पा रहा है. मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण अब मैटरनिटी केस भी काफी कम आ रहे हैं. आसपास के इलाकों से मजबूरी में ही मरीज यहां आते हैं. मरीजों की जांच समय पर नहीं हो पा रही है हैरानी की बात है कि गर्भवती महिला और बच्चों के राज के लिए बने इस पॉलीक्लिनिक में मरीजों के लिए लिफ्ट की व्यवस्था भी नहीं है.
पिछले हफ्ते एक गर्भवती महिला सीढ़ियों से गिर गई थी इस पर काफी हंगामा हुआ था. उस महिला को पहली मंजिल पर डॉक्टर को दिखाने जाना था. इसके अलावा क्लीनिक की सफाई भी नियमित तौर पर नहीं होती है 3 मंजिला बिल्डिंग की सफाई के लिए महज 2 सफाई कर्मचारी हैं, वहीं अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि लिफ्ट की सुविधा जल्द ही शुरू हो जाएगी और इसको लेकर काम चल रहा है.
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वहीं इस पूरे मामले पर छतरपुर के पूर्व बीजेपी विधायक ब्रह्म सिंह तंवर ने बताया कि दिल्ली सरकार की वजह से फंड न मिल पाने के कारण एमसीडी की हालत काफी खराब है. अगर केजरीवाल सरकार समय पर एमसीडी का बकाया भुगतान करती है तो डिस्पेंसरी में लिफ्ट और डॉक्टरों की संख्या में बढ़ाई जा सकती है लेकिन ऐसा दिल्ली की सरकार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निकम्मी हो चुकी है और जनता को वर्ग लाकर राजनीति में आई है. शायद दिल्ली का दुर्भाग्य सीएम दिल्ली को मिला है.
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वहीं इस मामले पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सूर्यान ने बताया कि आज के समय सबसे ज्यादा काम निगम कर्मियों ने किया है लेकिन दिल्ली सरकार में नाकाम रही है और फंड में देरी के चलते MCD की हालत ऐसी हो रही है. उनका कहना है कि जो भी समस्या पॉलीक्लिनिक में है, वह जल्दी ठीक कर दी जाएगी और स्टाफ की संख्या बढ़ा दी जाएगी.