नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में बदरपुर व तुगलकाबाद विधानसभा में ’किसान कल्याण कानून समर्थन यात्रा’ का आयोजन किया गया. सांसद बिधूड़ी ने बताया कि इस यात्रा का आयोजन 21 से 25 दिसंबर तक दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों में किया जाएगा और शाम तक यात्रा समापन जिस गांव में होगा वहीं सांसद का रात्रि प्रवास रहेगा.
25 दिसंबर को होगा यात्रा का समापन
सांसद रमेश बिधूड़ी की ’किसान कल्याण कानून समर्थन यात्रा’ में कृषि कानूनों पर चर्चा की जाएगी. उन्हें कानून के लाभों की जानकारी विस्तार से दी जाएगी. 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसान सम्मान निधि की 7वीं किश्त किसानों के खाते में डालने पर यात्रा का अंतिम समापन किया जाएगा.
'मोदी जी ने समझी किसानों की पीड़ा'
यात्रा के दौरान रमेश बिधूड़ी ने कहा कि सरकार ने अपने स्तर पर अनेक प्रयास किए, जिससे देश के किसानों में कृषि कानून को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम दूर हो सके. इसमें सरकार को बहुत हद तक सफलता भी हासिल हुई. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के विकास व उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण ही देश का किसान सरकार का समर्थन कर रहा है. हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है. मोदी जी ने किसान पीड़ा को समझते हुए किसान सम्मान निधि की घोषणा की, जिससे प्रत्येक वर्ष देश के 14.5 करोड़ किसानों के खाते में ₹6000 की राशि दी जा रही है जिसको वह अपनी खेती में होने वाले व्यय के लिए खर्च करता है और सम्मान के साथ अपना जीवन-यापन कर पा रहा है.
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'कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष फैला रहा विपक्ष'
साथ ही रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कांग्रेस व अन्य दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि इन नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म कर दिया जाएगा. नए कृषि कानून एमएसपी को बिल्कुल प्रभावित नहीं करते हैं. एमएसपी प्रणाली पूर्व की तरह ही जारी रहेगी. बीते 6 सालों में एमएसपी में लगातार वृद्धि की गई है. मोदी जी किसानों की आय 2022 तक दुगना करने के लिए संकल्पबद्ध है. इसी क्रम में मोदी सरकार द्वारा नए कृषि कानून बनाए गए हैं. इन कानूनों के बनने से आज किसान के पास मंडी के अलावा अन्य विकल्प भी खुल गए हैं जिससे वह स्वतंत्र होकर अपनी इच्छा अनुसार अपनी फसल बेच सकें. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व वामपंथी दल जिनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो चुका है वह भ्रम फैलाने की राजनीति करके अपनी खोई हुई जमीन वापस पाना चाहते हैं. वह यह भ्रम फैला रहे हैं कि इस नए कानून से किसान की जमीन पूंजीपतियों को दे दी जाएगी. परंतु सच यह है कि इन कानूनों के तहत किसानों की जमीन की बिक्री या गिरवी रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. नए कानून से किसान का किसी व्यक्ति से होने वाला करार सिर्फ फसलों का होगा ना कि जमीन का.
गांवों में जनता ने किया सांसद का स्वागत
रविवार को किसान कल्याण कानून समर्थन यात्रा शहीद भगत सिंह चौक, जैतपुर गांव (बदरपुर) से प्रारंभ होकर हरी नगर, मीठापुर, ताजपुर, मोलड़बंद, बदरपुर, प्रहलादपुर, तुगलकाबाद, तेहखंड आदि गांवों से होते हुए गुजरी. जहां गांववासियों व बुजुर्गों ने सांसद का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया. इस यात्रा का समापन हरकेश नगर गांव में किया गया. इस पूरी यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए.