नई दिल्ली: एक तरफ देश में जीनव रक्षक चीजों के मुनाफाखोर कालाबाजारी करने वालों ने अमानवीयता की हदें पार कर दी हैं. दूसरी तरफ इस संकट के वक्त कुछ लोगों ने अपनी इंसानियत की ऐसी मिसाल दी कि लोग सुनकर दंग रह गए.
आज जब लोग कफन को बेचकर भी पैसा कमाने का धंधा करने में लगे, उस वक्त करोल बाग के कारोबारी जिनके कारोबार के दरवाजों पर लॉकडाउन का ताला लग चुका है. ऐसे में कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे लोगों की मदद कर रहे हैं. ऑक्सीजन के लिए फ्री ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर देकर मदद कर रहे हैं.
कंसन्ट्रेटर बंटवाने का काम करोल बाग थाने के एक हवलदार संदीप चावला और एक सिपाही विजेंद्र ने कर दिखाया. इन दोनों पुलिस कर्मियों को लोगों को बचाने के प्रेरित किया. इन दोनों पुलिस कर्मियों के कहने पर कारोबारीयों ने पहले 20 कंसन्ट्रेटर मंगा लिए. इसके बाद यह कंसन्ट्रेटर उन घरों में भेजे गए, जिन लोगों को ऑक्सीजन की तुरन्त जरूत पड़ रही थी.
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इन लोगों ने उत्साहित होकर 10 कंसन्ट्रेटर ओर बांटने के लिए मंगाए, जिससे और लोगों को बचाया जा सके. इस तरह यह कंसन्ट्रेटर लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं. जो ठीक हो जाता है, वो इनको कंसन्ट्रेटर वापिस कर देता है. यह उस कंसन्ट्रेटर को किसी दूसरे मरीज को दे देतें हैं. इस तरह इन लोगों ने कंसन्ट्रेटर मदद की श्रंखला बना ली है.
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हवलदार संदीप चावला ने करोल बाग में सड़कों पर डेरा डाले गरीब लोगों को इस लॉकडाउन के कारण भुखों मरने से बचाया. करोल बाग पुलिस और स्थानीय कारोबारी मिलकर रोजाना लोगों को खाना भी खिला रह हैं. हवलदार संदीप ने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कार्य यह किया कि इलाके के कारोबारी लोगों से कई ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
मंगवाकर, ऐसे लोगों तक पहुंचाए जो ऑक्सीजन के बिना जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे.
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मरीजों का जीवन बचाने के लिए कई दर्जन कंसन्ट्रेटर मंगा कर फ्री इस्तेमाल के लिए दिए हैं. इस प्रकार करोल बाग के यह दो पुलिसकर्मी कारोबारियों को मदद के लिए प्रेरित करके संकटमोचक बनकर काम कर रहे हैं.