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कैंपस का 'कप्तान': लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने कहा- कैंपस के मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव को लेकर एसएफआई की उम्मीदवार आइशी का कहना है कि वह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी मुद्दे उठाएंगी जो छात्र हित से संबंधित हों.

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Published : Aug 29, 2019, 10:04 AM IST

लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने ईटीवी भारत से की बातचीत etv bharat

नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही चुनावी हलचल और तेज हो गई है. लेफ्ट यूनिटी और एसएफआई की तरफ से आइशी घोष को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुना गया है. इस चुनाव को लेकर आइशी का कहना है कि वह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी मुद्दे उठाएंगी जो छात्र हित से संबंधित हों. उनका रुझान विशेष तौर पर एबीवीपी और आरएसएस जैसे संगठनों का विरोध करना होगा जो नहीं चाहते कि जेएनयू आगे बढ़े. इसके अलावा छात्रों की फीस, हॉस्टल की समस्या, मेडिकल सुविधा और महिला सुरक्षा उनके अहम चुनावी मुद्दे होंगे.

लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने ईटीवी भारत से की बातचीत

'इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा'
लेफ्ट यूनिटी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष ने कहा कि जेएनयू के नाम को बेवजह बदनाम किया जा रहा है, इसको लेकर वह छात्रों को जागरूक करेंगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जेएनयू में लगातार फंड की कटौती की जा रही है और हर बार यही कहा जाता है कि फंडस की कमी है, जबकि फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है. सरकार से भी ग्रांट मिलती है और फाइन के तौर पर भी कॉलेज प्रशासन लाखों रुपये वसूलते हैं. ऐसे में हर बार छात्रों की समस्याओं को यह कहकर टाल देना कि फंड की कमी है इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा.

'नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं शिक्षक'
आइशी ने कहा कि माइनॉरिटी और मार्जिनलाइज्ड छात्रों के लिए भी नेट और जेआरएफ अनिवार्य कर दिया गया है जोकि स्वीकार्य नहीं है और इसलिए इस छात्र संघ चुनाव में यह भी एक अहम मुद्दा रहेगा. इसके अलावा हॉस्टल की समस्या को भी वह एक अहम मुद्दा मानकर छात्रों के सामने रखेंगी. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों की फीस में कई गुना इजाफा कर दिया गया है, उसके बाद भी हॉस्टल की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इसलिए यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है जिसे छात्रों के बीच रखना बहुत जरूरी है.

JNU Left unity candidate Aishi Ghosh interview with etv bharat
लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने ईटीवी भारत से की बातचीत

साथ ही उन्होंने कहा कि एमबीए के छात्रों से भी मोटी रकम फीस के तौर पर वसूली जा रही है, इसके बाद भी ना ही उन्हें सही मायने में शिक्षक मुहैया कराए जा रहे हैं और ना ही रहने की अच्छी सुविधा दी जा रही है.

'मूर्तियों पर करते हैं लाखों खर्च'
उन्होंने कहा कि छात्रों के हित की बात आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन फंड की कमी होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है जबकि मूर्तियां बनाने में लाखों रुपये खर्च कर देता है.

बता दें कि जेएनयू छात्र संघ के लिए 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट आयोजित किया जाएगा. वहीं इलेक्शन 6 तारीख को होंगे और उसी दिन से वोट की गिनती भी शुरू हो जाएगी और अनुमान है कि अगले दिन देर शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा.

नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही चुनावी हलचल और तेज हो गई है. लेफ्ट यूनिटी और एसएफआई की तरफ से आइशी घोष को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुना गया है. इस चुनाव को लेकर आइशी का कहना है कि वह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी मुद्दे उठाएंगी जो छात्र हित से संबंधित हों. उनका रुझान विशेष तौर पर एबीवीपी और आरएसएस जैसे संगठनों का विरोध करना होगा जो नहीं चाहते कि जेएनयू आगे बढ़े. इसके अलावा छात्रों की फीस, हॉस्टल की समस्या, मेडिकल सुविधा और महिला सुरक्षा उनके अहम चुनावी मुद्दे होंगे.

लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने ईटीवी भारत से की बातचीत

'इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा'
लेफ्ट यूनिटी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष ने कहा कि जेएनयू के नाम को बेवजह बदनाम किया जा रहा है, इसको लेकर वह छात्रों को जागरूक करेंगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जेएनयू में लगातार फंड की कटौती की जा रही है और हर बार यही कहा जाता है कि फंडस की कमी है, जबकि फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है. सरकार से भी ग्रांट मिलती है और फाइन के तौर पर भी कॉलेज प्रशासन लाखों रुपये वसूलते हैं. ऐसे में हर बार छात्रों की समस्याओं को यह कहकर टाल देना कि फंड की कमी है इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा.

'नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं शिक्षक'
आइशी ने कहा कि माइनॉरिटी और मार्जिनलाइज्ड छात्रों के लिए भी नेट और जेआरएफ अनिवार्य कर दिया गया है जोकि स्वीकार्य नहीं है और इसलिए इस छात्र संघ चुनाव में यह भी एक अहम मुद्दा रहेगा. इसके अलावा हॉस्टल की समस्या को भी वह एक अहम मुद्दा मानकर छात्रों के सामने रखेंगी. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों की फीस में कई गुना इजाफा कर दिया गया है, उसके बाद भी हॉस्टल की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इसलिए यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है जिसे छात्रों के बीच रखना बहुत जरूरी है.

JNU Left unity candidate Aishi Ghosh interview with etv bharat
लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार ने ईटीवी भारत से की बातचीत

साथ ही उन्होंने कहा कि एमबीए के छात्रों से भी मोटी रकम फीस के तौर पर वसूली जा रही है, इसके बाद भी ना ही उन्हें सही मायने में शिक्षक मुहैया कराए जा रहे हैं और ना ही रहने की अच्छी सुविधा दी जा रही है.

'मूर्तियों पर करते हैं लाखों खर्च'
उन्होंने कहा कि छात्रों के हित की बात आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन फंड की कमी होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है जबकि मूर्तियां बनाने में लाखों रुपये खर्च कर देता है.

बता दें कि जेएनयू छात्र संघ के लिए 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट आयोजित किया जाएगा. वहीं इलेक्शन 6 तारीख को होंगे और उसी दिन से वोट की गिनती भी शुरू हो जाएगी और अनुमान है कि अगले दिन देर शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा.

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही चुनावी हलचल और तेज हो गई है. वहीं लेफ्ट यूनिटी और एसएफआई की तरफ से आइशी घोष को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुना गया है. वहीं इस चुनाव को लेकर आइशी का कहना है कि वह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में व सभी मुद्दे उठाएंगी जो छात्र हित से संबंधित हो. उनका रुझान विशेष तौर पर एबीवीपी और आरएसएस जैसे संगठनों को अवरुद्ध करना होगा जो नहीं चाहते कि जेएनयू भी आगे बढ़े. इसके अलावा छात्रों की फीस, हॉस्टल की समस्या, मेडिकल सुविधा और महिला सुरक्षा आदि उनके अहम चुनावी मुद्दे होंगे.


Body:लेफ्ट यूनिटी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष ने कहा कि इस चुनाव के दौरान उनका पहला कदम होगा आरएसएस और एबीवीपी जैसी ताकतों को अवरुद्ध करना. उनका कहना है कि जेएनयू के नाम को बेवजह बाहर बदनाम किया जा रहा है इसको लेकर वह छात्रों को जागरूक करेंगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जेएनयू में लगातार फंड्स की कटौती की जा रही है और हर बार यही कहा जाता है कि फंडस की कमी है जबकि फीस में भी बढ़ोतरी कर दी गई है, सरकार से भी ग्रांट मिलती है और फाइन के तौर पर भी कॉलेज प्रशासन लाखों रुपए वसूलते हैं. ऐसे में हर बार छात्रों की समस्याओं को यह कहकर टाल देना कि फंड की कमी है इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा.

वहीं आइशी ने कहा कि माइनॉरिटी और मार्जिनलाइज्ड छात्रों के लिए भी नेट और जेआरएफ अनिवार्य कर दिया गया है जो कि स्वीकार्य नहीं है और इसलिए इस छात्र संघ चुनाव में यह भी एक अहम मुद्दा रहेगा. इसके अलावा हॉस्टल की समस्या को भी वह एक अहम मुद्दा मानकर छात्रों के सामने रखेंगी. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों की फीस में कई गुना इजाफा कर दिया गया है उसके बाद भी हॉस्टल की स्थिति दयनीय बनी हुई है इसलिए यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है जिसे छात्रों के बीच रखना बहुत जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि एमबीए के छात्रों से भी मोटी रकम फीस के तौर पर वसूली जा रही है इसके बाद भी ना ही उन्हें सही मायने में शिक्षक मुहैया कराए जा रहे हैं और ना ही रहने की अच्छी सुविधा दी जा रही है.

वहीं उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि छात्रों के हित की बात आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन फंड की कमी होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है जबकि मूर्तियां बनाने में लाखों रुपए खर्च कर देता है वहीं आइशी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ब्रेल भी मुहैया नहीं करवाई है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इसके अलावा कैंपस में छात्रों के लिए मेडिकल सुविधा भी 24x7 उपलब्ध नहीं होती यह भी एक बड़ा मुद्दा है जो छात्र संघ चुनाव के दौरान जरूर उठाया जाएगा.

वहीं उन्होंने बताया कि जेएनयू अनुसंधान कार्यों के लिए जाना जाता है जिसमें लाखों छात्र शोध करने के लिए आते हैं पर यह कॉलेज प्रशासन की लापरवाही है कि शोध के लिए जिन जर्नल्स की आवश्यकता होती है उन्हें डाउनलोड ही नहीं किया जा सकता इस परेशानी से आए दिन छात्र दो-चार होते रहते हैं और इसलिए यह भी चुनाव में एक अहम मुद्दा रहेगा


Conclusion:बता दें कि जेएनयू छात्र संघ के लिए 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट आयोजित किया जाएगा. वहीं इलेक्शन 6 तारीख को होंगे और उसी दिन से वोट की गिनती भी शुरू हो जाएगी और अनुमान है कि अगले दिन देर शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा.

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