नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के कारण विश्वविद्यालय में प्रशासनिक कार्य काफी प्रभावित हो रहा है.
जेएनयू प्रशासन कई बार छात्रों को प्रदर्शन वापस लेने की अपील कर चुकी है पर अभी भी विरोध जारी है. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि छात्र प्रदर्शन करके प्रशासनिक कार्य में गतिरोध उत्पन्न कर रहे हैं जिसके चलते विश्वविद्यालय में काम करने वाले स्थाई कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं.
पत्र जारी कर की प्रदर्शनकारी छात्रों से अपील
जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने एक पत्र जारी किया है जिसमें प्रदर्शनकारी छात्रों से अपील की है कि वे अपने आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म कर अपनी कक्षाओं में वापस जाएं. पत्र में ये बातें हैं मौजूद-
- प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा प्रशासनिक भवन का घेराव करने के कारण से कई प्रशासनिक कार्य ठप हो गए हैं.
- जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस, स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज, स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स को भी छात्रों ने बंद कर रखा है जिससे आगामी परीक्षाओं की तैयारी करने में जुटे छात्रों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं.
- अगर छात्र ऐसे ही अपनी मनमानी कर प्रशासनिक भवन को बंद रखेंगे तो यहां कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं दी जा सकेगी जिससे उनका पूरा परिवार प्रभावित होगा.
- इतना ही नहीं, कई मेडिकल बिल, छात्रों के फेलोशिप फॉर्म सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियां भी लंबित हैं. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित अंतरराष्ट्रीय छात्र हो रहे हैं जिनका वीजा खत्म होने की डेडलाइन पास आ रही है.
छात्र कर रहे हैं अपील को अनसुना
प्रमोद कुमार के मुताबिक बार-बार प्रशासनिक भवन को खाली कराने की अपील की जा रही है जिसे छात्र अनसुना कर रहे हैं. इस प्रदर्शन की वजह से परीक्षा की तैयारी भी प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए जेएनयू प्रशासन फिर से छात्रों से अपील करता है कि वह अपनी इस तरह की अनैतिक गतिविधियों को रोक दें जिससे आगामी परीक्षाएं निर्धारित समय से शुरू की जा सके और हजारों छात्रों का कैरियर बचाया जा सके.