नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की एक बैठक दिल्ली प्रदेश कार्यालय में आयोजित की गई. जिसमें देश के मौजूदा हालात, खासकर एनआरसी को लेकर मुस्लिमों में बेचैनी, जम्मू-कश्मीर के हालात जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इस मीटिंग में कहा गया कि यदि एनआरसी सिर्फ मुसलमानों पर थोपा गया तो उसका विरोध किया जाएगा. साथ ही मीटिंग में यह भी तय किया गया कि जमीअत के आगामी सम्मेलन में तीन शख्सियत को उनकी अहम सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा, ताकि इन लोगों के कामों से प्रेरणा लेकर लोग आगे बढ़ सके.
जमीअत चलाएगी सदस्यता अभियान
जमीअत की बैठक में 21 सदस्यों वाली कमेटी के कुछ लोगों को छोड़कर सभी अहम पदाधिकरी शामिल हुए. बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मौलाना आबिद कासमी ने बताया कि मौजूदा कमेटी का कार्यकाल पूरा होने को है. दो महीने के बाद कमेटी के चुनाव भी होने हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जमीअत सदस्यता अभियान भी चलाएगा. जिसके तहत घर-घर पहुंचकर और कैंप लगाकर लोगों को जमीअत का मेंबर बनाया जाएगा.
'एनआरसी सिर्फ मुसलमानों पर थोपा तो होगा विरोध'
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की बैठक में यह तय किया गया कि अगर एनआरसी देश के मुसलमानों पर जबरदस्ती थोपा गया तो हम उसका विरोध करेंगे. अगर एनआरसी सभी देशवासियों के लिए किया जा रहा है तो जमीअत दिल्ली प्रदेश एनआरसी का समर्थन करेगा. साथ ही सामाजिक, राजनीतिक और आम दिल्ली वालों से भी अपील की गई कि निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जा रहे वोटर कार्ड और आधार के बीच लिंक के काम को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ किया जाए.
'कश्मीर और कश्मीरी हिन्दुस्तान का हिस्सा'
जमीअत की बैठक में जम्मू और कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर भी चर्चा हुई. जम्मू कश्मीर को लेकर दिल्ली प्रदेश का भी वही स्टैंड है जो जमीअत की राष्ट्रीय इकाई का है. इस दौरान सभी लोगों ने एक मत से यह बात दोहराई कि यकीनन हम कश्मीर को हिंदुस्तान का हिस्सा मानते हैं. साथ ही कश्मीरियों को भी अपना भाई मानते हैं. ऐसे में अगर कश्मीरियों पर कोई जुल्म होता है तो यह सबके लिए तकलीफदेह है. कश्मीरियों पर होने वाले जुल्म-ओ-सितम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जमीअत से जुड़ी तीन शख्सियत पर होगी सेमिनार
मौलाना आबिद कासमी ने बताया कि जमीअत के सालाना कार्यक्रम के दौरान जमीअत से जुड़ी तीन शख्सियत को उनके अहम कामों के लिए सम्मान देने के लिए चुना गया है. जिनमें अखलाक कासमी, कारी मौहम्मद मियां और मुफ़्ती जफरुद्दीन शामिल हैं. यह तीनों ही जमीअत से जुड़े रहे. इन सेमिनार के जरिये इन तीनों के जीवन और जमीअत के लिए किये जाने वाले कामों के बारे में बताया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सके.