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CAA प्रोटेस्ट: 18वें दिन लागातार रिले भूख हड़ताल पर बैठे जामिया छात्र

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Published : Jan 19, 2020, 8:33 PM IST

नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर जामिया के छात्र रिले हंगर स्ट्राइक पर बैठे हैं. जामिया के छात्रों में 18वें दिन अर्शिया, शफ्फान, अमीर हम्जा समेत 2 छात्र और भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

jamia student caa protest
रिले भूख हड़ताल पर बैठे जामिया छात्र

नई दिल्ली: सीएए और एनआरसी को लेकर जामिया के छात्रों की भूख हड़ताल का आज 18वां दिन है ये रिले हंगर स्ट्राइक पिछले 18 दिनों से लागातार जारी है और छात्रों ने अन्न, जल त्याग दिया है. उनकी मांग है कि ये कानून हर हाल में वापस होना चाहिए.

रिले भूख हड़ताल का 18वां दिन

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर रिले हंगर स्ट्राइक पर बैठे छात्र अब पहले से भी ज्यादा हौसला मंद नजर आ रहे हैं. जामिया के छात्रों में 18वें दिन अर्शिया, शफ्फान, अमीर हम्जा समेत 2 छात्र और भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

रिले भूख हड़ताल पर बैठे जामिया छात्र
छात्रा अर्शिया ने बताया कि वो रिले भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इसमें हर दिन कोई 5 से 6 स्टुडेंट स्ट्राइक पर बैठेंगे. वहीं स्टुडेंट अर्शिया का कहना है कि ये सरकार इस कानून के जरिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का काम कर रही है. एक कानून से जहां वो नागरिकता दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कागज ना होने पर बाहर कर डिटेंशन सेंटर में डाल रहे हैं, तो हमारी मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाये.

कानून वापस लेने तक संघर्ष जारी रहेगा
वहीं जामिया के ही दूसरे छात्र शफ्फान का कहना है कि जिस तरह पुलिस ने बिना परमिशन कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को मारा है. इस सबसे छात्र अभी तक मैंटली डिस्टर्ब हैं. पुलिस के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जब तक दोषियों के खिलाफ FIR नहीं हो जाती, तो हम भी भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे. ये कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा.

आपको बता दें कि इन छात्रों ने बिल्कुल खाना पीना त्याग दिया है और रिले हंगर स्ट्राइक पर बैठे छात्र और छात्राएं तब तक हंगर स्ट्राइक पर बैठेंगे. जब तक सरकार कानून वापस ना लें या उसमें बदलाव न करें. छात्रों का कहना है कि हम मर भी जाएं, संघर्ष नहीं छोड़ेंगे.

नई दिल्ली: सीएए और एनआरसी को लेकर जामिया के छात्रों की भूख हड़ताल का आज 18वां दिन है ये रिले हंगर स्ट्राइक पिछले 18 दिनों से लागातार जारी है और छात्रों ने अन्न, जल त्याग दिया है. उनकी मांग है कि ये कानून हर हाल में वापस होना चाहिए.

रिले भूख हड़ताल का 18वां दिन

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर रिले हंगर स्ट्राइक पर बैठे छात्र अब पहले से भी ज्यादा हौसला मंद नजर आ रहे हैं. जामिया के छात्रों में 18वें दिन अर्शिया, शफ्फान, अमीर हम्जा समेत 2 छात्र और भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

रिले भूख हड़ताल पर बैठे जामिया छात्र
छात्रा अर्शिया ने बताया कि वो रिले भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इसमें हर दिन कोई 5 से 6 स्टुडेंट स्ट्राइक पर बैठेंगे. वहीं स्टुडेंट अर्शिया का कहना है कि ये सरकार इस कानून के जरिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का काम कर रही है. एक कानून से जहां वो नागरिकता दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कागज ना होने पर बाहर कर डिटेंशन सेंटर में डाल रहे हैं, तो हमारी मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाये.

कानून वापस लेने तक संघर्ष जारी रहेगा
वहीं जामिया के ही दूसरे छात्र शफ्फान का कहना है कि जिस तरह पुलिस ने बिना परमिशन कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को मारा है. इस सबसे छात्र अभी तक मैंटली डिस्टर्ब हैं. पुलिस के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जब तक दोषियों के खिलाफ FIR नहीं हो जाती, तो हम भी भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे. ये कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा.

आपको बता दें कि इन छात्रों ने बिल्कुल खाना पीना त्याग दिया है और रिले हंगर स्ट्राइक पर बैठे छात्र और छात्राएं तब तक हंगर स्ट्राइक पर बैठेंगे. जब तक सरकार कानून वापस ना लें या उसमें बदलाव न करें. छात्रों का कहना है कि हम मर भी जाएं, संघर्ष नहीं छोड़ेंगे.

Intro:नई दिल्ली। CAA और NRC को लेकर जामिया के छात्रों की भूख हड़ताल का आज 18 वां दिन है ये रिलेय हंगर स्टाइक पिछले 1दिनों से लागातार जारी है और छात्रों ने अन्न, जल त्याग दिया है। उनकी मांग है कि ये कानून हर हाल में वापस होना चाहिए। Body:नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हंगर स्टाइक पर बैठे छात्र अब पहले से भी ज्यादा हौसला मंद नज़र आ रहे हैं। जामिया के छात्रों में 18 वे दिन अर्शिया, शफ्फान, अमीर हम्ज़ा समेत दो छात्र और भूख हड़ताल पर बैठे हैं। छात्रा अर्शिया ने बताया कि वो रिलेय भूख हड़ताल पर बैठे हैं इसमें हर दिन कोई 5 से 6 स्टुडेंट स्टराइक र बैठेंगे। वहीं स्टुडेंट अर्शिया का कहना है कि ये सरकार इस कानून के जरिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का काम कर रही है। एक कानून से जहां वो नागरिकता दे रहे हैं वही दूसरी तरफ कागज़ न होने पर बाहर कर डिटेंशन सेंटर में डाल रहे हैं तो हमारी मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाये। वहीं दूसरे छात्र शफ्फान जो जामिया का ही स्टुडेंट है का कहना है कि जिस तरह पुलिस बिना परमिशन केम्पस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को मारा इस सब से छात्र अभी तक मैंटली डिस्टर्ब हैं और पुलिस के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है तो हम भी भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक दोषियों के खिलाफ FIR नहीं हो जाती और ये कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
Conclusion:आपको बता दें कि इन छात्रों ने बिल्कुल खाना पीना त्याग दिया है और ये हंगर स्टाइक पर बैठे छात्रा और छात्राएं तब तक हंगर स्टाइक पर बैठेंगे जब तक सरकार कानून वापस न ले ले या उसमें बदलाव न करे। छात्रों का कहना है कि हम मर भी जाएं तब तक हम संघर्ष नहीं छोड़ेंगे।
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