नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मसले पर जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जा सकता है. वहीं यह फैसला आने से पहले जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने जामिया के छात्रों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की. साथ ही कहा कि परीक्षाएं सिर पर हैं और बेहतर होगा कि छात्र देश के कानून पर भरोसा रखें और उसके द्वारा सुनाए गए फैसले का सम्मान करें और अपनी परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें.
शिक्षक संघ ने भी की अपील
वहीं जामिया शिक्षक संघ (जेटीए) ने भी सब से अपील की है कि किसी भी धर्म के तहत नहीं बल्कि एक राष्ट्रहित में न्यायालय द्वारा जो भी फैसला लिया जाए उसका सम्मान करें और देश में शांति बनाए रखें. साथ ही कहा कि आपसी प्रेम, सौहार्द और एकता बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि देश की न्याय प्रक्रिया में किसी भी तरह का खलल ना डाला जाए. शिक्षकों ने समस्त राष्ट्र से यह अनुरोध किया है कि फैसला चाहे किसी के भी पक्ष में आए, उसको लेकर किसी भी तरह के मतभेद या विवाद खड़ा न करें.
'राजनीति से बचें'
जेटीए ने देश के लोगों से अपील की है कि संविधान का सम्मान करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें. साथ ही कहा कि न्यायालय के फैसले को लेकर किसी भी तरह की राजनीति से बचें और हर एक समुदाय व धर्म के लोग इसका सम्मान करें. वहीं जेटीए ने मीडिया से भी अनुरोध किया है कि वह देश में शांति बहाल रखने में अपनी भूमिका निभाएं और ऐसी किसी भी तरह की खबर, अफवाह, आपत्तिजनक तस्वीर सार्वजनिक करने से बचे जिससे स्थिति बिगड़ने का खतरा हो.
'एकता और शांति बहाल रखने की अपील'
उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने की भी बात कही है. साथ ही देशवासियों से आग्रह किया है कि वे इस परिस्थिति में एकता, प्रेम और सौहार्द का परिचय देते हुए सच्चे नागरिक की तरह देश के कानून को सम्मान दें और किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, टिप्पणी, झगड़े से बचें. उन्होंने सभी धार्मिक समुदायों से देश में एकता और शांति बहाल रखने की अपील की है.