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सफल ऑपरेशन के 2 साल बाद उड़ीसा लौटे जग्गा-बलिया, जब आए थे एम्स, तब जुड़े थे सिर - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 28 अगस्त 2017 को जग्गा बलिया जिनका सिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ था, उन्हें लाया गया था. आज उन्हें सफल ऑपरेशन के बाद एम्स से उड़ीसा के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है.

जग्गा-बलिया
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Published : Sep 7, 2019, 12:04 AM IST

नई दिल्ली: उड़ीसा के जग्गा बलिया जिनके बचपन से सिर एक दूसरे से जुड़े हुए थे. उनका सफल ऑपरेशन एम्स में होने के बाद आज उनको उड़ीसा भेज दिया गया है. इस सर्जरी ने न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में एक नई मिसाल कायम कर दी है.

सफल ऑपरेशन के 2 साल बाद उड़ीसा लौटे जग्गा-बलिया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 28 अगस्त 2017 को जग्गा बलिया जिनका सिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ था, उन्हें यहां लाया गया था, आज उन्हें सफल ऑपरेशन के बाद एम्स से उड़ीसा के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है. आगे का इलाज और देखरेख अब वहां के डॉक्टर करेंगे, लेकिन एम्स के इस सफल सर्जरी ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है.

जग्गा बलिया के उड़ीसा शिफ्ट होने पर शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया समेत दोनों बच्चों का ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टरों की टीम मौजूद रही.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी

डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले दो सालों से लगातार जग्गा और बलिया का ट्रीटमेंट दिल्ली के एम्स में चल रहा था. एम्स के डॉक्टरों ने जिस तरीके से नामुमकिन उपचार को सफल बना कर मिसाल कायम की है वो बेहद ही बधाई के पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि इन दोनों बच्चों के ट्रीटमेंट में काफी रिसर्च की गई. उसके बाद यह ट्रीटमेंट सफल हो पाया. उन्होंने बताया कि आज दोनों बच्चे उड़ीसा चले गए, लेकिन गुरुवार शाम को मुझे उन दोनों बच्चों के साथ कुछ समय गुजारने का मौका मिला.

आज वो दोनों ही बच्चे ठीक हैं और सबसे अहम बात जग्गा बलिया अब इतना सक्षम है कि वो आपस में बात भी करते है. इसलिए ये बड़ी बात है कि शुक्रवार को यहां से उड़ीसा जग्गा और बलिया जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हमारा चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर जा रहा है.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
जग्गा और बलिया दोनों उड़ीसा शिफ्ट किए गए

एम्स के न्यूरो सर्जन दीपक गुप्ता ने बताया कि उनके उपचार के लिए 45 घंटे तक सर्जरी की गई और 125 डॉक्टरों की टीम पिछले 2 साल से लगातार ट्रीटमेंट कर रही थी. उन्होंने बताया कि आज भले ही वे दोनों एम्स से जा रहे हो लेकिन हमारी भावनाएं उन दोनों के साथ हमेशा हैं. उनका मानना है कि उन दोनों बच्चों के उपचार के लिए पूरा टीम वर्क बेहद काम आया है.

जिसके बाद ही ये सफल उपचार हो सका है. उन्होंने बताया कि वो भले ही आज उड़ीसा जा रहे हैं लेकिन हर साल वो एम्स आएंगे जिससे कि उनके आगे ट्रीटमेंट पर नजर रखी जा सके.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

उन्होंने बताया कि जिसमें जग्गा की हालत काफी ज्यादा ठीक है तो वही बलिया अभी भी ऐसी स्थिति में है जिसे हम यह नहीं कह सकते कि वह पूरी तरह से ठीक है. इसलिए उसके उपचार और देखने के लिए डॉक्टरों को गंभीरता रखने की जरूरत है.

फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जग्गा और बलिया अपने माता-पिता के साथ उड़ीसा के कटक स्तिथ एससीबी अस्पताल में जा रहे हैं, जहां उनका उपचार चलेगा.

नई दिल्ली: उड़ीसा के जग्गा बलिया जिनके बचपन से सिर एक दूसरे से जुड़े हुए थे. उनका सफल ऑपरेशन एम्स में होने के बाद आज उनको उड़ीसा भेज दिया गया है. इस सर्जरी ने न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में एक नई मिसाल कायम कर दी है.

सफल ऑपरेशन के 2 साल बाद उड़ीसा लौटे जग्गा-बलिया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 28 अगस्त 2017 को जग्गा बलिया जिनका सिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ था, उन्हें यहां लाया गया था, आज उन्हें सफल ऑपरेशन के बाद एम्स से उड़ीसा के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है. आगे का इलाज और देखरेख अब वहां के डॉक्टर करेंगे, लेकिन एम्स के इस सफल सर्जरी ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है.

जग्गा बलिया के उड़ीसा शिफ्ट होने पर शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया समेत दोनों बच्चों का ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टरों की टीम मौजूद रही.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी

डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले दो सालों से लगातार जग्गा और बलिया का ट्रीटमेंट दिल्ली के एम्स में चल रहा था. एम्स के डॉक्टरों ने जिस तरीके से नामुमकिन उपचार को सफल बना कर मिसाल कायम की है वो बेहद ही बधाई के पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि इन दोनों बच्चों के ट्रीटमेंट में काफी रिसर्च की गई. उसके बाद यह ट्रीटमेंट सफल हो पाया. उन्होंने बताया कि आज दोनों बच्चे उड़ीसा चले गए, लेकिन गुरुवार शाम को मुझे उन दोनों बच्चों के साथ कुछ समय गुजारने का मौका मिला.

आज वो दोनों ही बच्चे ठीक हैं और सबसे अहम बात जग्गा बलिया अब इतना सक्षम है कि वो आपस में बात भी करते है. इसलिए ये बड़ी बात है कि शुक्रवार को यहां से उड़ीसा जग्गा और बलिया जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हमारा चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर जा रहा है.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
जग्गा और बलिया दोनों उड़ीसा शिफ्ट किए गए

एम्स के न्यूरो सर्जन दीपक गुप्ता ने बताया कि उनके उपचार के लिए 45 घंटे तक सर्जरी की गई और 125 डॉक्टरों की टीम पिछले 2 साल से लगातार ट्रीटमेंट कर रही थी. उन्होंने बताया कि आज भले ही वे दोनों एम्स से जा रहे हो लेकिन हमारी भावनाएं उन दोनों के साथ हमेशा हैं. उनका मानना है कि उन दोनों बच्चों के उपचार के लिए पूरा टीम वर्क बेहद काम आया है.

जिसके बाद ही ये सफल उपचार हो सका है. उन्होंने बताया कि वो भले ही आज उड़ीसा जा रहे हैं लेकिन हर साल वो एम्स आएंगे जिससे कि उनके आगे ट्रीटमेंट पर नजर रखी जा सके.

jagga baliya shift odisha after 2year from successful surgery
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

उन्होंने बताया कि जिसमें जग्गा की हालत काफी ज्यादा ठीक है तो वही बलिया अभी भी ऐसी स्थिति में है जिसे हम यह नहीं कह सकते कि वह पूरी तरह से ठीक है. इसलिए उसके उपचार और देखने के लिए डॉक्टरों को गंभीरता रखने की जरूरत है.

फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जग्गा और बलिया अपने माता-पिता के साथ उड़ीसा के कटक स्तिथ एससीबी अस्पताल में जा रहे हैं, जहां उनका उपचार चलेगा.

Intro:दिल्ली के एम्स से उड़ीसा दो साल बाद शिफ्ट हुए जग्गा-बग्गा, ट्रीटमेंट के लिए हर साल आएंगे

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 28 अगस्त 2017 को जगा बलिया जिनका सिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ था.शुक्रवार को आज दोनों ही बच्चों को एम्स से उड़ीसा के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है.आगे का उपचार और देखरेख अब वहां के डॉक्टर करेंगे, लेकिन एम्स के इस सफल सर्जरी ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है. जग्गा बलिया के उड़ीसा शिफ्ट होने पर शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया सहित दोनों बच्चो का ट्रीटमेन्ट करने वाले डॉक्टरों की टीम मौजूद रही.


Body:डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले दो सालों से लगातार जग्गा और बलिया ट्रीटमेंट दिल्ली एम्स में चल रहा था. एम्स के डॉक्टरों ने जिस तरीके से नामुमकिन उपचार को सफल बना कर मिसाल कायम की है वह बेहद ही बधाई के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों बच्चों के ट्रीटमेंट में काफी रिसर्च की गई.उसके बाद यह ट्रीटमेंट सफल हो पाया. उन्होंने बताया कि आज दोनों बच्चे उड़ीसा चले गए, लेकिन गुरुवार शाम को मुझे उन दोनों बच्चों के साथ कुछ समय गुजारने का अवसर प्राप्त हुआ. आज वे दोनों ही बच्चे ठीक हैं और सबसे अहम बात यह जग्गा अब इतना सक्षम है कि वह आपस में बात भी करते है. इसलिए यह बड़ी बात है कि शुक्रवार को यहां से उड़ीसा जग्गा और बग्गा जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हमारा चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर जा रहा है.

एम्स के न्यूरो सर्जन दीपक गुप्ता ने बताया कि उनके उपचार के लिए 45 घंटे तक सर्जरी की गई और 125 डॉक्टरों की टीम पिछले 2 साल से लगातार ट्रीटमेंट कर रही थी. उन्होंने बताया कि आज भले ही वे दोनों एम से जा रहे हो लेकिन हमारी भावना है उन दोनों के साथ हमेशा हैं. उनका मानना है कि उन दोनों बच्चों के उपचार के लिए पूरा टीम वर्क बेहद काम आया है.जिसके बाद ही यह सफल उपचार हो सका. उन्होंने बताया कि वह भले ही आज उड़ीसा जा रहे हैं लेकिन हर साल वह एम्स आएंगे जिससे कि उनके आगे ट्रीटमेंट पर नजर रखी जा सके.उन्होंने बताया कि जिसमें जग्गा की हालत काफी ज्यादा ठीक है तो वही बलिया अभी भी ऐसी स्थिति में है जिसे हम यह नहीं कह सकते कि वह पूरी तरह से ठीक है. इसलिए उसके उपचार और देखने के लिए डॉक्टरों को गंभीरता रखने की जरूरत है.


Conclusion:फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जग्गा और बलिया अपने माता-पिता के साथ उड़ीसा के कटक स्तिथ एससीबी अस्पताल में जा रहे हैं, जहां उनका उपचार चलेग.
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