नई दिल्ली: उड़ीसा के जग्गा बलिया जिनके बचपन से सिर एक दूसरे से जुड़े हुए थे. उनका सफल ऑपरेशन एम्स में होने के बाद आज उनको उड़ीसा भेज दिया गया है. इस सर्जरी ने न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में एक नई मिसाल कायम कर दी है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 28 अगस्त 2017 को जग्गा बलिया जिनका सिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ था, उन्हें यहां लाया गया था, आज उन्हें सफल ऑपरेशन के बाद एम्स से उड़ीसा के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है. आगे का इलाज और देखरेख अब वहां के डॉक्टर करेंगे, लेकिन एम्स के इस सफल सर्जरी ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है.
जग्गा बलिया के उड़ीसा शिफ्ट होने पर शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया समेत दोनों बच्चों का ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टरों की टीम मौजूद रही.
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले दो सालों से लगातार जग्गा और बलिया का ट्रीटमेंट दिल्ली के एम्स में चल रहा था. एम्स के डॉक्टरों ने जिस तरीके से नामुमकिन उपचार को सफल बना कर मिसाल कायम की है वो बेहद ही बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा कि इन दोनों बच्चों के ट्रीटमेंट में काफी रिसर्च की गई. उसके बाद यह ट्रीटमेंट सफल हो पाया. उन्होंने बताया कि आज दोनों बच्चे उड़ीसा चले गए, लेकिन गुरुवार शाम को मुझे उन दोनों बच्चों के साथ कुछ समय गुजारने का मौका मिला.
आज वो दोनों ही बच्चे ठीक हैं और सबसे अहम बात जग्गा बलिया अब इतना सक्षम है कि वो आपस में बात भी करते है. इसलिए ये बड़ी बात है कि शुक्रवार को यहां से उड़ीसा जग्गा और बलिया जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हमारा चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर जा रहा है.
एम्स के न्यूरो सर्जन दीपक गुप्ता ने बताया कि उनके उपचार के लिए 45 घंटे तक सर्जरी की गई और 125 डॉक्टरों की टीम पिछले 2 साल से लगातार ट्रीटमेंट कर रही थी. उन्होंने बताया कि आज भले ही वे दोनों एम्स से जा रहे हो लेकिन हमारी भावनाएं उन दोनों के साथ हमेशा हैं. उनका मानना है कि उन दोनों बच्चों के उपचार के लिए पूरा टीम वर्क बेहद काम आया है.
जिसके बाद ही ये सफल उपचार हो सका है. उन्होंने बताया कि वो भले ही आज उड़ीसा जा रहे हैं लेकिन हर साल वो एम्स आएंगे जिससे कि उनके आगे ट्रीटमेंट पर नजर रखी जा सके.
उन्होंने बताया कि जिसमें जग्गा की हालत काफी ज्यादा ठीक है तो वही बलिया अभी भी ऐसी स्थिति में है जिसे हम यह नहीं कह सकते कि वह पूरी तरह से ठीक है. इसलिए उसके उपचार और देखने के लिए डॉक्टरों को गंभीरता रखने की जरूरत है.
फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से जग्गा और बलिया अपने माता-पिता के साथ उड़ीसा के कटक स्तिथ एससीबी अस्पताल में जा रहे हैं, जहां उनका उपचार चलेगा.