नई दिल्ली: देश मे थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसका लक्षण बच्चे के जन्म लेने से 4 या 6 महीनें में नजर आते है. इस भयानक बीमारी के कारण कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. जिसको लेकर सराकर भी ठोस कदम रही है अब इसके साथ ही सामाजिक संस्थाएं इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की जान बचाने के लिए काम करती नजर आ रही है. इसी कड़ी में दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर में आरके फाउंडेशन फॉर लाइफ ने ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया.
100 लोगों किया रक्तदान
छतरपुर स्तिथ अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित इस ब्लड कैंप में करीब 100 लोगों ने रक्तदान किया है. इस मौके पर कार्यक्रम आयोजित करने वाले अनुज भाटी ने कहा कि उनकी संस्था का एक ही उद्देश्य है कि इस भयानक बीमारी से छोटे बच्चों को बचाया जा सके जिससे वह आगे अपना जीवन जी पाएं.
क्या है थैलेसीमिया बीमारी
WHO के अनुसार थैलेसीमिया से पीड़ित ज्यादातर बच्चे गरीब देशों में पैदा होते हैं. इस बीमारी से ग्रसित बच्चों में लक्षण जन्म से 4 या 6 महीने में नजर आते हैं. कुछ बच्चों में 5 से 10 साल में भी लक्षण दिखाई देते हैं. ये बीमारी होनें पर बच्चों की त्वचा, आंखें, जीभ और नाखून पीले पड़ने लगते हैं.